रांची : गैंगरेप से आहत बीएयू की 25 वर्षीय छात्रा की आत्महत्या के मामले में झारखंड हाइकोर्ट के न्यायाधीश सह कार्यपालक अध्यक्ष झालसा न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद ने संज्ञान लिया है. झालसा ने निर्देश दिया है कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार, रांची (डालसा) तत्काल पीड़िता के परिवार से मिलकर आवश्यक सहायता प्रदान करें.
झालसा के निर्देश पर डालसा सचिव कमलेश बेहरा ने एक टीम गठित कर पीड़िता के परिवार को विधिक सहायता उपलब्ध कराया. पीएलवी सम्पा दास व प्रीति पाल ने पीड़ित के परिवार से मुलाकात की और बताया कि उन्हें इस मामले में मुकदमा लड़ने के लिए डालसा की ओर से सहायता दी जायेगी.
पीड़िता के परिवार को विधिक सहायता के लिए डालसा रांची की ओर से प्रो-बोनो अधिवक्ता ममता श्रीवास्तव को नियुक्त किया गया है. इसके अलावा झारखंड पीड़ित मुआवजा अधिनियम के तहत मुआवजा की प्रक्रिया को भी आगे बढ़ाया गया है.
छात्रा ने 5 मई की रात कर ली थी आत्महत्या
गौरतलब है कि बूटी स्थित किशुनपुर की रहनेवाली 25 वर्षीय छात्रा ने पांच मई की रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. आत्महत्या से पहले युवती ने दो सुसाइड नोट भी लिखे थे. इसमें उसने बताया है कि छह मार्च को कोकर में उसके दोस्तों ने उसके साथ गैंगरेप किया था. उसके बाद से ही वह घुट-घुट कर जी रही थी. सुसाइड नोट में रातू के काठीटांड़ निवासी आनंद मिंज और अरविंद किंडो के नाम का जिक्र है.