नक्सली बता कर मारे गये मोतीलाल के परिजनों को मुआवजा व नौकरी देने की मांग, विरोध में बंद रहा मधुबन
पीरटांड़/मधुबन. दमन विरोधी मोरचा के आह्वान पर शनिवार को मधुबन बंद असरदार रहा. नौ जून को पारसनाथ के ढोलकट्टा (मधुबन थाना क्षेत्र) में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में मारे गये मोतीलाल बास्के के परिजनों को उचित मुआवजा, दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई और मामले की सीबीआइ जांच कराने की मांग को लेकर यह बंद बुलाया गया था. […]
पीरटांड़/मधुबन. दमन विरोधी मोरचा के आह्वान पर शनिवार को मधुबन बंद असरदार रहा. नौ जून को पारसनाथ के ढोलकट्टा (मधुबन थाना क्षेत्र) में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में मारे गये मोतीलाल बास्के के परिजनों को उचित मुआवजा, दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई और मामले की सीबीआइ जांच कराने की मांग को लेकर यह बंद बुलाया गया था.
मजदूर संगठन समिति, माले, जेएमएम, जेवीएम, आदिवासी संस्था सांवता सुसार बैसी ने इस बंद का समर्थन किया. सुबह होते ही बंद के समर्थन में मसंस व आदिवासी संस्था सावंता सुसार बैसी सहित माले, जेएमएम, जेवीएम के समर्थक बंद के समर्थन में सड़क पर उतर आये. वहीं सुरक्षा के ख्याल से चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती थी.
बंद को देखते हुए मधुबन के चारों ओर लगातार पुलिस पेट्रोलिंग की जा रही थी. वहीं डुमरी अनुमंडल में भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी थी. बंदी को लेकर जिला प्रशासन की ओर से मधुबन में अतिरिक्त सुरक्षा बल भेजा गया था, जिसमें महिला सुरक्षा कर्मी भी मौजूद थे. एक ओर जहां दमन विरोधी मोरचा के कार्यकर्ता सड़क पर दिखायी दिये.