Loading election data...

झारखंड: हाथियों के झुंड ने चाकुलिया गौशाला की फसलों को रौंदा, लाखों का नुकसान

Elephants Havoc: झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले की चाकुलिया गौशाला सब्जी उत्पादन में अग्रणी है, लेकिन जंगली हाथियों ने उत्पात मचाकर सब्जियों को रौंद डाला. इससे काफी नुकसान हुआ है.

By Guru Swarup Mishra | February 22, 2024 4:30 PM
an image

चाकुलिया (पूर्वी सिंहभूम), राकेश सिंह: हाथियों के उत्पात से चाकुलिया गौशाला प्रबंधन काफी परेशान है. हाथियों के झुंड खेतों में घुस कर सब्जियों को बर्बाद कर रहे हैं. इससे इन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. दूध उत्पादन के साथ-साथ सब्जी उत्पादन में भी झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले की चाकुलिया गौशाला अग्रणी है, लेकिन जंगली हाथियों ने उत्पात मचाकर इनकी परेशानी बढ़ा दी है.

हाथियों के उत्पात से गौशाला को लाखों का नुकसान
चाकुलिया गौशाला के सचिव आलोक लोधा ने बताया कि हाथियों का उत्पात नहीं रहता तो चाकुलिया गौशाला पूरे चाकुलिया के लोगों को सब्जी खिलाने में सक्षम है. 65 एकड़ में फैली गौशाला के पास लगभग 50 एकड़ कृषि योग्य भूमि है, जहां स्वीट कॉर्न (मक्का), मटर, टमाटर, लौकी समेत अलग-अलग प्रकार की फूलगोभी, बंदा गोभी, भिंडी, खीरा, ककड़ी की भरपूर खेती की जाती है. सबसे खास बात यह है कि गौशाला में जैविक खेती होती है. गौशाला में सब्जियों की फसलों में किसी भी प्रकार के रासायनिक खाद का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. इस कारण इसे स्वास्थ्य के लिए बेहतर माना जाता है. क्षेत्र के लोगों के लिए सस्ती कीमत में उपलब्ध भी हो जाती है, परंतु हाल के दिनों में जंगली हाथियों के उत्पात के कारण गौशाला की सब्जी की खेती को नुकसान पहुंचा है. इससे गौशाला को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है.

झारखंड: पूर्वी सिंहभूम में हाथियों ने मचाया उत्पात, हमले में क्यूआरटी टीम के एक सदस्य की मौत, छह लोग घायल

स्वीट कॉर्न के खेत में घुसा जंगली हाथी, किया बर्बाद
चाकुलिया गौशाला में लंबे समय से स्वीट कॉर्न की खेती की जाती है. चाकुलिया गौशाला के स्वीट कॉर्न की मांग चाकुलिया के अलावा आसपास के बड़े शहरों में भी खूब है, परंतु पिछले तीन-चार वर्षों से गौशाला में स्वीट कॉर्न की खेती नहीं हो पा रही है. इस वर्ष स्वीट कॉर्न उगाया गया. मकई लगते ही पिछले मंगलवार को जंगली हाथी गौशाला में घुस गया और मक्के की फसल को बर्बाद कर दिया. इस वर्ष गौशाला में मटर की फसल काफी अच्छी हुई है. मटर को बेचकर चाकुलिया गौशाला को 30 से 40 हजार रुपए का मुनाफा होगा. दो बीघा जमीन में लगे टमाटर की पैदावार भी काफी अच्छी हुई है. चाकुलिया गौशाला को 20 से 25 हजार रुपए का मुनाफा हुआ है. जंगली हाथियों ने एक बीघा में लगी लौकी व 5 बीघा में लगी स्वीट कार्न की फसल को बर्बाद कर दिया.

झारखंड: कुएं में गिरा हाथी, रेस्क्यू में जुटी वन विभाग की टीम, आठ घंटे बाद भी नहीं मिली सफलता

ब्रोकली, नीली गोभी, पीली गोभी और सफेद गोभी का उत्पादन
चाकुलिया गौशाला में चार प्रकार की गोभी उगायी जा रही है. आमतौर पर बाजार में बिकने वाली सफेद गोभी के साथ-साथ नीली गोभी, पीली गोभी तथा ब्रोकली की खेती गौशाला में की जा रही है. लगभग दो बीघे में गोभी की फसल उगाई जा रही है.

Exit mobile version