बिहार: औरंगाबाद में जवानों को उड़ाने की नक्सली साजिश नाकाम, जंगल में मिले IED बमों को किया गया डिफ्यूज
बिहार के औरंगाबाद में नक्सलियों की साजिश पर पुलिस ने पानी फेर दिया और जमीन में गाड़े IED बरामद किए.
सुजीत कुमार सिंह: बिहार के औरंगाबाद जिले में नक्सलियों की बड़ी साजिश को पुलिस ने नाकाम कर दिया. अति नक्सल प्रभावित मदनपुर प्रखंड अंतर्गत दक्षिणी इलाके में पुलिस को बम से उड़ाने की साजिश नक्सलियों ने रची थी. समय रहते सुरक्षा बलों ने चार आईईडी को खोजकर उसी जगह पर विनष्ट कर दिया और नक्सलियों की तैयारियों पर पानी फेर दिया.
सुरक्षाबलों को उड़ाने की थी साजिश..
जानकारी मिली कि नक्सलियों के खिलाफ अभियान में लगे सुरक्षा बलों को उड़ाने की एक बड़ी साजिश रची गयी थी. पचरूखिया गांव के समीप व लडुईया पहाड़ तथा शिकारी कुईयां के इलाके में लगभग तीन-तीन किलो वजन के चार आईईडी प्लांट किए गए थे. उसी रास्ते से सुरक्षा बलों को गुजरना भी था. नक्सली गतिविधियों व जगह-जगह आईईडी प्लांट की सूचना पर गुरुवार की देर शाम सुरक्षा बलों ने उक्त इलाके में सर्च अभियान चलाया. सुरक्षा बलो ने एक-एक कर चार आईईडी भी खोज निकाले. इसके बाद कोबरा के बम निरोधक दस्ता द्वारा जंगल मे ही सभी आईईडी को डिफ्यूज कर दिया गया.
सर्च ऑपरेशन के दौरान जमीन में गड़े मिले बम
कोबरा के कमांडेंट कैलाश आर्या ने बताया कि सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने एवं ग्रामीणों मे भय पैदा करने के लिए आईईडी बम लगाए गए थे. इसकी भनक सुरक्षा बलों को लग गयी जिसके बाद सघन सर्च ऑपरेशन चलाया गया . सर्च ऑपरेशन के दौरान जमीन के अंदर प्लांट किए गए चार आईईडी को बरामद करते हुए उसी जगह पर उसे डिफ्यूज कर दिया गया.
औरंगाबाद एसपी की नक्सलियों को चेतावनी
औरंगाबाद की एसपी स्वप्ना जी मेश्राम ने बताया कि एक-एक नक्सलियों के खात्मे तक अभियान चलेगा. लगभग नक्सल समस्या खत्म होने के कगार पर है. पुलिस की नाकेबंदी और निगरानी नक्सल इलाकों में भय का माहौल खत्म हो गया है. बचे-खुचे नक्सली समाज की मुख्यधारा से जुड़ जाए, इसी में उनकी भलाई है.
लगातार मिल रीे IED
ज्ञात हो कि कुछ दिन पहले छकरबंधा व पचरूखिया के इलाके से पुलिस ने लगातार कई जगहों से आईईडी बरामद किया था. उस वक्त भी नक्सलियों ने पुलिस पर हमला करने की साजिश रची थी. वैसे भी मदनपुर का दक्षिणी इलाका पहाड़ों और जंगलों से घिरा हुआ है. कई दशक तक इस इलाके में नक्सलियों की सामांनतर सरकारें चलती थी,लेकिन अब माहौल पूरी तरह बदल चुका है. बचे-खुचे नक्सली पुलिस के भय से भागे फिर रहे है.