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बिहार: गोपालगंज सीट पर कभी BJP तो कभी JDU का रहा कब्जा, RJD और कांग्रेस भी ठोक रही दावा

गोपालगंज लोकसभा सीट पर कभी BJP तो कभी JDU का कब्जा रहा. जानिए इस सीट का क्या है सियासी इतिहास..

अवधेश कुमार राजन, गोपालगंज
लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बजते ही बिहार में सीट शेयरिंग व उम्मीदवारों के नामों पर कायम सस्पेंस भी हट जाएगा. सियासी दावपेच में गोपालगंज लोकसभा की आरक्षित सीट फंसी हुई है. अब तक परिदृश्य साफ नहीं हो सका है. सबके पास अपने-अपने सीट पर दावे करने के तर्क हैं, लेकिन फैसला तो राष्ट्रीय नेतृत्व को लेना है. राजनीतिक विशेषज्ञ बताते हैं कि 1952 से 84 तक गोपालगंज सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा.

कांग्रेस की लहर में निर्दलीय उम्मीदवार जीते

1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश में लोकसभा चुनाव कराया गया, तब पूरे देश में कांग्रेस की लहर रही, लेकिन गोपालगंज की जनता ने निर्दलीय प्रत्याशी काली प्रसाद पांडेय को रिकॉर्ड वोटों से जीता कर लोकसभा भेजा. कांग्रेस की लहर में भी वोटरों ने एक निर्दलीय प्रत्याशी पर भरोसा किया और तब से कांग्रेस के हाथ से यह सीट फिसल गयी. उसके बाद यह सीट राजद, जदयू व भाजपा के बीच ही रही.

2014 में भाजपा तो 2019 में जदयू ने किया कब्जा

फिलहाल गोपालगंज सीट जदयू के खाते में है. पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष डॉ आलोक कुमार सुमन सांसद हैं. समझौते में इस बार भी सीट जदयू के खाते में रहने की उम्मीद है. जबकि भाजपा की तरफ से भी इस सीट पर दावा किया जा रहा. भाजपा का मानना है कि 2014 के चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी जनक राम के खिलाफ कांग्रेस के प्रत्याशी डॉ ज्योति भारती और जदयू प्रत्याशी के अनिल कुमार चुनाव मैदान में थे. भाजपा ने रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज की. वर्ष 2019 के चुनाव में जदयू से गठबंधन होने पर भाजपा ने अपने इस सीट को जदयू के डिमांड को ध्यान में रखते हुए दे दिया. अब भाजपा को यह सीट वापस मिलनी चाहिए, इस बार त्याग जदयू को करना होगा.

कांग्रेस और राजद दोनों तरफ से हो रही दावेदारी

दूसरी ओर, इंडिया गठबंधन में गोपालगंज सीट पर कांग्रेस और राजद का अपना- अपना दावा कायम है. कांग्रेस का मानना है कि उनके पास मजबूत कैंडिडेट है. कांग्रेस अपने परंपरागत वोटों को साधने में जुटी हुई है. जबकि राजद का तर्क है कि राजद के सुप्रीमो लालू प्रसाद का गृह जिला है. बिहार के सियासत को करीब से समझने वाले लालू प्रसाद इस सीट पर खुद अपने उम्मीदवार तय करेंगे. तेजस्वी यादव को लेकर जनता में उत्साह भी है.

गोपालगंज में कब कौन रहे सांसद

11952: सैयद महमूद, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

1957: सैयद महमूद, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

1962: द्वारिका नाथ तिवारी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

1967: द्वारिका नाथ तिवारी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

1971: द्वारिका नाथ तिवारी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

1977: द्वारिका नाथ तिवारी, जनता पार्टी

1980: नगीना राय, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

1984: काली प्रसाद पांडेय, स्वतंत्र

1989: राज मंगल मिश्रा, जनता दल

1991: अब्दुल गफ़ूर, राष्ट्रीय जनता दल

1996: लाल बाबू प्रसाद यादव, राष्ट्रीय जनता दल

1998: अब्दुल गफ़ूर, समता पार्टी

1999: रघुनाथ झा, समता पार्टी

2004: अनिरुद्ध प्रसाद यादव,उर्फ साधु यादव- राष्ट्रीय जनता दल

2009: पूर्णमासी राम, जनता दल (यूनाइटेड)

2014: जनक राम, भारतीय जनता पार्टी

2019:. डॉ.आलोक कुमार सुमन, जनता दल यूनाइटेड

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