दीनदयाल ग्राम स्वावलंबन योजना की नयी पहल

पद्मश्री सिमोन उरांव ग्रामीण विकास व जल छाजन कार्यकर्ता रांची : ग्रामीण विकास विभाग ने वित्तीय वर्ष 2018-19 से एक नयी योजना शुरू करने का निर्णय लिया है. इस वर्ष दीनदयाल ग्राम स्वावलंबन योजना के माध्यम से राज्य की सभी पंचायतों में मुख्यमंत्री ग्राम विकास फेलो विशेषज्ञ के रूप में पदस्थापित किये जायेंगे. इनका दायित्व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 24, 2018 8:10 AM
पद्मश्री सिमोन उरांव ग्रामीण विकास व जल छाजन कार्यकर्ता
रांची : ग्रामीण विकास विभाग ने वित्तीय वर्ष 2018-19 से एक नयी योजना शुरू करने का निर्णय लिया है. इस वर्ष दीनदयाल ग्राम स्वावलंबन योजना के माध्यम से राज्य की सभी पंचायतों में मुख्यमंत्री ग्राम विकास फेलो विशेषज्ञ के रूप में पदस्थापित किये जायेंगे. इनका दायित्व पंचायत के अधीन सभी राजस्व गांवों के ग्रामीणों को प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, जनसंख्या नियंत्रण, स्वच्छता, वैज्ञानिक चिंतन, संगठन का महत्व, नशाबंदी, कुल्हारबंदी (पेड़-पौधों की कटाई नहीं करना), चराईबंदी (पशुअों को खुले में चरने के लिए नहीं छोड़ना), श्रमदान, बाल श्रम उन्मूलन, बाल विवाह उन्मूलन, जल छाजन, जैविक खेती योग्य तथा आध्यात्मिक जीवन शैली जैसे विषयों पर जागरूक करना होगा. इस योजना का क्रियान्वयन झारखंड स्वावलंबन सोसाइटी के माध्यम से किया जायेगा. नीति अायोग द्वारा चिह्नित राज्य के 19 पिछड़े जिलों को इस योजना में प्राथमिकता दी जायेगी. इसी तरह 1500 करोड़ की लागत से जोहार परियोजना की शुरुआत हुई है. इस योजना का लक्ष्य दो लाख ग्रामीण परिवारों की अाय कृषि व गैर कृषि आजीविका संबंधी गतिविधियों से दोगुनी करना है.
उधर, योजना बनाअो अभियान के तहत ग्रामीणों द्वारा चयनित योजनाअों के क्रियान्वयन की जिम्मेवारी ग्राम विकास समिति/आदिवासी विकास समिति को सौंपी जायेगी. बच्चों के लिए पंचायत स्तर पर चरणबद्ध तरीके से छोटे -छोटे पार्क का निर्माण कराने सहित अन्य योजना भी ग्रामीण विकास विभाग ने बनायी है.
सिस्टम में व्याप्त खामियां दुरुस्त हो
ग्रामीण लोगों को प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, जनसंख्या नियंत्रण, स्वच्छता, वैज्ञानिक चिंतन, संगठन का महत्व, नशाबंदी, कुल्हारबंदी, चराईबंदी, श्रमदान, बाल श्रम उन्मूलन, बाल विवाह उन्मूलन, जल छाजन तथा जैविक खेती का बढ़ावा देने के लिए सोचना अच्छी बात है.
पर यह काम ग्रामीणों के साथ बैठक कर होना चाहिए. इससे निवेशक आकर्षित होंगे. निवेशकों के लिए राज्य में कंफर्ट जोन बनाना चुनौती है. सिस्टम में व्याप्त खामियों को दुरुस्त करने से ही निवेशक आकर्षित होंगे.

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