।।अमिताभ।।
रांची : सिविल कोर्ट की एक महिला अधिवक्ता भारती ने झारखंड बार काउंसिल को पत्र लिखकर अपने साथ हुए दुर्व्यवहार की शिकायत की है. उन्होंने शिकायत पत्र में लिखा है कि जब वे बारकाउंसिलकी नयी बिल्डिंग में अपने बैठने की जगह की पड़ताल के लिए जिला बार सचिव कुंदन प्रकाशन से मिलीं, तो उन्होंने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया.
अधिवक्ता ने आरोप लगाया है कि सचिव ने उनके साथ अमर्यादित भाषा में बातचीत की. पहले तो सचिव ने उन्हें पहचानने से ही इनकार कर दिया, लेकिन जब उन्होंने अपने बारे में पूरी जानकारी दी, तो सचिव ने उनसे कहा कि वे नियमित तौर पर कोर्ट नहीं आती हैं, जिसके कारण उनके लिए सीट की व्यवस्था नहीं की गयी है. सचिव की इस सफाई पर भारती ने अपने गर्भावस्था का जिक्र किया, तो उन्होंने सारी सीमाओं को लांघते हुए उनसे कहा कि आपने किससे पूछकर बच्चा पैदा किया? सचिव के इस आचरण से महिला अधिवक्ता काफी आहत हैं और काउंसिल के पास लिखित शिकायत की है.
भारती ने शिकायत पत्र में जिक्र किया है कि काउंसिल के एक वरीय सदस्य राजेंद्र गुप्ता नये भवन में अधिवक्ताओं के लिए सीट आवंटित किये जाने का काम देख रहे थे. भारती का नाम अधिवक्ता संपत कुमार शर्मा के साथ बैठने वालों की सूची में था. लेकिन जब भारती के लिए सीट की व्यवस्था नहीं की गयी, तो वह इस संबंध में पूछताछ के लिए सचिव के पास गयी. उस वक्त उन्होंने उनके साथ दुर्व्यवहार किया. उन्होंने यहां तक कह दिया कि आप नियमित रुप से वकालत नहीं कर रहीं इसलिए आप वकील नहीं हैं. भारती ने कहा कि उनके साथ सचिव ने जो दुर्व्यवहार किया है, उसे सहजता से भुलाना संभव नहीं है. मैं अपने सम्मान के लिए हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक भी जाऊंगी.
दुर्व्यवहार की बात गलत, भारती मेरे लिए बेटी के समान : सचिव
जब इस संबंध में रांची जिला बार सचिव कुंदन प्रकाशन से बात की गयी, तो उन्होंने कहा कि मेरे ऊपर लगाये गये आरोप गलत और बेबुनियाद है. मैंने कभी भारती के साथ न तो दुर्व्यवहार किया है और न ही किसी अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया है. सीट एलॉटमेंट को लेकर झगड़ा है. यहां 3404 बार मेंबर हैं जिनमें से अभी मात्र 1800 अधिवक्ताओं के बैठने की व्यवस्था हुई है. शेष अधिवक्ताओं के लिए व्यवस्था की जा रही है. चूंकि भारती जी नियमित रूप से नहीं आ रही थी इसलिए फिलहाल उनके लिए सीट की व्यवस्था नहीं की गयी है. भारती मेरे लिए बेटी के समान है. मैं उनके साथ कभी दुर्व्यवहार की बात सोच भी नहीं सकता.