हजारीबाग : यशवंत की प्रतिष्ठा दांव पर, पुत्र जयंत लड़ रहे हैं चुनाव

हजारीबाग : तीन बार के पूर्व विधायक की पत्नी मोलानी देवी अब तक भी सब्जी बेचती रही हैं और अब वह अपने पति एकनाथ महतो को इस संसदीय सीट पर विजयी बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं. इस लोकसभा सीट पर महतो का मुकाबला मौजूदा सांसद यशवंत सिन्हा के विदेश में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 14, 2014 3:48 PM

हजारीबाग : तीन बार के पूर्व विधायक की पत्नी मोलानी देवी अब तक भी सब्जी बेचती रही हैं और अब वह अपने पति एकनाथ महतो को इस संसदीय सीट पर विजयी बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं. इस लोकसभा सीट पर महतो का मुकाबला मौजूदा सांसद यशवंत सिन्हा के विदेश में शिक्षा पाये पुत्र जयंत और कांग्रेस के सौरभ एन सिंह से है.

एक नेता की पत्नी के लिए यह व्यवसाय अनोखा हो सकता है लेकिन मोलानी देवी का कहना है कि वह अपनी जरूरत से ज्यादा अपनी परंपरा को निभाने के लिए यह काम करती हैं. दिलचस्प है कि दंपत्ति ने अपनी संपत्ति दो करोड रुपयेसे अधिक की घोषित की है. मोलानी देवी ने कहा, सब्जियां बेचने में क्या शर्म है यह हमारा पारंपरिक काम है. मुझे टोकरियां अपने सिर पर उठाकर हाट (ग्रामीण) बाजार में लेकर जाना अच्छा लगता है. यह मेरे गांव से मुश्किल से एक किलोमीटर दूर है. इससे मैं 200-300 रुपये रोज कमाती हूं.

उनके पति बरकागांव से भाजपा के टिकट पर तीन बार 1995, 2000 और 2005 में विधायक रह चुके हैं. भगवा पार्टी द्वारा यहां से जयंत को उतारने के बाद इस बार उन्होंने अपनी पुरानी पार्टी छोड दी है और ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन के टिकट पर मैदान में हैं. उन्होंने कहा, यह दुखद है कि जिस पार्टी को मैंने अपना पूरा जीवन दे दिया, वह यहां से सिन्हा के पुत्र की जगह एक प्रतिबद्ध उम्मीदवार को नहीं तलाश सकी.जबकि यहां पर कई वरिष्ठ नेता हैं.

उन्होंने कहा, सिन्हा इस सीट से सांसद रहे और वित्त मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद पर रहने के बावजूद उन्होंने यहां के लिए कुछ नहीं किया. महतो को चुनाव में अपनी जीत का यकीन है और वह कहते हैं कि जो काम उन्होंने पिछले 15 सालों में किये हंै वो उनके लिए वोट लायेंगे.उन्होंने दावा किया कि सेंट्रल कोलफील्ड लिमेटिड की खदानों में जिन लोगों की काम के दौरान मौत हुई थी उनके परिवारों के सदस्यों को उनकी ही कोशिशों के बाद अनुकंपा के आधार पर नौकरी पाना मुमकिन हो सका. हजारीबाग को चुनाव में सांप्रदायिक दृष्टि से संवेदनशील माना जाता है. यहां पहले मतदान की तारीख 10 अप्रैल तय की गई थी लेकिन रामनवमी त्यौहार की वजह से इसे 17 अप्रैल तक के लिए टाल दिया गया.

हजारीबाग संसदीय सीट में पूरा रामगढ जिला और हजारीबाग के कुछ भाग शामिल हैं.यह सीट झारखंड की उन 14 लोकसभा सीटों में से एक है जो माओवाद प्रभावित हैं. इस संसदीय सीट में पांच विधानसभा क्षेत्र हैं. उधर ,अपनी जीत का विश्वास जताते हुए जयंत ने कहा , मैं चुनाव नरेंद्र मोदी और यशवंत सिन्हा के समर्थन से लड़ रहा हूं. हम लोगों को बता रहे हैं कि उनका एक वोट तीन काम करेगा, मोदीजी को प्रधानमंत्री बनायेगा, यशवंत सिन्हा हजारीबाग और रामगढ़ के अभिभावक बने रहेंगे और मैं अपनी कडी मेहनत से उनकी सेवा करुंगा.

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