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Haryana Politics: नायब सिंह सैनी बने हरियाणा के नये मुख्यमंत्री, लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने किया बड़ा ‘खेला’

Haryana Politics: नायब सिंह सैनी हरियाणा के नये मुख्यमंत्री बन गए हैं. उन्हें राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने सीएम पद की शपथ दिलाई. इससे पहले सैनी ने राज्यपाल से मिलकर नयी सरकार बनाने का दावा पेश किया. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मनोहर लाल खट्टर की जगह सैनी को मुख्यमंत्री बनाना बीजेपी की बड़ी रणनीति बताई जा रही है. दूसरी ये भी खबर आ रही है कि खट्टर को लोकसभा चुनाव में उतारने की तैयारी चल रही है.

By ArbindKumar Mishra | March 18, 2024 3:37 PM
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कंवर पाल गुज्जर और मूलचंद शर्मा ने मंत्री पद की शपथ ली

Haryana Politics: नायब सिंह सैनी सरकार में कंवर पाल गुज्जर और मूलचंद शर्मा ने मंत्री के रूप में शपथ ली. राजभवन में आयोजित समारोह में सैनी और दोनों मंत्रियों को राज्यपाल दत्तात्रेय ने शपथ दिलाई. बीजेपी नेता जय प्रकाश दलाल और बीजेपी नेता बनवारी लाल ने भी हरियाणा कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ ली.

सैनी ने पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर से लिया आर्शीवाद

नायब सिंह सैनी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर की पैर छूकर आर्शीवाद लिया. शपथ ग्रहण समारोह में खट्टर मंच पर ही मौजूद थे.

निर्दलीय विधायक रणजीत सिंह भी बने मंत्री

हरियाणा की नयी सरकार में निर्दलीय विधायक रणजीत सिंह ने भी मंत्री पद की शपथ ली. राज्यपाल ने रणजीत सिंह को हरियाणा के कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाया.

नायब सिंह सैनी जब राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात करने पहुंचे, तो उनके साथ केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और हरियाणा के लिये भाजपा के प्रभारी बिप्लब देब भी थे. सैनी (54) को खट्टर का करीबी माना जाता है. खट्टर का अक्टूबर के अंत में मुख्यमंत्री के रूप में दूसरा कार्यकाल खत्म होना था.

हरियाणा में पीएम मोदी ने की थी खट्टर की तारीफ

भाजपा ने लोकसभा चुनाव से कुछ सप्ताह पहले यह आश्चर्यजनक कदम उठाया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार को हरियाणा में ही थे. गुरुग्राम में एक सरकारी कार्यक्रम में उन्होंने खट्टर की जमकर तारीफ की थी. तब किसी को यह अंदाजा नहीं था कि अगले ही दिन खट्टर को इस्तीफा देना पड़ जाएगा.

जमीन से जुड़े ओबीसी नेता हैं नायब सिंह सैनी

सैनी का जन्म 25 जनवरी 1970 को अंबाला जिले के मिर्जापुर माजरा नामक गांव में हुआ था. कानूनी की पढ़ाई करने वाले सैनी के खट्टर के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध हैं और ये आरएसएस के दिनों से चले आ रहे हैं. सैनी 2014 और 2019 के बीच खट्टर कैबिनेट में मंत्री भी थे. उन्होंने विधायक रहते हुए 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था. पिछले तीन दशकों के दौरान, सैनी ने भाजपा की राज्य इकाई में कई पदों पर काम किया और प्रदेश भाजपा किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष और महासचिव रहे. वह 2002 में अंबाला के लिए प्रदेश भाजपा की युवा शाखा के जिला महासचिव थे और तीन साल बाद जिला अध्यक्ष बने. वह 2014 में नारायणगढ़ विधानसभा क्षेत्र चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने थे. साल 2019 के लोकसभा चुनावों में, सैनी ने कुरुक्षेत्र सीट से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के निर्मल सिंह को 3,84,591 मतों के अंतर से हराया था. सैनी को 2019 में भाजपा के सांसद रहे आरके सैनी के विद्रोह के बाद कुरुक्षेत्र सीट से मैदान में उतारा गया था.

सैनी को अचानक मुख्यमंत्री बनाने के क्या हैं मायने

नायब सिंह सैनी को हरियाणा का अगला मुख्यमंत्री चुने जाने की घोषणा आश्चर्यजनक और अप्रत्याशित थी, लेकिन भाजपा इस तरह के हैरानी भरे फैसलों के लिए जानी जाती है और 2014 में पार्टी ने इसी प्रकार मनोहर लाल खट्टर को इस पद के लिए चुना था. सत्तारूढ़ भाजपा ने यह आश्चर्यजनक कदम लोकसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले उठाया है जबकि हरियाणा में अक्टूबर में विधानसभा चुनाव भी होने हैं. इससे पहले, मंगलवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उनके सभी कैबिनेट मंत्रियों ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को अपना इस्तीफा सौंप दिया. इससे पहले जब बीजेपी ने राज्य इकाई के प्रमुख के रूप में सैनी की नियुक्ति किया था, तो इसे ओबीसी और गैर-जाट समुदायों पर पकड़ मजबूत करने के मकसद से पार्टी के एक महत्वपूर्ण कदम के तौर पर देखा गया था. राज्य में सबसे अधिक आबादी वाले समुदाय जाट का समर्थन बड़े पैमाने पर कांग्रेस, जननायक जनता पार्टी (जजपा) और इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) के बीच बंटा हुआ माना जाता है. इसके अलावा, सैनी को मुख्यमंत्री चुने जाने को खट्टर सरकार के खिलाफ जारी सत्ता विरोधी लहर से निपटने के लिहाज से उठाए गए कदम के रूप में भी देखा जा रहा है. हरियाणा में सैनी समुदाय की आबादी करीब आठ फीसदी है. यह समुदाय हरियाणा के कई उत्तरी जिलों के अलावा अंबाला, कुरूक्षेत्र और हिसार समेत कुछ अन्य जिलों में भी प्रभाव रखता है.

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