रांची : चारा घोटाला मामले में सजा पा चुके मुख्य अभियुक्त लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें हर बीतते दिन के साथ बढ़ती जा रही है. बिहार में उनके हाथ से सत्ता चली गयी और रांची में विशेष सीबीआइ कोर्ट में उनके पक्ष में कोई गवाही देने नहीं आया. लालू प्रसाद गुरुवार को रांची स्थित सीबीआइ की विशेष अदालत में चारा घोटाला मामले में पेश हुए. लेकिन, उनका कोई गवाह कोर्ट में पेश नहीं हुआ. अपने बचाव में अब उन्हें थाईलैंड में उम्मीद की किरण दिख रही है.
बिहार के भूतपूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने कोर्ट में 35 गवाहों की सूची सौंपी है. उनमें से एक भी गुरुवार को कोर्ट में नहीं आया. इस बीच, लालू प्रसाद ने कोर्ट से अपील की है कि थाईलैंड के दूतावास को समन जारी कर एससी चावला को भारत बुलवाया जाये. लालू ने ऐसा इसलिए किया है, क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि चावला की गवाही उन्हें बेगुनाह साबित कर सकती है.
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यहां बताना प्रासंगिक होगा कि वर्ष 1996 में जब सीबीआइ ने लालू के घर छापा मारा था, तो वहां एक निमंत्रण कार्ड मिला था. यह कार्ड चावला की बेटी की शादी का था. चावला ने लालू प्रसाद को अपनी बेटी की शादी में आमंत्रित किया था. सीबीआइ ने कोर्ट को बताया है कि लालू उस विवाह समारोह में शामिल हुए थे.
उनके थाईलैंड जाने और वहां से आने की व्यवस्था चारा घोटाला के आपूर्तिकर्ता और अफसरों ने की थी. वहीं, लालू ने कहा कि निमंत्रण कार्ड के साथ चावला ने विमान का टिकट भी उपलब्ध कराया था.
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इतना ही नहीं, लालू ने यह भी मांग की कि बिहार के कार्मिक और गृह विभाग की कुछ फाइलें कोर्ट में मंगवायी जायें. इस पर अदालत ने सीबीआइ को संबंधित विभागों को फाइल पेश करने का आदेश दिया. संबंधित विभागों को निर्देश दिया गया कि सीबीआइ को मामले से जुड़ी सारी सूचनाएं दी जायें.
दरअसल, लालू ने अपने बयान में कहा था कि जिन लोगों को सेवा विस्तार दिया गया, उनमें से किसी के मामले में कोई अनियमितता नहीं बरती गयी. सभी को नियम के अनुकूल सेवा विस्तार दिया गया था. वे सभी फाइलें कोर्ट में पेश करायी जायें.
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इस पर सीबीआइ कोर्ट ने लालू प्रसाद से कहा कि जितने निजी गवाहों का समन लिया गया है, उन्हें कोर्ट में हाजिर किया जाये. साथ ही जो सरकारी फाइलें पेश करानी हैं, उसकी सूची दी जाये. सूची मिलने के बाद अदालत आगे की कार्रवाई करेगी.