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बंदी नक्सलियों पर अब नजर रखेगी जेल सर्विलांस टीम

रांची: जेल में बंद नक्सली-उग्रवादियों की गतिविधियों पर नजर अब जेल सर्विलांस टीम (जेएसटी) रखेगी. रांची एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने इसका प्रस्ताव तैयार कर नक्सल प्रभावित इलाके में तैनात डीएसपी और थानेदार को कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. जेएसटी टीम का नेतृत्व संबंधित क्षेत्र के डीएसपी करेंगे. टीम में संबंधित क्षेत्र के थानेदार भी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 6, 2017 7:58 AM
रांची: जेल में बंद नक्सली-उग्रवादियों की गतिविधियों पर नजर अब जेल सर्विलांस टीम (जेएसटी) रखेगी. रांची एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने इसका प्रस्ताव तैयार कर नक्सल प्रभावित इलाके में तैनात डीएसपी और थानेदार को कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. जेएसटी टीम का नेतृत्व संबंधित क्षेत्र के डीएसपी करेंगे. टीम में संबंधित क्षेत्र के थानेदार भी रहेंगे. थानेदार प्रत्येक सप्ताह जेल जाकर जेल में बंद नक्सलियों से मिलनेवाले सहयोगी, परिवार के सदस्यों व अन्य समर्थकों के संबंध में विस्तृत रूप से जानकारी एकत्र करेंगे.

नक्सल प्रभावित क्षेत्र के थानेदार और ओपी प्रभारी के लिए यह भी तय किया गया है कि वे नक्सलियों के बारे में सूचना मिलने के 72 घंटे और उग्रवादियों के बारे में सूचना मिलने के 24 घंटे के अंदर सत्यापन कर कार्रवाई करेंगे. डीएसपी रैंक के अफसरों के लिए यह भी निर्देश है कि वे पूर्व में गिरफ्तार नक्सलियों के स्वीकारोक्ति बयान के आधार पर वैसे लोगों को चिह्नित कर कार्रवाई करें, जो नक्सलियों को आर्थिक सहयोग पहुंचाने और आश्रय देने का काम करते हैं.

नक्सलियों के खिलाफ ठोस सूचना मिलने के बाद कार्रवाई हो सक, इसके लिए नक्सल प्रभावित इलाके के डीएसपी अपने-अपने क्षेत्र में एसपीओ बनाने के लिए व्यक्ति को चिह्नित करेंगे. उनकी नियुक्ति के लिए ग्रामीण एसपी को प्रस्ताव भेजेंगे. ग्रामीण एसपी की अनुशंसा के बाद संबंधित व्यक्ति का चयन एसपीओ के रूप में किया जायेगा. एसपीओ के रूप में विशेष कर वैसे लोगों को चिह्नित करने को कहा गया है, जिनके परिवार के सदस्य पूर्व में नक्सली हिंसा में मारे जा चुके हैं. बुंडू, तमाड़, राहे और दशम फॉल के थाना प्रभारियों को सुझाव दिया गया है कि वे महाराज प्रमाणिक और अमित मुंडा के मूवमेंट के बारे में जानकारी एकत्र कर कार्रवाई करें.

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