Jharkhand Assembly Election 2024, दुर्जय पासवान, गुमला: गुमला विधानसभा से जनसंघ के टिकट पर 1967 व 1969 में दो बार विधायक रहे रोपना उरांव (अब स्वर्गीय) राजनीति की महान शख्सियत थे. लेकिन, 1972 में कांग्रेस के बैरागी उरांव से हार गये. हालांकि, हारने के बाद भी रोपना शांत नहीं बैठे. उन्होंने पूरे गुमला शहर में जुलूस निकाला था. उनका जन्म 1936 में और निधन 1980 में हुआ था. सिर्फ 31 साल की उम्र में वह विधायक बने थे. जनसंघ में शामिल होने से पहले रोपना उरांव कांग्रेस कार्यकर्ता थे. 1967 में कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर वह जनसंघ में शामिल हो गये ओर अंतिम सांस तक जनसंघ से ही जुड़े रहे. चुनाव में जीत दर्ज करते हुए उन्होंने गुमला में जनसंघ की मजबूत नींव रखी.
गुमला में भाजपा की वर्तमान स्थिति का श्रेय रोपना उरांव को ही जाता है. वर्ष 1967 में कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने जनसंघ के सर्वमान्य नेता अटल बिहारी वाजपेयी से रांची दौरे के दौरान मिले और गुमला से टिकट मांगा. वाजपेयी जी ने रोपना उरांव से पूछा था कि टिकट आपको ही क्यों दें ? उन्होंने जवाब दिया : जनता के हित व जनसंघ की मजबूती के लिए. जवाब से प्रभावित होकर वाजपेयी जी ने गुमला से रोपना उरांव को टिकट दे दिया. इसके बाद रोपना उरांव ने चुनाव में जीत का झंडा गाड़ अपनी बात सही साबित की.