झारखंड : बिना आरडीएसओ फिट चालक दौड़ा रहे शताब्दी

बेंक्टेश शर्मा गोमो : रांची–हावड़ा शताब्दी एक्सप्रेस के परिचालन में नियमों का ख्याल नहीं रखा जा रहा है. धनबाद से रांची के बीच बिना आरडीएसओ फिट वाले लोको पायलट से इसका परिचालन कराया जा रहा है. ऐसे में ट्रेन कभी भी हादसे की शिकार हो सकती है. रेलवे सूत्र बताते हैं कि शताब्दी एक्सप्रेस धनबाद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 29, 2017 5:29 AM
बेंक्टेश शर्मा
गोमो : रांची–हावड़ा शताब्दी एक्सप्रेस के परिचालन में नियमों का ख्याल नहीं रखा जा रहा है. धनबाद से रांची के बीच बिना आरडीएसओ फिट वाले लोको पायलट से इसका परिचालन कराया जा रहा है. ऐसे में ट्रेन कभी भी हादसे की शिकार हो सकती है.
रेलवे सूत्र बताते हैं कि शताब्दी एक्सप्रेस धनबाद से रांची तक मेल-एक्सप्रेस के लोको पायलटों से चलवाया जा रहा है, जो सरासर नियमों के खिलाफ है. 130 किमी/घंटा की रफ्तार से चलने वाली भारतीय रेल की हाइस्पीड ट्रेनों में इसे भी गिना जाता है. मेल-एक्सप्रेस के चालक अधिकतम 110 किमी/घंटा की रफ्तार से चलने वाली ट्रेनों को चलाने में सक्षम हैं.
रांची से गोमो तक ट्रेन की अधिकतम गति 105 किमी/घंटा रहती है. रेलवे ट्रैक को ध्यान में रख इंजीनियरिंग विभाग ने जगह–जगह पर कॉशन देकर गति सीमा कम रखी है, जबकि गोमो से धनबाद के बीच ट्रैक की अधिकतम गति सीमा 130 किमी/घंटा है. बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर 110 किमी/घंटा की रफ्तार से ट्रेन चलाने वाले लोको पायलट गोमो–धनबाद के बीच किसके भरोसे 130 किमी/घंटा की रफ्तार से चलाते होंगे.
क्या कहता है रेलवे का नियम: राजधानी एक्सप्रेस तथा शताब्दी एक्सप्रेस को चलाने के लिए लोको पायलट तथा को–लोको पायलट को आरडीएसओ फिट होना जरूरी है. मेल एक्सप्रेस के स्पेशल ग्रेड वन लोको पायलट आरडीएसओ लखनऊ से फिट होने के बाद ही राजधानी व शताब्दी एक्सप्रेस को 130 किमी/घंटा की रफ्तार से चला सकेंगे. ऐसी ट्रेनों में ड्यूटी के दौरान एक लोको पायलट का काम करेगा, जबकि दूसरा को–लोको पायलट के रूप में काम करेगा.
शताब्दी एक्सप्रेस रांची से गोमो तक 105 की गति तथा गोमोसे धनबाद तक 110 की गति से चलायी जा रही है. ऐसी स्थिति में ट्रेन हाइ स्पीड नहीं हो रही है. इसके बावजूद ट्रेन सही समय पर चल रही है.
एमआर आचार्या, सीनियर डीसीएम, रांची
जो चालक दल आरडीएसओ फिट नहीं है, उन्हें हाई स्पीड ट्रेन चलाने का अधिकार नहीं है. यह ठीक नहीं है. रेलवे की अनदेखी से ट्रेन कभी भी दुर्घटनाग्रस्त हो सकती है.
डीबी दीन, धनबाद मंडल सचिव, ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन
क्या है समाधान
शताब्दी एक्सप्रेस को रांची से गोमो तक रांची के लोको पायलटों तथा गोमो से हावड़ा तक गोमो के लोको पायलटों से परिचालन कराना एकमात्र विकल्प है. इससे रेलवे के नियमों का पालन होगा.

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