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रांची : बैंक डीआरटी गया, तो भानु कंस्ट्रक्शन सहयोगी कंपनी के खिलाफ पहुंचा कोर्ट
रांची : मिड डे मील का 100 करोड़ रुपये मामले में भानु कंस्ट्रक्शन अभी तक एसबीआइ हटिया शाखा को पूरा पैसा नहीं चुका पाया है. अब भी इस कंपनी पर बैंक की लेनदारी करीब 24 करोड़ रुपये है. इसको लेकर एसबीआइ ने भानु कंस्ट्रक्शन के खिलाफ डेफ्ट रिकवरी ट्रिब्यूनल में केस कर दिया है. उधर, […]
रांची : मिड डे मील का 100 करोड़ रुपये मामले में भानु कंस्ट्रक्शन अभी तक एसबीआइ हटिया शाखा को पूरा पैसा नहीं चुका पाया है. अब भी इस कंपनी पर बैंक की लेनदारी करीब 24 करोड़ रुपये है. इसको लेकर एसबीआइ ने भानु कंस्ट्रक्शन के खिलाफ डेफ्ट रिकवरी ट्रिब्यूनल में केस कर दिया है.
उधर, इस मामले में पैसे के लेन-देन को लेकर भानु कंस्ट्रक्शन का ओड़िशा के मयूरभंज रविरंगपुर के नव दुर्गा कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के एमडी विराट चंद्र डागरा के साथ विवाद सामने आ गया है. अब भानु कंस्ट्रक्शन के प्राेपराइटर संजय तिवारी ने विराट चंद्र डागरा पर साजिश के तहत जाली कागजात बनाकर धोखाधड़ी करने और एग्रीमेंट के अनुरूप पैसा नहीं देकर दस करोड़ रुपये लिये जाने का आरोप लगाते हुए अनुमंडलीय न्यायिक दंडाधिकारी की कोर्ट में शिकायतवाद दर्ज कराया है. इस पर सुनवाई की अगली तिथि 13 दिसंबर तय की गयी है.
मिड डे मील का 100 करोड़ ट्रांसफर होने का मामला : 10 करोड़ रुपये को लेकर ओड़िशा के नवदुर्गा कंस्ट्रक्शन से भानु कंस्ट्रशन का हुआ विवाद
नवदुर्गा कंस्ट्रक्शन के विराट चंद्र डागरा ने दिया धोखा : संजय तिवारी
शिकायतवाद में संजय तिवारी ने कहा है कि 21 सितंबर को एसबीआइ की हटिया शाखा से उन्हें जानकारी मिली कि बैंक की लिपिकीय भूल के कारण मिड डे मिल का 100 करोड़ रुपये उनके एकाउंट में जमा हो गया है. इसे वे वापस करें.
ऐसे में आरोपी विराट चंद्र डागरा ने भानु कंस्ट्रक्शन की छवि धूमिल करने की नीयत से एसबीआइ हटिया शाखा के कर्मचारियों के साथ मिलकर साजिश रचा. योजना के तहत कंपनी को धोखा दिया. साथ ही बिना 50 करोड़ दिये 10 करोड़ की राशि लेकर हड़पने की कोशिश की. इससे उनका मानसिक और आर्थिक नुकसान हुआ. एग्रीमेंट की शर्तों का पालन नहीं कर धोखा दिया गया. मुकदमा में चार लोगों को गवाह भी बनाया गया है.
नवदुर्गा कंस्ट्रक्शन से 10 करोड़ कंपनी को मिल जाते, तो बैंक को राशि लौटाने में होती सुविधा
तिवारी ने कहा है कि भानू कंस्ट्रक्शन की ओर से बैंक को पैसा लौटाने की प्रक्रिया जारी है. ओड़िशा की कंपनी से 10 करोड़ मिल जाने पर उन्हें बैंक को राशि लौटाने में सुविधा होगी. वह बैंक को पैसा देना चाहते हैं. इसके लिए बैंक से सहयोग की अपेक्षा है. अपेक्षित सहयोग नहीं होने के कारण पैसा देने में समस्याएं आ रही है.
सात जुलाई 2017 को उनके रांची स्थित कार्यालय में दोनों के बीच एग्रीमेंट हुआ कि कार्य को लेकर 50 करोड़ रुपये अगस्त माह में उनके एकाउंट में भेजेंगे. इसके बाद आठ अगस्त व 11 अगस्त को जानकारी दी कि उन्होंने 50 करोड़ रुपये एसबीआइ की हटिया शाखा में भेज दिया है.
पैसा आने पर वे अपने कार्यों में इसका इस्तेमाल करने लगे. बाद में विराट चंद्र डागरा ने कहा कि भेजी गयी 50 करोड़ की राशि में आवश्यक कार्य के लिए 10 करोड़ उनके एकाउंट में वापस भेजा जाये. संजय कुमार तिवारी ने उनकी बातों में आकर विश्वास करते हुए 10 करोड़ रुपये उनके एकाउंट में स्थानांतरित भी कर दिया.
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