संताल में इन नेताओं की फंसी साख, कल्पना सोरेन व बाबूलाल मरांडी ने संभाला मोर्चा

कल्पना ने संताल परगना में दर्जनों सभाएं की है. सबसे पहली चुनौती शिबू सोरेन की पारंपरिक सीट दुमका पर अपने ही परिवार की सीता सोरेन से है. यहां से झामुमो की तरफ से नलिन सोरेन चुनाव लड़ रहे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 28, 2024 10:12 AM
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दुमका : झारखंड की राजनीति अभी संताल परगना में शिफ्ट कर गयी है. एक जून को दुमका, राजमहल और गोड्डा लोकसभा सीटों के लिए चुनाव होना है. संताल परगना में भाजपा और झामुमो की परीक्षा होनी है. दुमका, राजमहल और गोड्डा की तीनों लोकसभा सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार हैं. वहीं दुमका और राजमहल में झामुमो और गोड्डा में कांग्रेस के उम्मीदवार चुनावी रण में हैं. दोनों ही गठबंधन के नेता जोर लगा रहे हैं. झामुमो में हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने मोर्चा संभाला है.

संताल की जमीन पर कल्पना की पहली परीक्षा है. शिबू सोरेन की तैयार सियासी जमीन पर हेमंत सोरेन ने पिछले लोकसभा और विधानसभा में बेहतर प्रदर्शन कर अपनी ताकत दिखायी थी. लेकिन कल्पना सोरेन की मोर्चाबंदी के बाद सबकी नजर चुनाव परिणाम पर होगी. कल्पना ने संताल परगना में दर्जनों सभाएं की है. सबसे पहली चुनौती शिबू सोरेन की पारंपरिक सीट दुमका पर अपने ही परिवार की सीता सोरेन से है. यहां से नलिन सोरेन भले ही चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन इस सीट पर सोरेन परिवार की दो बहुओं की राजनीतिक लड़ाई है.

इस सीट से कल्पना सोरेन की राजनीतिक साख जुड़ी है. इधर भाजपा से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने घेराबंदी की है. बाबूलाल संताल परगना की राजनीति को बेहतर समझनेवाले नेता हैं. संताल परगना में उनकी पैठ रही है. दुमका से कभी शिबू सोरेन को चुनावी पटकनी देनेवाले बाबूलाल झारखंड के कद्दावर नेता बने थे. राजनीति में अपनी मजबूत जगह बनायी. बाबूलाल ने संताल परगना में ताकत झोंकी है.

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संताल के नौ विधायकों में झामुमो के दो बिदके, भाजपा को चार विधायकों की ताकत

संताल परगना के विधानसभा की 18 सीटों में से नौ झामुमो के पास थीं. इन नौ विधायकों में जामा विधायक सीता सोरेन और बोरियो को विधायक लोबिन हेंब्रम पार्टी लाइन से अलग हुए. जामा विधायक सीता सोरेन भाजपा में गयीं और दुमका से उम्मीदवार भी हैं. अब सात विधायकों को लोकसभा चुनाव में अपनी ताकत दिखानी होगी. वहीं कांग्रेस के पास पूरे संताल परगना में पांच विधायक हैं. गोड्डा में पार्टी के दो विधायक हैं. इसमें विधायक प्रदीप यादव खुद गोड्डा से उम्मीदवार हैं. इनकी परीक्षा होनी है. इधर भाजपा के संताल परगना में चार विधायक हैं. राजमहल और दुमका लोकसभा में एक-एक विधायक हैं. गोड्डा लोकसभा में भाजपा के दो विधायक हैं. लोकसभा में भाजपा को बेहतर करना है, तो इन चार विधायकों को अपनी जमीन बचानी होगी. लोकसभा चुनाव का परिणाम विधायकों की ताकत भी तौलेगा.

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