गुजरात चुनाव 2022: अहमद पटेल के बिना कांग्रेस की राह आसान नहीं, जानें कैसे

2020 के नवंबर के महीने में कांग्रेस के दिग्गज नेता अहमद पटेल का निधन हो गया था. उन्होंने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली थी. 71 साल के पटेल कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे. गुजरात में कांग्रेस के दिग्गज नेता के निधन के बाद पार्टी की राह आसान नहीं नजर आ रही है.

By Amitabh Kumar | October 23, 2022 12:34 PM
an image

Gujarat Election 2022 : गुजरात विधानसभा चुनाव के तारीख की घोषणा कुछ दिनों के बाद कर दी जाएगी. इस बार चुनाव के लिहाज से कांग्रेस उतनी मजबूत नजर नहीं आ रही जितनी 2017 के चुनाव में वो दिखी थी. कांग्रेस को विधानसभा चुनाव 2017 में हार्दिक पटेल, जिग्नेश मेवानी और अल्पेश ठाकोर का साथ मिला था. लेकिन इन तीन नेताओं में से दो ने पार्टी का साथ छोड़ दिया है. जहां हार्दिक पटेल और अल्पेश ठाकोर ने भाजपा का दामन थाम लिया है. वहीं जिग्नेश मेवानी अभी भी कांग्रेस के साथ हैं. इन तीनों के साथ एक नाम और है जिनकी गिनती गुजरात के कद्दावर नेता में की जाती थी. जी हां…हम बात कर रहे हैं कांग्रेस के दिवंगत नेता अहमद पटेल की जिनका निधन कोरोना काल में हो गया था.

2020 के नवंबर के महीने में कांग्रेस के दिग्गज नेता अहमद पटेल का निधन हो गया था. उन्होंने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली थी. 71 साल के पटेल कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे. अहमद पटेल को गुजरात के भरूच स्थित उनके पैतृक गांव पीरामन में ही सुपुर्द-ए-खाक किया गया. अहमद पटेल की ये इच्छा थी कि उन्हें उनके माता-पिता के साथ ही दफन करने का काम किया जाए.

अहमद पटेल का राजनीतिक जीवन

कांग्रेस के दिग्गज नेता अहमद पटेल के राजनीतिक जीवन पर नजर डालें तो वे 3 बार लोकसभा के सदस्य रहे हैं. पहली बार 1977 में 26 साल की उम्र में भरूच से लोकसभा का चुनाव जीतकर अहमद पटेल संसद पहुंचे थे. कांग्रेस के दिग्गज नेता 5 बार राज्यसभा भी पहुंचे. वे 1993 से राज्यसभा सांसद थे. अहमद पटेल कांग्रेस के इतने विश्वासी नेता थे कि पार्टी ने अगस्त 2018 में उन्हें कोषाध्याक्ष नियुक्त कर दिया. हमेशा पर्दे के पीछे से राजनीति करने वाले अहमद पटेल गांधी परिवार के विश्वस्त नेताओं में आते थे. उनके बिना गुजरात का चुनाव लड़ना कांग्रेस के लिए बहुत ही मुश्किल साबित हो रहा है.

अहमद पटेल की बेटी नाराज क्यों

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल को पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी का करीबी बताया जाता था. उनके निधन से कांग्रेस को गुजरात में बड़ी क्षति हुई है. जहां एक ओर इस बार के विधानसभा चुनाव में अहमद पटेल नहीं नजर आएंगे. वहीं दिवंगत नेता की बेटी मुमताज पटेल सिद्दीकी कांग्रेस से नाराज चल रहीं हैं. एक इंटरव्यू में पिछले दिनों दिग्गज नेता की बेटी ने कहा था कि उनके पिता अहमद पटेल की मौत के बाद मैडमजी यानी सोनिया गांधी ने कुछ कांग्रेसी नेताओं से हमारी मदद करने को कहा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. मुझे पता चला है कि बहुत से लोग कांग्रेस का दामन छोड़कर जा रहे हैं. कांग्रेस छोड़ रहे कार्यकर्ताओं ने अपने गॉडफादर (अहमद पटेल) को खो दिया है.

गुजरात विधानसभा चुनाव 2017 का हाल

यदि आपको याद हो तो साल 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने पहले की तुलना में अच्छा प्रदर्शन किया था जिससे पार्टी को बल मिला था. गुजरात की 182 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस को 77 जबकि भारतीय जनता पार्टी यानी भाजपा को 99 सीटों पर जीत मिली थी. हालांकि बाद के वर्षों में कांग्रेस के कई विधायकों ने भाजपा का दामन थाम लिया था.

Exit mobile version