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झारखंड बजट : एससी-एसटी कल्याण का बजट दो फीसदी बढ़ा
डॉ सोमा मुंडा पूर्व सहायक निदेशक, जनजातीय विकास संस्थान रांची : राज्य सरकार ने झारखंड के अनुसूचित जाति व जनजाति के रणनीतिक विकास का पक्ष लिया है. इसलिए वित्तीय वर्ष 2018-19 में इनके विकास के लिए सदन में अनुसूचित जनजाति क्षेत्र तथा अनुसूचित जाति विकास बजट अलग से प्रस्तुत किये जाने की बात कही है. […]
डॉ सोमा मुंडा
पूर्व सहायक निदेशक, जनजातीय विकास संस्थान
रांची : राज्य सरकार ने झारखंड के अनुसूचित जाति व जनजाति के रणनीतिक विकास का पक्ष लिया है. इसलिए वित्तीय वर्ष 2018-19 में इनके विकास के लिए सदन में अनुसूचित जनजाति क्षेत्र तथा अनुसूचित जाति विकास बजट अलग से प्रस्तुत किये जाने की बात कही है. चालू वित्तीय वर्ष में यह बजट 22,259 करोड़ (राज्य के कुल बजट का 51.5 फीसदी) रुपये था. वहीं अब इसे बढ़ा कर 24,410 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो राज्य के कुल बजट का 52.49 फीसदी है. इस तरह एससी व एसटी विकास का बजट करीब दो फीसदी बढ़ा है.
अल्पसंख्यक कल्याण के तहत नये बजट में अल्पसंख्यक बच्चों के लिए शिक्षा व हुनर का कार्यक्रम चलाने की बात कही गयी है. अपने बजटीय भाषण में मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की है कि यदि अनुसूचित जाति या जनजाति के डॉक्टर एससी या एसटी बहुल क्षेत्र में अस्पताल का निर्माण करते हैं, तो सरकार इन्हें बैंक के मध्यम से 50 लाख रुपये का ऋण उपलब्ध करायेगी. सरकार को उम्मीद है कि इससे इन इलाकों में स्वास्थ्य व्यवस्था सुनिश्चित की जा सकेगी. अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के स्कूलों में घंटी आधारित स्थानीय शिक्षक या सेवानिवृत्त शिक्षक की सेवा लेने की बात भी मुख्यमंत्री ने कही है.
एससी-एसटी इलाके के िलए बजट बढ़ाया जाना ठीक
एससी-एसटी इलाके में इनकी आबादी के लिए बजट बढ़ाया जाना ठीक है, पर एक गलती पहले से होती रही है. संबंधित इलाके में एससी-एसटी के अलावा अन्य लोग भी रहते हैं. इसलिए वहां एससी-एसटी के बजट के पैसे से ही सबका विकास किया जाता है. इससे एससी-एसटी का फंड बंट जाता है. सरकार को उन इलाके के लिए जनरल बजट से भी पैसे दे.
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