आरोपी का अब तक पकड़ा नहीं जाना जांच सही नहीं होने के संकेत : हाइकोर्ट
रांची : झारखंड हाइकोर्ट में बुधवार को वर्ष 2013 में डोरंडा में हुई छह वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म व हत्या मामले में स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस बीबी मंगलमूर्ति की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए माैखिक रूप से कहा कि घटना के […]
रांची : झारखंड हाइकोर्ट में बुधवार को वर्ष 2013 में डोरंडा में हुई छह वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म व हत्या मामले में स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस बीबी मंगलमूर्ति की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए माैखिक रूप से कहा कि घटना के चार साल बाद भी आरोपी को पकड़ा नहीं जा सका है. आरोपी का अब तक पकड़ा नहीं जाना, जांच सही दिशा में नहीं होने का संकेत है. आरोपी का पता क्यों नहीं चल पा रहा है.
माैखिक रूप से खंडपीठ ने कहा कि बच्ची का रेप व मर्डर हुआ है. दोषियों को निश्चित पकड़ा जाना चाहिए. अन्य कई जघन्य अपराध के मामलों में भी पुलिस को सुराग नहीं मिल पाया है. पुलिस अपराधियों को पकड़ने में विफल नहीं रहे. आपराधिक घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस की पेट्रोलिंग तेज करनी चाहिए. शहर में पेट्रोलिंग की व्यवस्था को दुरुस्त करने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने राज्य सरकार को जांच की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने काे कहा़ मामले की सुनवाई दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दी. सिटी एसपी ने खंडपीठ को बताया कि मामले में पांच लोगों का पॉलिग्राफिक टेस्ट कराया गया था. दो लोगों ने टेस्ट कराने से इनकार कर दिया था. अब तक सुराग नहीं मिल पाया है. अनुसंधान जारी है.
इससे पूर्व एमीकस क्यूरी अधिवक्ता राजीव कुमार ने खंडपीठ को बताया कि पुलिस जांच के नाम पर खानापूर्ति कर रही है. पिछली सुनवाई के दाैरान खंडपीठ ने कहा था कि यह काफी गंभीर मामला है. बच्ची के साथ हुए रेप व हत्या मामले को पुलिस गंभीरता से क्यों नहीं ले रही है. बूटी बस्ती में एक इंजीनियरिंग की छात्रा के साथ रेप की घटना हुई थी. हत्या कर उसके शरीर के कुछ हिस्से को जला दिया गया था. इस मामले में भी पुलिस को कोई सुराग नहीं मिल पा रहा है. इस तरह के गंभीर मामलों में पुलिस को सुराग क्यों नहीं मिल पाता है.