17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

झारखंड के विकास मद में 3000 करोड़ रुपये की कमी

रांची : झारखंड में चालू वित्तीय वर्ष (2013-14) के योजना आकार को 16,800 करोड़ से घटा कर 13,800 करोड़ रुपये करने की तैयारी की जा रही है. विकास मद में 3000 करोड़ रुपये की कमी (रिसोर्स गैप) हो गयी है. केंद्र प्रायोजित योजनाओं में राशि कम मिलने की वजह से योजना आकार कम किया जा […]

रांची : झारखंड में चालू वित्तीय वर्ष (2013-14) के योजना आकार को 16,800 करोड़ से घटा कर 13,800 करोड़ रुपये करने की तैयारी की जा रही है. विकास मद में 3000 करोड़ रुपये की कमी (रिसोर्स गैप) हो गयी है. केंद्र प्रायोजित योजनाओं में राशि कम मिलने की वजह से योजना आकार कम किया जा रहा है. पिछले वित्तीय वर्ष (2012-13) में भी रिसोर्स गैप की वजह से योजना आकार कम करना पड़ा था.

* क्यों घटाना पड़ रहा है योजना आकार : चालू वित्तीय वर्ष के लिए सरकार ने 16,800 करोड़ रुपये का योजना आकार तय किया था. विकास योजनाओं पर खर्च के लिए निर्धारित राशि का 26.02 प्रतिशत (4371.10 करोड़ रुपये) केंद्र से मिलना है. हालांकि केंद्र से अब तक सिर्फ 1371 करोड़ रुपये ही राज्य को मिल पाये हैं. इससे योजना मद में राशि की कमी (रिसोर्स गैप) हो गयी है. केंद्र सरकार ने एआइबीपी में एक भी पैसा नहीं दिया है, जबकि इस मद में राज्य को 700 करोड़ रुपये मिलने थे.

बीआरजीएफ में सिर्फ 40.85 करोड़ रुपये दिये हैं. उग्रवाद प्रभावित जिलों में विकास (आइएपी) मद में 170 करोड़ रुपये ही दिये गये हैं. नेशनल अरबन जेएनएनयूआरएम में सिर्फ 27.49 करोड़ रुपये दिये गये हैं. राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाइ) में राज्य को 147 करोड़ रुपये ही दिये गये हैं. इसलिए राज्य के योजना आकार को कम करना पड़ सकता है.

* पिछले वर्ष भी योजना आकार घटाना पड़ा था

केंद्र सरकार से पैसा नहीं मिलने की वजह से पिछले वित्तीय वर्ष 2012-13 में भी राज्य सरकार को योजना आकार कम करना पड़ा था. 16300 करोड़ के योजना आकार को घटा कर 13774 करोड़ रुपये कर दिया गया था.

– 2013-14 में केंद्रीय सहायता (करोड़ में)

मद मिला मिलना था

एआइबीपी 00.00 700.00

बीआरजीएफ 40.85 471.49

जेएनएनयूआरएम 27.49 511.26

आइएपी 170.00 510.00

आरकेवीवाइ 147.00 311.00

इंदिरा आवास 203.30 384.95

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें