सहकारी बैंक में 4.42 करोड़ का गबन

गुमला: द गुमला-सिमडेगा को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड की बिशुनपुर शाखा में चार करोड़ 42 लाख रुपये का गबन हुआ है. कैशबुक और खाता में हेराफेरी कर राशि की गबन की गयी. अभी जांच की प्रक्रिया चल रही है. इसमें गबन की राशि बढ़ सकती है. इस मामले में तत्कालीन बैंक मैनेजर मनोज गुप्ता के खिलाफ सोमवार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 31, 2017 7:25 AM
गुमला: द गुमला-सिमडेगा को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड की बिशुनपुर शाखा में चार करोड़ 42 लाख रुपये का गबन हुआ है. कैशबुक और खाता में हेराफेरी कर राशि की गबन की गयी. अभी जांच की प्रक्रिया चल रही है. इसमें गबन की राशि बढ़ सकती है. इस मामले में तत्कालीन बैंक मैनेजर मनोज गुप्ता के खिलाफ सोमवार को बिशुनपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. बैंक के लेखा प्रबंधक राजेश कुमार तिवारी ने प्राथमिकी दर्ज करायी है. एसपी चंदन कुमार झा ने कहा कि तत्कालीन बैंक मैनेजर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है. अनुसंधान के बाद ही स्पष्ट होगा कि इसमें और कौन-कौन लोग शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि जो भी दोषी होंगे नहीं बचेंगे. बैंक में करोड़ों रुपये के घोटाले की जांच के बाद वरीय अंकेक्षण पदाधिकारी सह जांच दल के अध्यक्ष महेश प्रसाद ने 10 अगस्त को जांच रिपोर्ट को-ऑपरेटिव सोसाइटी झारखंड को सौंपी थी. इसके बाद को-ऑपरेटिव सोसाइटी (झारखंड) के रजिस्ट्रार विजय कुमार सिंह ने गुमला के डीएसओ को पत्र लिखकर तत्कालीन मैनेजर मनोज गुप्ता के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के लिए कहा था. इसके बाद पांच अक्तूबर को डीएसओ कुमुद ने एफआइआर दर्ज करने का निर्देश दिया था.
प्रारंभिक जांच में करीब 26 लाख रुपये घोटाले की बात सामने आयी थी. पुन: जांच की गयी तो 4.42 करोड़ रुपये के गबन का मामला पकड़ में आया. यह जांच तत्कालीन जिला अंकेक्षण पदाधिकारी लखन रविदास ने किया था. जांच में उस समय के शाखा प्रबंधक मनोज गुप्ता को दोषी पाया गया था. मामला को दबाने के लिए रजिस्टर और कैशबुक के पन्ने भी गायब कर दिये गये.
मनोज गुप्ता सस्पेंड
प्राथमिकी के अनुसार, वर्ष 2009, 2010, 2011, 2012, 2013 व 2014 में बिशुनपुर बैंक शाखा में गबन हुआ है. जब कैशबुक की जांच की गयी तो करोड़ों रुपये का घोटाला सामने आया. इसके बाद मैनेजर मनोज गुप्ता को नौ अप्रैल 2015 को सस्पेंड कर दिया गया था.
एफआइआर के लिए मैंने पहले आवेदन दिया था. पुलिस पदाधिकारियों ने कहा था कि आवेदन में कुछ त्रुटि है. इसके बाद सोमवार को दोबारा आवेदन में सुधार कर प्राथमिकी दर्ज करायी.
राजेश कुमार तिवारी, लेखा प्रबंधक, गुमला

Next Article

Exit mobile version