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120 फीट का नाला,अतिक्रमण के बाद 20 फीट नाली में हो गया तब्दील

सरकारी जमीन को अतिक्रमण करना और उसमें अपना घर बनाना अब आम बात हो गयी है. इसको बढ़ावा देने के पीछे कहीं न कहीं हमारा पूरा व्यवस्था भी दोषी जरूर है. लोग शिकायत करते रह जाते हैं और देखते ही देखते वहां मकान खड़ा हो जाता है.

By Dashmat Soren | May 27, 2024 4:44 PM

जमशेदपुर:सरकारी जमीन को अतिक्रमण करना और उसमें अपना घर बनाना अब आम बात हो गयी है. इसको बढ़ावा देने के पीछे कहीं न कहीं हमारा पूरा व्यवस्था भी दोषी जरूर है. लोग शिकायत करते रह जाते हैं और देखते ही देखते वहां मकान खड़ा हो जाता है. हद तो तब हो जाती है जब अंचल कार्यालय भी उन्हीं लोगों के साथ खड़े नजर आते हैं जो सारे नियम व कानून को ताक में रहकर सरकारी जमीन को अतिक्रमण करते हैं. ऐसा ही एक मामला जमशेदपुर के बागबेड़ा रिवरव्यू सोसाइटी के पास का है. जहां सोसाइटी व बस्तीवासी नाला को अतिक्रमण करने का विरोध लंबे समय से करते आ रहे हैं. बावजूद इसके नाला का अतिक्रमण रूकने का नाम नहीं ले रहा है. सरकारी नक्शा के अनुसार नाला 120 फीट था, जो अब अतिक्रमण होकर 20 फीट का शेष रह गया है. नाला को अतिक्रमण किये जाने का खामियाजा बस्तीवासियों को भुगतना पड़ रहा है. नाला की चौड़ाई कम होने की वजह से बारिश का पानी नदी में जाने के बजाये सीधे नया बस्ती, बाबाकुटी व कुशवाहा टोला में घुस जा रहा है. बारिश के समय बस्ती वासियों को दूसरे बस्ती में जाकर आश्रय लेना पड़ता है या वहीं पास के सरकारी स्कूल व सामुदायिक भवन में डेरा डालना पड़ता है.
बस्ती वासियों ने की अंचलाधिकारी से शिकायत
बागबेड़ा रिवरव्यू सोसाइटी के पास नाला एवं मंदिर की जमीन पर मिट्टी डालकर अतिक्रमण किया जा रहा है. जिसका स्थानीय लोगों ने पुरजोर विरोध किया है. सोमवार को बागबेड़ा रिवरव्यू सोसाइटी एवं नया बस्ती के लोगों ने इसकी लिखित शिकायत जमशेदपुर अंचलाधिकारी से की. अंचलाधिकारी को सौंपे गये ज्ञापन में कहा गया है कि बीएनआर नाला में मिट्टी डालकर जमीन को अतिक्रमण किये जाने से बस्तीवासी एवं सोसाइटी के लोगों को बारिश के समय में बाढ़ की समस्या का समाधान करना पड़ सकता है. नाला का अतिक्रमण होने से पानी जाम की स्थिति उत्पन्न हो जायेगी. जिससे नया बस्ती समेत कई बस्तियों में बारिश का पानी घुस जायेगा.
नाला की चौड़ाई कम होने से बाढ़ की समस्या उत्पन्न
पूर्व जिला परिषद सदस्य किशोर यादव ने बताया कि नाला का अतिक्रमण होने से उसकी चौड़ाई कम हो गयी है. बारिश के समय पानी का बहाव बढ़ जायेगा, जिसके बाद बाढ़ की समस्या को झेलना पड़ेगा. सरकारी नक्शा के अनुसार नाला की चौड़ाई 120 फीट की है, लेकिन अतिक्रमण होने की वजह से 20 फीट का रह गया है. ऐसे में बारिश के समय बागबेड़ा, कीताडीह समेत दर्जनों बस्तीवासियों का नया बस्ती, बाबाकुटी व कुशवाहा टोला में घुस जाता है. क्योंकि बारिश के समय नाला में किसी बड़ी नदी की तरह पानी बहता है. कई बार अतिक्रमण करने वाले लोगों से बातचीत कर समाधान निकालने का प्रयास किया गया. लेकिन वे सुनने तक को तैयार नहीं हैं. नतीजतन इसकी लिखित शिकायत अंचलाधिकारी से की गयी है.
अंचलाधिकारी से अतिक्रमण पर रोक लगाने की मांग
बस्तीवासियों ने अंचलाधिकारी से लिखित शिकायत कर अविलंब अतिक्रमण पर रोक लगाने की मांग की है. बस्तीवासियों का कहना है कि यदि एक सप्ताह के अंदर अतिक्रमण पर रोक नहीं लगाया गया तो बस्तीवासी अंचल कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन व अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करने को बाध्य हो जायेंगे. अंचलाधिकारी से बस्तीवासियों को आश्वासन दिया है कि वे मामले उचित जांच कर आवश्यक कार्रवाई करेंगे. अंचलाधिकारी से मिलने वालों में विपिन तिवारी, कुली सिंह, पवन सिंह, किशोर यादव, श्रीमन मिश्रा, मदन सिंह ,गणेश सिंह, आरबी राय, राजकुमार व संजय कुमार समेत अन्य शामिल थे.

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