9 साल पुराने दुष्कर्म मामले में बढ़ी आसाराम की मुश्किलें, अब गांधीनगर की अदालत से होगा सामना
आसाराम के वकील सीबी गुप्ता ने बताया कि इस मामले में आसाराम के अलावा उसकी पत्नी लक्ष्मी, बेटी भारती और चार महिला अनुयायी ध्रुवबेन, निर्मला, जसी और मीरा आरोपी हैं तथा 4 अगस्त को सीआरपीसी की धारा-313 के तहत उनके बयान दर्ज किये जायेंगे.
गुजरात में गांधीनगर की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह वर्ष 2013 के दुष्कर्म मामले में आरोपी व स्वयंभू धर्मगुरु आसाराम का बयान वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये दर्ज करेगी. इस मामले में आसाराम और 6 अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है.
4 अगस्त को होगी आसाराम की पेशी
अतिरिक्त जिला न्यायाधीश डीके सोनी ने इस सप्ताह अभियोजन पक्ष की ओर से सबूत पेश किये जाने का कार्य पूर्ण होने के बाद दंड प्रकिया संहिता (सीआरपीसी)की धारा-313 के तहत आरोपियों के और बयान दर्ज करने के लिए 4 अगस्त की तारीख तय की है.
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सीआरपीसी की धारा 313 के तहत दर्ज होंगे बयान
आसाराम के वकील सीबी गुप्ता ने बताया कि इस मामले में आसाराम के अलावा उसकी पत्नी लक्ष्मी, बेटी भारती और चार महिला अनुयायी ध्रुवबेन, निर्मला, जसी और मीरा आरोपी हैं तथा 4 अगस्त को सीआरपीसी की धारा-313 के तहत उनके बयान दर्ज किये जायेंगे.
दुष्कर्म मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है आसाराम
गौरतलब है कि वर्ष 2013 में एक किशोरी से दुष्कर्म करने के आरोप में जोधपुर (राजस्थान) की एक अदालत ने वर्ष 2018 में आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी. वह इस समय जोधपुर की जेल में है. गांधीनगर की अदालत 2013 में हुए दुष्कर्म के मामले में अहमदाबाद के चांदखेड़ा पुलिस थाने में आसाराम के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पर सुनवाई कर रही है.
आसाराम पर लगे हैं ये आरोप
आसाराम पर दुष्कर्म करने, अप्रकृतिक यौन संबंध बनाने, आपराधिक साजिश रचने, सबूतों को नष्ट करने आदि के आरोप हैं. आसाराम की पत्नी और बेटी सहित छह अन्य सह आरोपियों पर उकसाने, बंधक बनाने और साजिश रचने के आरोप हैं.
आसाराम और उसके बेटे पर लगे हैं कई आरोप
सूरत पुलिस ने पिछले साल 6 अक्टूबर को दो बहनों द्वारा दर्ज करायी गयी शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की थी. एक मामला आसाराम और दूसरा उसके बेटे नारायण साईं के खिलाफ दर्ज किया गया था. दोनों पर दुष्कर्म, यौन उत्पीड़न, अवैध रूप से बंधक बनाने सहित कई धाराएं लगायी गयी हैं. बाद में, आसाराम के खिलाफ दर्ज शिकायत को अहमदाबाद के चांदखेड़ा पुलिस थाने में स्थानांतरित कर दिया गया, क्योंकि घटना वहां के आश्रम में हुई थी.