लुटेरों ने सीआइएसएफ जवानों पर फेंका बम, कांस्टेबल समेत कई जवान घायल

सुरक्षा कर्मियों को बंधक बना कर पीटा, एक सौ फीट केबल लूटा भौंरा : इजे एरिया की 36 नंबर बंद खदान गुरुवार की रात फायरिंग व बम धमाकों से थर्रा उठी. यहां केबल लूटने आये अपराधियों ने सीआइएसएफ जवानों पर बम फेंका और हवाई फायरिंग की. इस घटना में सीआइएसएफ के एक हेड कांस्टेबल समेत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 26, 2017 6:38 AM
सुरक्षा कर्मियों को बंधक बना कर पीटा, एक सौ फीट केबल लूटा
भौंरा : इजे एरिया की 36 नंबर बंद खदान गुरुवार की रात फायरिंग व बम धमाकों से थर्रा उठी. यहां केबल लूटने आये अपराधियों ने सीआइएसएफ जवानों पर बम फेंका और हवाई फायरिंग की. इस घटना में सीआइएसएफ के एक हेड कांस्टेबल समेत कई जवान घायल हो गये. घटना गुरुवार की है. रात लगभग 1.20 बजे इजे एरिया की 36 नंबर बंद खदान में केबल 40-50 नकाबपोश लुटेरों ने धावा बोल दिया. सभी हरवे हथियार से लैस थे. केबल लुटरों ने वहां तैनात सुरक्षाकर्मी दिलीप दुसाध व फैन ऑपरेटर महेश साव को बंधक बना लिया.
अपराधियों ने उनके पर्स व टॉर्च आदि छीन लिये और केबल काटने लगे. तभी अभियंता आरके सिंह का फोन महेश साव के मोबाइल पर आया. फोन की घंटी बजने पर लुटेरों ने मोबाइल छीन कर उसकी पिटाई शुरू कर दी. शोर गुल सुन क्षेत्रीय कार्यालय में कार्यरत प्रमोद यादव ने घटना की सूचना सुरक्षा अधिकारी सुरेंद्र सिंह को दी. इसके बाद सीआइएसएफ के हेड कांस्टेबल एससी यादव, आर शिव कुमार, गोविंद राम, शिव कुमार के साथ 7-8 अन्य पहुंचे. जवानों को देखते ही अपराधियों ने उन पर बम फेंकना शुरू कर दिया. इस घटना में हेड कांस्टेबल एससी यादव के कंधे पर एक बम फट गया. इससे उनकी छाती, कंधा, मुंह व कपड़े झुलस गये. सुरक्षा कर्मी दिलीप दुसाध व कई जवान भी बम के छींटों से घायल हो गये. जवानों के ललकारने के बाद अपराधी केबल छोड़ कर भाग गये. रात 2 बजे घायलों को भौंरा अस्पताल पहुंचाया गया. जहां से चिकित्सकों ने गंभीर स्थिति को देखते हुए घायल एससी यादव को सेंट्रल अस्पताल धनबाद रेफर कर दिया. खबर पाकर सीआइएसएफ के असिस्टेंट कमांडेंट शेर सिंह , इंस्पेक्टर एससी रावत घायलों को देखने रात 2.30 बजे अस्पताल पहुंचे.
दोबारा खदान पहुंचे अपराधी : घटना के बाद केबल लुटेरे देर रात दोबारा बंद खदान पहुंचे. इसकी सूचना पाकर असिस्टेंट कमांडेंट शेर सिंह व इंस्पेक्टर एससी रावत दल बल के साथ घटनास्थल पहुंचे. जवानों को देखते ही लुटेरे खदान के पीछे भाग गये.

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