झारखंड हाईकोर्ट का राज्य सरकार व नगर निगम को आदेश, कांके और गेतलसूद डैम को अविलंब साफ करायें

खंडपीठ ने भूजलस्तर को बनाये रखने के लिए विस्तृत प्लान प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. इसके लिए खंडपीठ ने जल संसाधन विभाग, नगर विकास विभाग, केंद्रीय जल बोर्ड को निर्देश दिया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 16, 2024 7:11 AM
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रांची : झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य में नदियों व जल स्रोतों के अतिक्रमण और साफ-सफाई को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय और जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि कांके डैम व गेतलसूद डैम जलकुंभी से भरे हुए हैं. पानी गंदा है और जलकुंभी के कारण जल संग्रहण भी कम होता है. इस स्थिति में तुरंत जलकुंभी की साफ-सफाई शुरू की जानी चाहिए. खंडपीठ ने राज्य सरकार और रांची नगर निगम को डैमों से जलकुंभी निकालने की कार्रवाई अविलंब शुरू करने का निर्देश दिया. सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने भूगर्भ जल से संबंधित जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया व आइएसएम धनबाद की रिपोर्ट को देखा. केंद्रीय संस्थान के अधिकारी से जानकारी लेने के बाद खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा कि गर्मी के दिनों में जलसंकट पैदा होता है.

हर साल भूजलस्तर का नीचे जाना चिंताजनक है. राजधानी सहित झारखंड में भूजलस्तर बनाये रखने के लिए सरकार को हर संभव प्रयास करना चाहिए. खंडपीठ ने भूजलस्तर को बनाये रखने के लिए विस्तृत प्लान प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. इसके लिए खंडपीठ ने जल संसाधन विभाग, नगर विकास विभाग, केंद्रीय जल बोर्ड को निर्देश दिया. कहा कि रांची सहित पूरे झारखंड में भूजलस्तर को बनाये रखने के लिए सुझाव के साथ योजना प्रस्तुत की जाये. खंडपीठ ने रांची नगर निगम को मकानों में वाटर हार्वेस्टिंग सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. कहा कि सर्वे किया जाये और इसका प्रचार-प्रसार कर लोगों को जागरूक भी किया जाये. मामले की अगली सुनवाई 22 अप्रैल को होगी.

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निगम ने भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग का बनाया है नियम :

रांची नगर निगम की ओर से अधिवक्ता एलसीएन शाहदेव ने खंडपीठ को बताया कि नगर निगम ने भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग के लिए नियम बनाया है. 300 स्क्वायर मीटर या उससे अधिक क्षेत्रफल के भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग लगाना अनिवार्य है. भवन या अपार्टमेंट में वाटर हार्वेस्टिंग बनाया गया है या नहीं, इसका सर्वे भी नगर निगम की ओर से कराया जाता है. इसका पालन नहीं करनेवाले भवन मालिकों व अपार्टमेंट के निवासियों से डेढ़ गुना अतिरिक्त होल्डिंग टैक्स जुर्माने के रूप में तब तक वसूला जाता है, जब तक कि उनके द्वारा वाटर हार्वेस्टिंग बना नहीं लिया जाता है.

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