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Jharkhand News: आलमगीर आलम से और 5 दिन तक पूछताछ करेगी ईडी, पीएमएलए कोर्ट ने बढ़ाई रिमांड

रिश्वतखोरी और कैश कांड मामले में गिरफ्तार झारखंड सरकार के मंत्री आलमगीर आलम को ईडी कोर्ट में पेश किया गया है. आज उनकी रिमांड अवधि समाप्त हो रही है.

By Mithilesh Jha | May 22, 2024 1:10 PM

टेंडर में रिश्वतखोरी और कैश कांड मामले में गिरफ्तार किए गए झारखंड के ग्रामीण एवं विकास मंत्री आलमगीर आलम की मुश्किलें बढ़ गईं हैं. पीएमएलए कोर्ट ने उनकी रिमांड की अवधि 5 दिन और बढ़ा दी है. यानी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी और 5 दिन तक उनसे पूछताछ करेंगे. इसके पहले ईडी ने 6 दिन तक उनसे पूछताछ की.

आलमगीर आलम को 15 मई को ईडी ने किया था गिरफ्तार

आलमगीर आलम की 6 दिन की रिमांड खत्म होने के बाद ईडी के अधिकारी बुधवार (22 मई) को उनको लेकर पीएमएलए कोर्ट पहुंचे. बता दें कि आलमगीर आलम को 15 मई को ईडी ने दो दिन की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था. 16 मई को उनको पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया. ईडी ने कोर्ट से आलमगीर आलम की 10 दिन की रिमांड मांगी, लेकिन कोर्ट ने 6 दिन की रिमांड ही मंजूर की.

16 मई को होटवार जेल में रहे झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री

झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री की ईडी हिरासत 17 मई से शुरू हुई. उन्हें 16 मई को होटवार जेल में रहना पड़ा. इसके बाद 17 मई को ईडी के अधिकारी उन्हें राजधानी रांची स्थित होटवार के बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल से लेकर ईडी दफ्तर पहुंचे और उनसे पूछताछ शुरू की.

संजीव लाल, जहांगीर आलम से पूछताछ में ईडी को मिले अहम सुराग

बताया जा रहा है कि आलमगीर आलम और उनके पीएस संजीव लाल एवं उसके निजी सहायक जहांगीर आलम की गिरफ्तारी और पूछताछ में कई अहम सुराग हाथ लगे हैं. ईडी को अब किसी मनीष नामक व्यक्ति की तलाश है.

ग्रामीण विकास विभाग में कमीशनखोरी से जुड़े चौंकाने वाले खुलासे

इस बीच, ईडी ने ग्रामीण विकास विभाग में कमीशनखोरी मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे भी किए हैं. उसका दावा है कि कमीशनखोरी का खेल कोड वर्ड में चलता है. मंत्री के लिए ‘एच’ कोड वर्ड था. इसका अर्थ है ऑनरेबल मंत्री यानी माननीय मंत्री.

ईडी के अधिकारियों को अब मनीष नामक शख्स की है तलाश

‘एम’ का मतलब मनीष, ‘एस’ का मतलब संजीव लाल, ‘टीसी’ का अर्थ टेंडर कमेटी और ‘सीई’ का मतलब है चीफ इंजीनियर. ईडी ने कोर्ट को यह भी बताया है कि उसके हाथ एक एक्सेल शीट लगी है. इसके तीसरे पन्ने में विभागवार कमीशन का हिसाब लिखा है. इस शीट में टेंडर की कुल राशि, कमीशन और मंत्री की हिस्सेदारी का ब्योरा है.

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