जिस बिल्डर के खाते में साै कराेड़ रुपये डाले गये, उसके खिलाफ दर्ज हैं कई मामले, देवघर कोर्ट से संजय तिवारी के खिलाफ वारंट

भानु कंस्ट्रेक्शन के प्रोपराइटर व बिल्डर संजय तिवारी के खाते में मिड डे मील का 100 करोड़ रुपये पांच अगस्त को ट्रांसफर किया गया था़ उनके खाते में यह पैसे कैसे आये, यह तो जांच का विषय है, लेकिन उनके खिलाफ विभिन्न जगहों पर पूर्व में भी कई मामले दर्ज हैं़ इनमें देवघर कोर्ट से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 28, 2017 7:25 AM
भानु कंस्ट्रेक्शन के प्रोपराइटर व बिल्डर संजय तिवारी के खाते में मिड डे मील का 100 करोड़ रुपये पांच अगस्त को ट्रांसफर किया गया था़ उनके खाते में यह पैसे कैसे आये, यह तो जांच का विषय है, लेकिन उनके खिलाफ विभिन्न जगहों पर पूर्व में भी कई मामले दर्ज हैं़ इनमें देवघर कोर्ट से चेक बाउंस का एक मुकदमा मो मुख्तार अंसारी ने उनके खिलाफ किया है, जिसमें उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ है.
देवघर: सीजेएम कुमार क्रांति प्रसाद की अदालत में पीसीआर केस संख्या 683/2009 में जजमेंट के लिए पूर्व से तिथि निर्धारित रहने के बावजूद आरोपी संजय तिवारी कोर्ट में हाजिर नहीं हुए. इस कारण उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है. कोर्ट के आदेशों का अनुपालन नहीं करने के चलते उक्त कार्रवाई की गयी है.

इस मामले में आठ अगस्त 2017 को फैसला आना था, लेकिन न्यायालय में वे हाजिर नहीं हुए. पुन: 18 अगस्त को तिथि रखी गयी, लेकिन कोर्ट के आदेशों का अनुपालन उसने नहीं किया. इसके चलते धनबाद एसपी के माध्यम से गैर जमानती वारंट तामिला के लिए भेजा गया है. गैर जमानती वारंट जारी हुए करीब दो माह होने को हैं, लेकिन आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर है. यह मुकदमा मो मुख्तार अंसारी नेकोर्ट में दर्ज कराया है, जिसका ट्रायल जारी है. आरोपी धनबाद जिले के सीक लाइन कॉलोनी विशनपुर का रहनेवाला है. स्थायी पता हरिहरपुर गांव का है.

संजय के खिलाफ चेक बाउंस का है मामला
जसीडीह थाना के गोसाईंडीह गांव निवासी मो मुख्तार अंसारी ने यह मुकदमा छह अप्रैल 2009 को सीजेएम कोर्ट में दाखिल किया था, जिसकी सुनवाई चल रही है. दाखिल मुकदमा में कहा गया है कि आरोपी ने परिवादी को 20 हजार रुपये का चेक दिया था. इस चेक को परिवादी ने बैंक में दाखिल किया, तो कैश नहीं हुआ. बैंक ने चेक को बाउंस करार दिया. परिवादी ने वकालतन नोटिस भेजवा कर बकाया पैसों की मांग की, तो उसने देने से इनकार कर दिया. विवश होकर मो मुख्तार ने मुकदमा किया व अब न्याय के लिए कोर्ट का चक्कर लगा रहा है. करीब नौ साल से यह मामला कोर्ट में चल रहा है. सीजेएम ने आठ अगस्त को जजमेंट के लिए डेट तय किया, लेकिन आरोपी कोर्ट में उपस्थित नहीं हुआ. इस मामले में परिवादी ने एक भी साक्ष्य नहीं दिया है. इस मामले की कोर्ट में अगली तिथि आठ दिसंबर 2017 निर्धारित की गयी है.
सरकार को नहीं हुआ है कोई नुकसान : बैंक
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया प्रबंधन ने मिड डे मिल से संबंधित मामले में कहा है कि इससे सरकार को कोई नुकसान नहीं हुआ है. एमडीएम का 100 करोड़ रुपये जो भानु कंस्ट्रक्शन के खाते में है, उसे एमडीएम के खाते में उसी तिथि से जमा ( वैल्यू डेटेट पोस्टिंग) मान लिया गया है. प्रभात खबर में छपी खबर में छप गया था कि सरकार का पैसा भानु के खाते में रहने की वजह से सरकार को सूद के रूप में 45 लाख रुपये का नुकसान हुआ है.
राशि ट्रांसफर होने के बाद क्या हुई कार्रवाई?
मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के खाता से बैंक द्वारा बिल्डर के खाता में एक सौ करोड़ रुपये ट्रांसफर किये जाने के मामले में प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के निदेशक को पत्र लिखा है. प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने पूछा है कि राशि बिल्डर के खाता में ट्रांसफर हाेने के बाद मामले में प्राधिकरण की ओर से क्या कार्रवाई की गयी. प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने इस संबंध में निदेशालय को जानकारी देने को कहा है.

Next Article

Exit mobile version