हां, तसवीर छापने में हमसे चूक हुई
प्रभात खबर के 26 मार्च के अंक में पेज एक पर तीन तसवीरों को छापते हुए हमने सवाल उठाया था कि-ये तसवीरें विधायक जगरनाथ महतो के जनता दरबार में संतोष पांडेय की पिटाई की तो नहीं? बुधवार को इसका जवाब मिला. ये तसवीरें संतोष पांडेय की पिटाई की नहीं हैं. तसवीर छापने में हमसे (प्रभात […]
प्रभात खबर के 26 मार्च के अंक में पेज एक पर तीन तसवीरों को छापते हुए हमने सवाल उठाया था कि-ये तसवीरें विधायक जगरनाथ महतो के जनता दरबार में संतोष पांडेय की पिटाई की तो नहीं? बुधवार को इसका जवाब मिला. ये तसवीरें संतोष पांडेय की पिटाई की नहीं हैं. तसवीर छापने में हमसे (प्रभात खबर) से चूक हुई है. इसका हमें खेद है.
हालांकि प्रभात खबर ने अपनी रिपोर्ट में कहीं नहीं लिखा है कि यह तसवीर संतोष पांडेय की घटना की ही है. उसने सिर्फ सवाल उठाया था. मंगलवार को रात में जब ये तसवीरें प्रभात खबर को मिली, तो प्रभात खबर ने इसकी प्रामाणिकता जांचने का हर संभव प्रयास किया. विधायक जगरनाथ महतो को हमारे धनबाद के संपादक ने तीन बार फोन किया, लेकिन बात नहीं हो सकी. जारी तसवीर-वीडियो को संतोष पांडेय की पिटाई के दिन की तसवीर से मिला कर सत्यता जांचने का भी प्रयास किया गया. संतोष की वही तसवीर हमारे पास थी, जो इलाज के दौरान अस्पताल में ली गयी थी. चेहरा साफ नहीं दिख रहा था. तसवीर में बिल्कुल उसी कलर का पैंट और शर्ट. गलतफहमी के लिए यह एक बड़ा कारण रहा. ह़मारे संवाददाता को जिस स्रोत से तसवीर मिली थी, उस पर हमने भरोसा किया. अखबार में खबरों और तसवीरों के लिए कई बार स्रोतों पर भरोसा करना पड़ता है. प्रभात खबर के स्रोत ने धोखा दिया, जिससे गलत तसवीर छपी. यह हमारी चूक है. स्वस्थ पत्रकारिता के तहत यह हमारी नैतिकता है कि जब हमसे गलती हो, तो हम उसे स्वीकारें. इसी मूल्य और सिद्धांत के तहत हम इस चूक को स्वीकार कर रहे हैं. हमारा इरादा किसी व्यक्ति, दल, प्रत्याशी को नुकसान या लाभ पहुंचाने का कभी न तो रहा है और न ही आगे रहेगा. हमें सूचना मिली है कि गिरिडीह क्षेत्र में कुछ राजनीतिक दल अखबार में छपी इस खबर (तसवीर वाली) को बंटवा कर इसका गलत इस्तेमाल कर रहे हैं, जो अनैतिक है.
स्थानीय संपादक
विरोधियों का षडयंत्र : जगरनाथ महतो
बेरमो: डुमरी विधायक जगरनाथ महतो ने बुधवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा : हमसे विरोधी खेमे के लोग इतना घबरा गये हैं कि गलत तरीके से मेरी छवि को धूमिल करने के लिए हर तरह का कुत्सित प्रयास करने में लग गये हैं. संतोष पांडेय हत्याकांड को लेकर मेरे घर का जो वीडियो प्रकाशित व उसका प्रसारण हुआ, वह पूरी तरह गलत है. इस फुटेज से मेरा कोई लेना-देना नहीं है. इसका खुलासा भी हो गया है. पूरा फुटेज दूसरे राज्य का है. इस तरह की किसी भी खबर से पहले मीडिया को मुझसे भी बात करनी चाहिए थी. इस तरह किसी व्यक्ति की छवि धूमिल करने के प्रयास के पीछे उद्देश्य राजनीतिक साजिश है. कोई नेता गुंडा राज कह रहा है. ऐसे लोग बतायें कि आज तक मैंने कहां गुंडागर्दी की है. सच तो यह है कि मैंने गुंडागर्दी रोकने का काम किया है. अन्याय के खिलाफ लोगों को न्याय दिलाने का काम करता हूं. कोयलांचल में गरीबों-गुरबों के शोषण के खिलाफ आवाज उठायी. दबंगों के चंगुल से लोगों को मुक्त कराया. कोई नहीं कह सकता है कि मैंने किसी व्यापारी से 10 रुपया भी चंदा लिया.
हत्याकांड में बेवजह घसीटा जा रहा है नाम : विधायक ने कहा : जहां तक संतोष पांडेय हत्याकांड का सवाल है, तो मैंने पूर्व में ही इसकी घोर निंदा की है. बावजूद इसके, लगातार लोग इस मामले में बेवजह मेरा नाम घसीट रहे हैं. इस हत्याकांड से मैं अनभिज्ञ हूं. हम इस मामले को जानते तक नहीं है. संतोष ने गांव की लड़की को भगा लेकर घृणित कार्य किया था, जिससे आक्रोशित लोगों ने उसकी पिटाई की और मौत हो गयी.
अगर इस मामले में कही से भी मेरी संलिप्तता सिद्ध हो गयी, तो मैं तुरंत कानून के समक्ष सरेंडर कर दूंगा. मैं इस तरह की घटना नहीं करता हूं. लगातार बेबुनियाद व निराधार आरोप लगा कर मुङो परेशान व मानसिक यातना दी जा रही है.
लालचंद गुंडागर्दी का सबूत पेश करें
उन्होंने कहा : पूर्व मंत्री लालचंद महतो कहते हैं कि मैं गुंडागर्दी करता हूं. वह मेरी गुंडागर्दी का सबूत पेश करें, नहीं तो मानहानि का मुकदमा दर्ज करूंगा. घटना के दिन भाजपा सहित कई अन्य दलों के लोग सड़क पर उतर कर आंदोलन कर रहे थे, लेकिन किसी ने भी शोक संतप्त परिवार के लिए न्याय दिलाने की बात नहीं की. सभी लोग सिर्फ मेरी गिरफ्तारी की ही मांग करते हैं.
केस दर्ज होने की जानकारी नहीं थी
उन्होंने कहा कि मैंने 19 मार्च को नामांकन पत्र लिया. 20 को यह घटना घटी है. 21 मार्च को कोर्ट में यह मामला गया और मीडिया में आया है. ऐसे में मुङो यह कहां से जानकारी रहेगी कि संतोष हत्याकांड में मेरे ऊपर मामला दर्ज हुआ है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मामले की जांच प्रशासन अपने स्तर पर कर रहा है. प्रशासन स्वतंत्र होकर इसकी जांच करे. जहां जरूरत होगी, मैं प्रशासन को हरसंभव सहयोग प्रदान करूंगा. जल्द ही दूध का दूध व पानी का पानी होगा. जनता विरोधियों को चुनाव में करारा जवाब देगी. श्री महतो ने कहा कि मेरी लोकप्रियता से लोग घबरा गये है. नामांकन के दिन मैंने अपने समर्थक को सूचना नहीं दी. इसके बावजूद हजारों लोग साइकिल के साथ बोकारो पहुंचे. इसका कारण यह है कि हर वक्त मैं सभी के सुख-दुख मे खड़ा रहता हूं. जब मैं इस घटना में शामिल नहीं हूं, तो मेरे ऊपर दाग लगने का सवाल ही नहीं है. इस तरह इसका कोई असर चुनाव पर नहीं पड़ेगा. हार्स ट्रेडिंग मामले पर उन्होंने कहा कि मैं प्रमोद पांडेय को जानता तक नहीं हूं. जहां तक नौकरानी की बात है, तो आज तक मेरे घर में कोई महिला नौकरानी नहीं है. कोई नौकर भी नहीं रहता है. मेहमान के आने के बाद कप-प्लेट भी घर के परिवार साफ करते हैं. यह सरासर झूठा आरोप है.
यूपीए का अटूट गंठबंधन
एक अन्य सवाल पर उन्होंने कहा कि झारखंड में राजद, कांग्रेस व झामुमो के बीच अटूट गंठबंधन है. झारखंड में नमो की कोई लहर नहीं है. गिरिडीह सीट पर झामुमो की जीत होगी. पूरे संसदीय क्षेत्र का चहुंमुखी विकास उनका मुख्य चुनावी मुद्दा है. डुमरी विधानसभा क्षेत्र में एक भी समस्या नहीं रहने दी गयी है. बेरमो में विस्थापन, तो बाघमारा में जल संकट की भीषण समस्या है. गिरिडीह विधानसभा में शहरी विकास की समस्या है. संसदीय क्षेत्र में पलायन व बेरोजगारी भी समस्या है. सांसद बनने के बाद समस्याओं का निदान उनकी प्राथमिकता होगी.