सीडीपीओ में कार्यशाला
चाईबासा : डायन प्रथा हमारे समाज के माथे पर कलंक है. आये दिन डायन के नाम पर महिलाओं को प्रताड़ित किया जाता है कभी-कभी हत्या जैसी वारदातों को भी अंजाम दिया जाता है. इसलिए आंगनबाड़ी सेविकाएं अपने-अपने क्षेत्र में लोगों को जागरूक करें. ये बातें डायन प्रथा के उन्मूलन पर आयोजित जागरुकता कार्यशाला में प्रभारी सीडीपीओ रीना साहू ने कही. समेकित बाल विकास परियोजना में बुधवार को आंगनबाड़ी सेविकाओं के लिए प्रखंडस्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया था.
सीडीपीओ ने सेविकाओं को डायन प्रथा उन्मूलन अधिनियम 2001 की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस अधिनियम में कारावास से लेकर जुर्माना वसूलने तक का प्रावधान है. उन्होंने बताया कि डायन प्रथा ऐसी प्रथा है जिसमें महिला ही महिला की दुश्मन होती है. इस प्रथा की आड़ में महिलाओं को प्रताड़ित किया जाता है, उन्हें समाज से बहिष्कृत कर दिया जाता है, हत्याएं भी होती हैं. लोगों को जागरूक कर इस प्रथा को पूरी तरह समाज से मिटाना है. कार्यशाला में महिला पर्यवेक्षिका पूर्णिमा बख्शी, प्रभा विश्वकर्मा, भाग्यवती मुमरू समेत बड़ी संख्या में सेविकाएं उपस्थित थीं.