जमशेदपुर : सेल्स टैक्स के सहायक आयुक्त कमलेश चौधरी रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार
जमशेदपुर : सेल्स टैक्स विभाग में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने जमशेदपुर अंचल के सहायक आयुक्त कमलेश चौधरी को 10 हजार रुपये घूस लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया. सहायक आयुक्त जमशेदपुर अंचल के अधीन साकची के सनसाइन कंपनी नामक स्टेशनरी के स्टॉकिस्ट दीपक शारदा से घूस ले रहे थे. घूस वित्तीय वर्ष 2015-2016 के […]
जमशेदपुर : सेल्स टैक्स विभाग में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने जमशेदपुर अंचल के सहायक आयुक्त कमलेश चौधरी को 10 हजार रुपये घूस लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया.
सहायक आयुक्त जमशेदपुर अंचल के अधीन साकची के सनसाइन कंपनी नामक स्टेशनरी के स्टॉकिस्ट दीपक शारदा से घूस ले रहे थे. घूस वित्तीय वर्ष 2015-2016 के एसेसमेंट के एवज में मांगा जा रहा था. इसकी शिकायत एसीबी से की गयी. शुक्रवार को ऑफिस खुलने के करीब दो घंटे के बाद दोपहर करीब 12.30 बजे टीम बाहर खड़ी थी और एसीबी के एक व्यक्ति के साथ व्यापारी एसेसमेंट की फाइल को निपटाने के लिए अपील की.
इस पर सहायक आयुक्त ने उनसे 15 हजार रुपये मांगे. घूस नहीं देने पर फाइल लटके रहने की बात कहीं. इसके बाद 10 हजार रुपये में डील तय हो गया. जैसे ही व्यापारी ने रुपये सहायक आयुक्त के हाथों में दिये, वैसे ही एसीबी के डीएसपी अमर पांडेय समेत तमाम लोगों ने उन्हें धर दबोचा.
उनका केमिकल टेस्ट कराया गया, जिसके बाद उनको सोनारी स्थित एसीबी के थाने में ले जाया गया. वहां कागजी कार्रवाई की गयी, ताकि उनको तत्काल जेल भेजा जा सके. कमलेश चाैधरी का लंबा कार्यकाल जमशेदपुर में ही बीता है. पहले वे ट्रेजरी अॉफिसर थे. इसके बाद उनका तबादला वाणिज्य कर विभाग के सिंहभूम सर्किल में किया गया. विगत तीन वर्षाें से अधिक समय तक वह जमशेदपुर सर्किल में सहायक कमिश्नर के पद पर नियुक्त थे.
एसीबी की छापामारी से सेल्स टैक्स विभाग में मचा हड़कंप
एसीबी की छापेमारी दोपहर करीब साढ़े बारह बजे हुई. इस छापेमारी के दौरान पूरे कार्यालय में क्लाइंट से लेकर एडवोकेट और सारे अफसर और कर्मचारी मौजूद थे. जिस दौरान एसीबी ने छापेमारी की, पूरे विभाग में हड़कंप मच गया.
घूस जबरन दे कर मुझे फंसाया गया है : कमलेश
आरोपी सहायक आयुक्त कमलेश चौधरी ने बताया कि उनको फंसाने की कोशिश की गयी है. वे कोई घूस की रकम नहीं मांगे थे. जबरन उनके हाथ में पैसे लाकर दे दिया गया और तुरंत पकड़ लिया गया और अब बोला जा रहा है कि घूस की रकम उनके पास से पकड़ा गया है, यह गलत है.