देवघर, अमरनाथ पोद्दार: झारखंड के देवघर जिले के देवीपुर प्रखंड में एक ऐसा गांव है, जिसका नाम लेने से वहां के लोग परहेज करते हैं. गांव के लोग बाहर जाते हैं, तो उनकी यह कोशिश होती है कि कोई उनका पता नहीं पूछे. उनसे उनके गांव का नाम नहीं पूछा जाए. यहां तक कि इस गांव के लोग अपने रिश्तेदारों व मेहमानों के बीच भी अपने गांव का नाम लेने से झिझकते हैं. इन परेशानियों से बचने के लिए अब ग्रामीणों ने नाम बदलने का निर्णय लिया है.
गांव का नाम बताने में आती है शर्म
बताया जाता है कि एक बार इस गांव के एक व्यक्ति को दूसरे गांव के लोगों ने मजाक में बोल दिया कि आ गया भैंसिया वाला….हालांकि इस बात पर कोई विवाद तो नहीं हुआ, लेकिन लोगों ने तब से अपने गांव का नाम बदलने का मन बना लिया. इस गांव की महिलाएं व लड़कियां अपने गांव का नाम बताने में ज्यादा असहज महसूस करती हैं.
गांव का नाम बदलने का लिया निर्णय
ग्रामीण बताते हैं कि इन्हीं सब को देखते हुए गांव का नाम बदलने का निर्णय स्थानीय स्तर पर किया गया. ग्राम सभा भी हुई. इसमें गांव का नाम बदलकर नया नाम भयासपुर रखने का प्रस्ताव पारित किया गया. इससे संबंधित आवेदन राजस्व विभाग व पंचायतीराज विभाग में भेजने का निर्णय लिया गया.
700 की आबादी वाला है ये गांव
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर उस गांव का नाम क्या है कि लोग उसका नाम लेने में असहज महसूस करते हैं. वह गांव है देवीपुर प्रखंड का भैंसिया. भैंसिया गांव देवीपुर प्रखंड से 12 किलोमीटर की दूरी पर है. यह गांव मथुरापुर रेलवे स्टेशन से पांच किलोमीटर दूर है. इस गांव की आबादी 700 के करीब है. गांव में आठवीं कक्षा तक सरकारी स्कूल है. इस गांव के छात्र-छात्राएं मधुपुर व देवीपुर में हाईस्कूल तथा कॉलेज की पढ़ाई करने जाते हैं.
दो गांवों के बदले जा चुके हैं नाम
देवघर के दो गांवों का नाम कुछ इसी तरह का था, जिसे बताने में लोग शर्माते थे. आखिरकार उसका नाम बदला गया. मधुपुर प्रखंड के बिल्ली गांव का नाम बदलकर आंबेडकर ग्राम एवं मोहनपुर प्रखंड के गांव भौं…को बदलकर मसुरिया किया गया है.
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