मूल रूप से जपला के रहनेवाले स्व राम 91 बैच के अफसर थे. वह अपने पीछे पत्नी, तीन बेटे व एक बेटी का भरा-पूरा परिवार छोड़ गये हैं. स्व राम की बेटी पंजाब नेशनल बैंक में पीअो है. वहीं तीनों बेटे अभी पढ़ रहे हैं. सभी बच्चे अभी अविवाहित हैं तथा पिता के नहीं रहने के बाद बेटी ही घर की एकमात्र कमाऊ सदस्य है. इटकी रोड के एलएन मिश्रा कॉलोनी स्थित अावास पर स्व राम की पत्नी का रो रोकर बुरा हाल था. उनके दो पुत्र हैं. वह मूलरूप से पलामू के जपला के रहनेवाले थे. दुर्घटना के बाद से वह पांच बार बेहोश हो चुकी हैं. इधर दूसरे रेंजर तमाड़ निवासी मोहन लाल सेठ 87 बैच के अफसर थे. उनके परिवार में उनकी पत्नी तथा एक बेेटा व एक बेटी हैं. बेटी बिरसा कृषि विवि में पढ़ रही है. बेटा भी अभी पढ़ाई कर रहा है. यह परिवार रांची में गांधीनगर कांके रोड के पास रहता है.
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तीन लोगों को कार से निकालते ही लगी आग
रांची: वन विकास निगम के दो रेंजर बृजनंदन राम व मोहनलाल सेठ का परिवार दोनों की मौत के कारण सदमे में है. हंटरगंज में पदस्थापित स्व राम तथा सिमलिया में पदस्थापित स्व सेठ वन विकास निगम के प्रमंडलीय प्रबंधक की बैठक में भाग लेने चतरा से हजारीबाग जा रहे थे. चतरा में इनकी गाड़ी अनियंत्रित […]
रांची: वन विकास निगम के दो रेंजर बृजनंदन राम व मोहनलाल सेठ का परिवार दोनों की मौत के कारण सदमे में है. हंटरगंज में पदस्थापित स्व राम तथा सिमलिया में पदस्थापित स्व सेठ वन विकास निगम के प्रमंडलीय प्रबंधक की बैठक में भाग लेने चतरा से हजारीबाग जा रहे थे. चतरा में इनकी गाड़ी अनियंत्रित होकर एक पेड़ से टकरा गयी.
सूत्रों के अनुसार दुर्घटना के दौरान वहां से गुजर रहे बोलेरो पर सवार लोगों ने दोनों रेंजर सहित गाड़ी के मालिक विभागीय ठेकेदार को गाड़ी से बाहर निकाला. इन तीनों को बाहर निकालते ही एक जोरदार आवाज के साथ कार में आग लग गयी. चालक गाड़ी में ही रह गया तथा उसकी मौत हो गयी. वहीं बृजनंदन राम की मौत मल्टीपल इंज्यूरी तथा मोहनलाल सेठ की मौत हेड इंज्यूरी के कारण बतायी गयी है.
मूल रूप से जपला के रहनेवाले स्व राम 91 बैच के अफसर थे. वह अपने पीछे पत्नी, तीन बेटे व एक बेटी का भरा-पूरा परिवार छोड़ गये हैं. स्व राम की बेटी पंजाब नेशनल बैंक में पीअो है. वहीं तीनों बेटे अभी पढ़ रहे हैं. सभी बच्चे अभी अविवाहित हैं तथा पिता के नहीं रहने के बाद बेटी ही घर की एकमात्र कमाऊ सदस्य है. इटकी रोड के एलएन मिश्रा कॉलोनी स्थित अावास पर स्व राम की पत्नी का रो रोकर बुरा हाल था. उनके दो पुत्र हैं. वह मूलरूप से पलामू के जपला के रहनेवाले थे. दुर्घटना के बाद से वह पांच बार बेहोश हो चुकी हैं. इधर दूसरे रेंजर तमाड़ निवासी मोहन लाल सेठ 87 बैच के अफसर थे. उनके परिवार में उनकी पत्नी तथा एक बेेटा व एक बेटी हैं. बेटी बिरसा कृषि विवि में पढ़ रही है. बेटा भी अभी पढ़ाई कर रहा है. यह परिवार रांची में गांधीनगर कांके रोड के पास रहता है.
मौत के लिए वरीय अधिकारी हैं दोषी : राज्य वनोपज संघ
चतरा में दुर्घटना में दो रेंजर समेत अन्य लोगों की मौत मामले में वरीय अधिकारियों को दोषी ठहराया गया है. झारखंड राज्य वनोपज निरीक्षक एवं वन क्षेत्र पदाधिकारी संघ ने उन्हें दोषी ठहराया है. संघ के महासचिव प्रिंस, अध्यक्ष अोम प्रकाश, संयुक्त सचिव अनिल शर्मा, उपाध्यक्ष उदित पाल भगत ने चतरा में दुर्घटना में मारे गये अधिकारियों के प्रति शोक व्यक्त किया है. उन्होंने कहा हैै कि दुख की घड़ी में संघ उनके परिजनों के साथ है. वन निगम में कर्मियों की संख्या कम है. इस तरह की दुर्घटना वरीय अधिकारियों के अत्यधिक दबाव के कारण हो रही है.
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