माइनिंग कंपनी से लेवी लेने आये अपराधियों से मुठभेड़, सीसीएल कर्मी सहित दो गिरफ्तार

रांची: रांची पुलिस की टीम ने गुरुवार की शाम सिमलिया नया टोली में एनकाउंटर के बाद अपराधी विक्रम डोम और अरुण राम को गिरफ्तार किया है. विक्रम को पुलिस ने घटना स्थल से गिरफ्तार किया. वहीं एनकाउंटर के दौरान गोली लगने से घायल हुए अरुण राम को देवकमल अस्पताल से गिरफ्तार किया गया. घायल होने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 8, 2017 8:09 AM
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रांची: रांची पुलिस की टीम ने गुरुवार की शाम सिमलिया नया टोली में एनकाउंटर के बाद अपराधी विक्रम डोम और अरुण राम को गिरफ्तार किया है. विक्रम को पुलिस ने घटना स्थल से गिरफ्तार किया. वहीं एनकाउंटर के दौरान गोली लगने से घायल हुए अरुण राम को देवकमल अस्पताल से गिरफ्तार किया गया. घायल होने के बाद अरुण बाइक से भाग कर इलाज कराने देवकमल अस्पताल पहुंचा था.

गिरफ्तार अपराधियों के पास से पुलिस ने हथियार, गोली और बाइक बरामद की है. दोनों अपराधी पिपरवार से कोयला ट्रांसपोर्टिंग का काम करने वाली सैनिक माइनिंग एंड अलाइड सर्विस कंपनी से लेवी वसूलने आये थे. दोनों पिपरवार बचरा के रहने वाले हैं.


अरुण का घर रांची के थड़पखना में भी है. वह सीसीएल का कर्मी है. दोनों का पूर्व से रंगदारी वसूलने का आपराधिक रिकॉर्ड रहा है. पूर्व में दोनों जेल भी जा चुके हैं. दोनों ने अमन श्रीवास्तव के नाम पर कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर एक्स आर्मी मैन मेजर नारायण सिंह को लेवी के लिए फोन किया था. इस मामले में चार अक्तूबर को खलारी थाना में केस दर्ज किया गया था. रंगदारी के रूप में प्रतिमाह 50 हजार की मांग की जा रही थी. लेवी नहीं देने पर दोनों फोन पर धमकी देते थे. कभी कहते थे कि तुम्हारे परिवार के सदस्यों की रेकी कर ली गयी है. उनका लोकेशन पता कर लिया गया है. जल्द ही लेवी की रकम का भुगतान कर दो, नहीं तो अंजाम बुरा होगा. लेवी के लिए पहली बार फोन एक अगस्त को आया था. उसके बाद से लगातार फोन किया जा रहा था.
कैसे पकड़ में आये अपराधी
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, खलारी थाना में केस दर्ज होने के बाद खलारी डीएसपी पुरुषोत्तम कुमार के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया था. गुरुवार की शाम एसएसपी को सूचना मिली कि अपराधियों ने कंपनी के लोगों को लेवी की रकम लेने के लिए सिमलिया नया टोली के पास बुलाया है. इसके बाद उन्होंने तत्काल कार्रवाई के लिए टीम भेजी. अपराधियों को ट्रैप करने के लिए लेवी देने के लिए खुद पुलिस भी पहुंची थी, लेकिन अपराधियों को आशंका हुई कि लेवी देने पहुंचे लोग कंपनी के नहीं, बल्कि पुलिस के लोग हैं. इसके बाद अपराधियों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी. बचाव में पुलिस की ओर से भी फायरिंग की गयी. इस दौरान एक अपराधी को गोली लग गयी और एक अपराधी बचने के लिए हथियार फेंक कर भागने लगा. एक अपराधी को पकड़ने के दौरान दूसरा घायल अपराधी बाइक लेकर पहले सिमलिया गांव में घुसा. वहां से भाग कर देवकमल अस्पताल पहुंचा और दुर्घटना में घायल होने की झूठी कहानी बता कर इलाज कराने लगा़ कुछ देर बाद यहां पुलिस पहुंची और उसे गिरफ्तार कर लिया. यहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे रिम्स में भर्ती कराया गया.

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