अब निजी कंपनियां गुजरात सरकार के लिए बनायेंगी निजी सुरक्षा उपकरण
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए गुजरात सरकार ने स्वास्थ्य कर्मियों को जरूरी निजी सुरक्षा उपकरणों को निजी कंपनियों से लेकर देगी. सरकार ने निजी कंपनियों से पीपीई तथा एन95 मास्क लेना शुरू कर दिया है.
अहमदाबाद : कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए गुजरात सरकार ने स्वास्थ्य कर्मियों को जरूरी निजी सुरक्षा उपकरणों को निजी कंपनियों से लेकर देगी. सरकार ने निजी कंपनियों से पीपीई तथा एन95 मास्क लेना शुरू कर दिया है.
मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने कुछ दिन पहले कहा था कि राज्य की एक निजी क्षेत्र की कंपनी ने किफायती वेंटिलेटरों का निर्माण किया है और उनकी आपूर्ति जल्द सरकारी अस्पतालों में की जाएगी. मुख्यमंत्री के सचिव अश्विनी कुमार ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार को लगता है कि अगर स्थानीय निर्माता इस तरह के महत्वपूर्ण संसाधन मुहैया कराते हैं तो यह बेहतर होगा.
उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री रूपानी ने वायरस संक्रमण से निपटने के लिए आवश्यक संसाधनों के स्थानीय स्तर पर उत्पादन के लिए राज्य के उद्योगों का आह्वान किया है.” उन्होंने बताया कि इस पहल के तहत राजकोट की ज्योति सीएनसी कंपनी ने आवश्यक मंजूरी प्राप्त करने के बाद वेंटिलेटरों का उत्पादन शुरू कर दिया है.
जानिए क्या है पीपीई
आपको बता दें कि जहां मौतों की संख्या भारत में बढ़ती ही जा रही है, वहीं कई लोग यहां स्वस्थ्य भी हो रहे हैं. और जिनकी वजह से वे स्वस्थ्य हो रहा है वे हैं हमारे सफेद योद्धा यानी डॉक्टर, जो लगातार मरीजों का देखभाल कर रहे हैं.
जैसा की ज्ञात हो, अबतक इस वायरस का वैकसीन नहीं बन पाया है. ऐसे में डॉक्टरों को भी इससे संक्रमण होने का खतरा हो सकता है. लेकिन, उन्हें इसी संक्रमण से बचाता है पीपीई. दरअसल, पीपीई किट की वजह से ही संक्रमण के बीच काम करने के बावजूद डॉक्टर, नर्स और बाकी स्टाफ संक्रमित नहीं होते हैं.
इसे पर्सनल प्रोटेक्टिव गियर यानी व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण भी कहते हैं. ये वह उपकरण होते हैं जो एक शख्स की रक्षा में इस्तेमाल होते हैं. मौजूदा स्थिति में पीपीई शब्द का इस्तेमाल मेडिकल फील्ड के संदर्भ में किया जा रहा है. यानी डॉक्टर, नर्स या बाकी स्टाफ द्वारा कोरोना वायरस से बचने के लिए पहने जाने वाले ग्लव्स, मास्क, चश्मे, सूट आदि सभी पीपीई होते हैं.