जेडी वीमेंस एलुमनी मीट ने कॉलेज के पलों को बनाया यादगार, पुराने दोस्तों से मिलकर खिल उठे चेहरे
पूर्ववर्ती छात्रा मिलन समारोह में वर्षों बाद जब छात्राएं कॉलेज कैंपस में पहुंचीं, तो भावुक हो गयीं. पुराने दोस्तों संग गले मिलीं और कॉलेज के दिनों को याद कर अपने अनुभवों को साझा किया. पुराने मित्रों ने कॉलेज के दिनों की यादें ताजा कीं, तो आंखें खुशी से छलक पड़े. कॉलेज से निकलने के बाद कौन कहां गया और अब कहां है, यह जानने में काफी वक्त बीत गया. यह नजारा दिखा जेडी वीमेंस कॉलेज में. यहां शनिवार को एलुमनायी एसोसिएशन की ओर से पूर्ववर्ती छात्रा मिलन समारोह का आयोजन किया गया था.
जेडी वीमेंस कॉलेज में शनिवार को एलुमनायी एसोसिएशन की ओर से पूर्ववर्ती छात्रा मिलन समारोह का आयोजन किया गया. कॉलेज ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम में सुबह 10 बजे से ही पूर्ववर्ती छात्राएं जुटने लगी थीं. इस अवसर पर वर्ष 2000 बैच से लेकर वर्ष 2023 तक की छात्राएं मौजूद रहीं. कार्यक्रम में आने वाली पूर्ववर्ती छात्राओं को स्वागत तिलक लगाकर और मोमेंटो देकर किया गया. इस अवसर पर कॉलेज की प्राचार्या प्रो मीरा कुमारी ने कहा कि आप सभी का कॉलेज के प्रति यह प्यार देखकर बहुत खुशी हो रही है. यह एक ऐसा मौका होता है, जहां पर आप अपने दोस्तों, टीचर्स के साथ बिताए लम्हों को फिर से जीते हैं. पूर्ववर्ती छात्राओं ने अपने पुराने दोस्तों के साथ कई व्यंजनों के स्वाद भी चखे और पूरे लम्हे को कैमरे में कैद किया.
पीजी की 21 कॉलेज टॉपर्स को किया गया सम्मानित
एलुमनी मीट में पूर्ववर्ती छात्रा संघ की अध्यक्षा डॉ मधु कुमारी ने बताया कि हमारा उद्देश्य महाविद्यालय की प्रगति में योगदान देना है. उन्होंने कहा कि छात्र कल्याण के हित में कई सराहनीय कार्य किये गये हैं. हमारी छात्राओं का महाविद्यालय से लगाव रहा है. वे आर्थिक सहयोग भी प्रदान करती रही हैं. आज रश्मि किरण ने 11000 रुपये की राशि प्रदान की. रम्भा झा ने उपहार के माध्यम से संघ की सहायता की. इस अवसर पर प्रत्येक विभाग से सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाली छात्राओं को सम्मानित करने की परंपरा संघ की एक नयी पहल है. इसके बाद यूजी और पीजी की 21 कॉलेज टॉपर्स को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया. इस दौरान बैच 2000 से लेकर 2023 तक की छात्राएं मौजूद रहीं.
अपने कॉलेज के दिनों को याद कर भावुक हुईं छात्राएं
पूर्ववर्ती छात्रा मिलन समारोह में मंच पर जहां एक ओर छात्राओं ने गणेश वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत की, वहीं पूर्ववर्ती छात्राओं ने अपने टीचर्स के लिए गीत गाया. प्रीति कुमारी ने एकल नृत्य में ‘जैसे हो वैसे आ जाओ शृंगार को रहने दो…’ गीत पर प्रस्तुति दी. इसके बाद छात्राओं ने अपने कॉलेज के दिनों को याद किया. इस दौरान कई छात्राएं भावुक भी हो गयीं. उन्होंने बताया कि किस तरह से कॉलेज में बदलाव आया है और वे अपने कॉलेज के दिनों को काफी मिस करती हैं. इस समारोह में 150 पूर्ववर्ती छात्राएं शामिल हुईं. आखिर में सभी अपने दोस्तों संग डांस और मस्ती की. वहीं टीचर्स से आशीर्वाद लेकर उनके साथ फोटो लेकर यादगार पलों को संजो लिया. मंच संचालन का कार्य कोषाध्यक्ष डॉ वंदना ज्योति और डॉ अंजली ठाकुर ने संयुक्त रूप से किया.
पूर्ववर्ती छात्राओं ने कहा: भागदौड़ भरी जिंदगी में कॉलेज आकर सुकून मिला
मैंने हिस्ट्री की पढ़ाई यहां से की है. बिहार स्टेट आर्काइव डिपार्टमेंट में कार्यरत हूं. उन्होंने बताया कि कॉलेज में तब से लेकर अब तक कई बदलाव है. कॉलेज वापस आना एक मौका होता है, जिसकी वजह से आप अपने दोस्तों और टीचर्स से मिलते और अपने खास पलों को दुबारा जी सकते हैं. भागदौड़ भरी जिंदगी में कॉलेज आकर सुकून मिलता है.
रश्मि किरण, पूर्व छात्रा, 2003 बैच
जिस कॉलेज में पढ़ी उसी में गेस्ट फैकल्टी के तौर पर पढ़ाया और अभी आरा के कॉलेज में कार्यरत हूं. कॉलेज आकर लगता है घर आ गये हैं. मैंने हिंदी में 2002-2004 बैच में पीजी किया था. उस वक्त बिल्डिंग नहीं होने की वजह से कक्षाएं होने में परेशानी होती थी. जहां आर्टस ब्लॉक है वहां पहले घास और कुली जगह थी. हम सभी घास पर बैठते और टीचर कुर्सी पर बैठकर पढ़ाती थी. गुरुकुल का अनुभव होता था. हमारे जैसे और भी छात्राओं को टीचर्स वहां ऐसी ही पढ़ाती थी. बहुत मजा आता था.
डॉ सूची स्नेहा, पूर्व छात्रा
पेशे से मैं एंटरप्रिन्योर हूं. साल 2014 में यहां से एमबीए की पढ़ाई की थी. मुझे टीम लीड करना पसंद था. यहीं वजह थी कि मैं कई सारे प्रोग्राम के साथ अन्य एक्टिविटी में भाग लेती थी. अपने सीनियर से हमेशा रैगिंग को लेकर पंगा लेती थी. मेरे बैैच में मैंने रैगिंग नहीं होने दी थी. कभी-कभी दोस्तों के साथ कॉलेज बंक कर जू घूमने और मूवी देखने जाती थी. मेरे लिए कॉलेज की दिन बड़े मजेदार थे .आज जो हूं यहीं की वजह से हूं.
रंभा झा, हैंड वर्ल्ड कंपनी
ग्रेजुएशन करने के बाद आगे क्या करना है मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था. ऐसे में यहां की प्रो सीमा मिश्रा ने मेरा मार्गदर्शन किया. उनके मोटिवेट करने की वजह से मैंने पीजी अंग्रेजी में 2003-05 बैच में एडमिशन लिया था. मेरी जूनियर्स के साथ बहुत बनती थी. पढ़ने में अच्छी थी तो टीचर्स की फेवरेट थीं. यहां पर मैंने कुछ दिनों तक छात्राओं को पढ़ाया है. अभी जीजे कॉलेज बिहटा में कार्यरत हूं. आज आकर दोस्तों से मिल कर पुराने दिन ताजा हो गये.
डॉ चंचला कुमारी, पूर्व छात्रा