निदेशक के काम की होगी जांच, सीएम ने निगरानी जांच का दिया निर्देश
रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रिम्स निदेशक के खिलाफ निगरानी जांच का आदेश दिया है. निगरानी को छह माह में जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है. मुख्यमंत्री के निर्देश पर निगरानी को जांच करने का आदेश सरकार के उपसचिव (मंत्रिमंडल निगरानी विभाग) मनोज जायसवाल ने जारी किया है. आरोप है कि […]
रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रिम्स निदेशक के खिलाफ निगरानी जांच का आदेश दिया है. निगरानी को छह माह में जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है. मुख्यमंत्री के निर्देश पर निगरानी को जांच करने का आदेश सरकार के उपसचिव (मंत्रिमंडल निगरानी विभाग) मनोज जायसवाल ने जारी किया है.
आरोप है कि रिम्स में फरजी तरीके से एमबीबीएस में दाखिला लेनेवाले छात्रों के संबंध में सूचना होने के बावजूद रिम्स निदेशक ने कोई कार्रवाई नहीं की. निगरानी इस बात का पता करे कि रिम्स के किस किस ने फरजी छात्रों की मदद की. इसके अलावा इस काम में रिम्स के किस पदाधिकारी और कर्मचारी की भूमिका संदिग्ध है.
सरकार के उपसचिव द्वारा जारी आदेश के मुताबिक रिम्स के निदेशक ने 2 फरवरी, 2014 को पत्रंक संख्या 643/14 में इस बात का उल्लेख किया था कि रिम्स में फरजी छात्र अध्ययन कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने इसे गंभीरता से लिया. मामले में सरकार का तर्क है कि जब रिम्स प्रबंधन को इस बात की जानकारी है कि फरजी छात्र अध्ययन कर रहे हैं.
तब रिम्स प्रबंधन ने कार्रवाई क्यों नहीं की. मुख्यमंत्री ने रिम्स में गलत तरीके से दाखिला लेकर अध्ययन करनेवाले छात्रों की पहचान कर उन्हें हटाने का निर्देश भी जारी किया था. सरकार के निर्देश पर निगरानी वर्ष 2008 से इस मामले की जांच कर रही है. निगरानी को जो पता चला है उसके अनुसार सत्र 2006, 2007 और 2008 में गलत तरीके से एमबीबीएस में छात्रों का दाखिला हुआ. जिन मेडिकल कॉलेजों में फरजी तरीके से विद्यार्थियों ने दाखिला लिया, उनमें रिम्स (रांची) पीएमसीएच (धनबाद) और एमजीएम (जमशेदपुर) का नाम शामिल है.