Israel Iran War: क्या भारत में बढ़ेगी पेट्रोल-डीजल की कीमत, ईरान में लगने वाले हैं और कड़े प्रतिबंध
Israel Iran War: ईरान और इजराइल जंग के मुहाने पर खड़ा है. अगर दोनों देश भिड़ते हैं तो इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा. दुनिया में कच्चे तेल के दाम में इजाफा हो जाएगा. जिससे देश में महंगाई बढ़ सकती है. इसके अलावा ईरान और इजराइल दोनों देशों के साथ भारत के व्यापारिक संबंध हैं. वहीं, ईरान अभी भी अपने स्वेज नहर बंद करने की धमकी पर अड़ा हुआ है. ऐसे में भारत की आयात भी प्रभावित हो सकती है.
Israel Iran War: पूरा खाड़ी क्षेत्र जल रहा है. ईरान और इजराइल में जंग की आंच से पूरे गल्फ तपिश बढ़ गई है. पहले ईरान ने इजराइल पर मिसाइल और ड्रोन से हमला किया. इसके करीब एक सप्ताह बाद इजराइल ने ईरान के कई चुनिंदा जगहों पर हमला कर जवाबी कार्रवाई को अंजाम दिया. इजराइल ने ईरान के पर पर एयर स्ट्राइक किया. बता दें इस्फहान ईरान का वह प्रांत है उसकी कई न्यूक्लियर साइट्स हैं. इजराइल का यह हमला ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई के 85वें जन्मदिन पर हुआ है. हालांकि ईरान इजराइल के हमले के बाद कैसी रिएक्शन देगा यह अभी साफ नहीं हुआ है. कहा जा रहा है कि हमले के बाद ईरान में इमरजेंसी बैठक बुलाई गई थी. लेकिन, बैठक में क्या फैसला लिया गया इसकी जानकारी किसी को फिलहाल नहीं है.
पूरी दुनिया में दिखेगा जंग का असर
ईरान और इजराइल जंग के मुहाने पर खड़ा है. एक और चिंगारी दो ताकतवर देश को युद्ध की आग में धकेल देगी. नताज पूरे क्षेत्र में मौत और तबाही का ऐसा मंजर दिखाई देगा जो सब कुछ बर्बाद कर देगा. अगर दोनों देशों में युद्ध छिड़ता है तो इसका असर इजराइल और ईरान या सिर्फ खाड़ी क्षेत्र तक ही सीमित नहीं रहेगा, इसकी जद में पूरी दुनिया आएगी, दुनिया के सभी देशों पर इस युद्ध का खासा असर होगा. भारत में इसका असर पड़ेगा. सबसे बड़ी बात की खुल कर जंग होती है तो अमेरिका, ब्रिटेन समेत नाटो देश इजराइल के पक्ष में आ सकते हैं, वहीं चीन रूस और उत्तर कोरिया जैसे देश ईरान के पक्ष में खड़े हो सकते हैं. ऐसे में तीसरे विश्वयुद्ध की दस्तक भी हो सकती है.
ईरान पर लगने वाले हैं प्रतिबंध
रूस-यूक्रेन युद्ध, इजरायल-हमास लड़ाई, लाल सागर में हूती विद्रोहियों का आतंक और अब ईरान इजराइल के बीच नया मोर्चा खुलता है तो पूरी दुनिया की मुश्किलें काफी बढ़ सकती है. ईरान-इजराइल में जारी तनातनी के बाद खुला युद्ध छिड़ता है तो इसका असर पेट्रोल डीजल की कीमतों पर भी पड़ेगा. अगर ईरान और इजरायल के बीच की तनातनी युद्ध में तब्दील होता है, तो इसका ऑयल प्रोडक्शन पर सीधा असर पड़ेगा. कई जानकारों की राय है कि अगर गल्फ के इन दोनों देशों के बीच जंग छिड़ती है तो बेंट क्रूड की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल के पार भी जा सकता है. ऐसे में पूरी दुनिया में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा हो सकता है. भारत में भी इसका असर दिखेगा. यहां भी तेल के दाम बढ़ जाएंगे.
बढ़ सकती है महंगाई
दुनिया में कच्चे तेल की कीमत बढ़ जाती है तो भारत में महंगाई भी बढ़ सकता है. फिलहाल अपनी जरूरत का अधिकांश कच्चा तेल भारत सस्ती कीमत पर रूस से खरीदता है. इस कारण भारत में तेल अभी थोड़ा सस्ता है. लेकिन अगर इजराइल और ईरान में युद्ध होता है तो इसके दूरगामी असर के चलते कच्चे तेल की कीमतें काफी बढ़ सकती है. ऐसे में भारत में भी तेल महंगा हो सकता है. इसके कारण देश में महंगाई भी बढ़ सकती है.
कहां से सबसे ज्यादा कच्चे तेल खरीदता है भारत
गौरतलब है कि भारत दुनिया में सबसे ज्यादा कच्चा तेल खरीदने वाले देशों में से एक है. भारत दुनिया के करीब 40 देशों से कच्चे तेल खरीदता है. भारत सबसे ज्यादा तेल रूस से खरीदता है. यूक्रेन से युद्ध के बाद जहां दुनिया के कई देशों ने रूस से तेज खरीदना बंद कर दिया है वहीं, भारत रूस से सस्ते भाव से लगातार तेल खरीद रहा है. आंकड़ों पर गौर करें तो बीते वित्त वर्ष (2023-24) में ने भारत रूस से ही सबसे ज्यादा कच्चा तेल खरीदा था. इसके अलावा भारत इराक और सऊदी से भी बड़ी मात्रा मे तेल खरीदता है.
क्या ईरान बंद कर देगा स्वेज नहर
दुनिया के सबसे ज्यादा व्यस्त रूटों में एक है स्वेज नजर. भारत भी इसी रास्ते कच्चे तेल का आयात करता है. वहीं इजराइल के हमले को लेकर ईरान ने धमकी दी है कि वो स्वेज नहर का रास्ता बंद कर देगा. दरअसल स्वेज नहर रूट से फारस की खाड़ी के देशों से खनिज तेल भेजा जाता है. ऐसे में स्वेज नहर आज की तारीख में व्यापार के लिए काफी अहम रूट है. अगर यह बंद होता है तो इसका सीधा असर व्यापार पर पड़ेगा. और भारत में भी इसका सीधा असर दिखेगा. वहीं, भारत का ईरान और इजराइल दोनों के साथ व्यापारिक रिश्ते हैं. बीते वित्त वर्ष (2022-23) में भारत और ईरान के बीच 2.33 अरब डॉलर और भारत-इजरायल के बीच 4.42 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था.
जी-7 की ओर से ईरान पर नये प्रतिबंधों की चेतावनी
इजराइल पर ईरान के हमले के बाद अमेरिका समेत कई देश ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहे हैं. बता दें, ईरान पर अमेरिका पहले ही कई तरह के प्रतिबंध लगा चुका है. अब एक बार फिर जी-7 समूह देशों ईरान पर नये और कड़े प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है. जी-7 देशों के विदेश मंत्रियों ने इजराइल पर ईरान के ड्रोन और मिसाइल हमलों को लेकर तेहरान के खिलाफ नए प्रतिबंध लगाने की शुक्रवार को चेतावनी दी. साथ ही दोनों पक्षों से टकराव टालने की अपील भी की. औद्योगिक देशों के मंत्रियों की बैठक की अध्यक्षता करने वाले इटली के विदेश मंत्री एंटोनियो ताजानी ने कहा कि तीन दिवसीय बैठक का एजेंडा हालिया घटनाक्रमों का समाधान करने के लिए था.