झारखंड बजट 2018-19 : बजट में हर वर्ग पर फोकस, तेज होगा विकास

सरायनीय प्रयास. झारखंड चेंबर ऑफ कामर्स और जेसिया के सदस्यों ने कहा राज्य सरकार की ओर से मंगलवार को पेश किये गये वित्तीय वर्ष 2018-19 के बजट की झारखंड के व्यवसायियों ने सराहना की है. झारखंड चेंबर और जेसिया के सदस्यों ने कहा कि बजट मेें हर वर्ग का ख्याल रखा गया है. राेजगार एवं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 24, 2018 8:25 AM
सरायनीय प्रयास. झारखंड चेंबर ऑफ कामर्स और जेसिया के सदस्यों ने कहा
राज्य सरकार की ओर से मंगलवार को पेश किये गये वित्तीय वर्ष 2018-19 के बजट की झारखंड के व्यवसायियों ने सराहना की है. झारखंड चेंबर और जेसिया के सदस्यों ने कहा कि बजट मेें हर वर्ग का ख्याल रखा गया है. राेजगार एवं स्वरोजगार के अधिक-से-अधिक अवसर पैदा करने, महिला सशक्तीकरण, ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों की आय को दोगुना करने पर पूरी तरह से फोकस किया गया है. यह सराहनीय कदम है.
आर्थिक सर्वेक्षण
पिछले छह वर्ष में प्रति व्यक्ति आय में 31 फीसदी की वृद्धि
रांची : पिछले छह वर्षों के दौरान राज्य ने आर्थिक प्रगति की है. राज्य के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में 40 प्रतिशत और प्रति व्यक्ति अाय में 31 फीसदी की वृद्धि हुई है. स्थिर मूल्य पर चालू वित्तीय वर्ष के दौरान आर्थिक विकास दर 6.7 प्रतिशत रहने और प्रति व्यक्ति आय में 5.2 प्रतिशत की वृद्धि का आकलन किया गया है. बजट पूर्व पेश किये गये आर्थिक सर्वेक्षण में इस तथ्य का उल्लेख किया गया है. आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 में कहा गया है कि झारखंड के सभी क्षेत्रों में विकास एक समान नहीं हुअा है. 2011-17 के बीच जीएसडीपी के तृतीयक क्षेत्र में चक्रवृद्धि वार्षिक विकास दर 9.30 प्रतिशत दर्ज की गयी है.
जबकि, शेष क्षेत्रों का प्रदर्शन औसत से काफी नीचे रहा है. जीएसडीपी के प्राथमिक क्षेत्र में मछली पालन में 15 प्रतिशत, वाणिकी में आठ प्रतिशत, खान में 7.5 प्रतिशत का विकास दर दर्ज किया गया है. राज्य के आर्थिक विकास में जीएसडीपी के तृतीयक क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. तृतीयक क्षेत्र के अंतर्गत व्यापार, होटल, परिवहन एवं संचार आदि का योगदान 16 से 21 फीसदी तक का रहा है. वर्ष 2011-17 के बीच राज्य के औसत विकास दर में तृतीयक क्षेत्र का योगदान 56 प्रतिशत रहा है. प्राथमिक क्षेत्र का 18 और द्वितीयक क्षेत्र का 26 प्रतिशत योगदान रहा है. राज्य के विकास में फसल उत्पादन का योगदान काफी कम रहा. पशुधन का विकास भी लगभग स्थिर है. राज्य में आमदनी व रोजगार के क्षेत्र में असंतुलन कायम है. राज्य का लगभग 10 फीसदी श्रमिक बल खनन एवं निर्माण कार्यों से जुड़ा है. ग्रास स्टेट वैल्यू एडेड (जीएसवीए) 34 प्रतिशत है.
राज्य के श्रमिक बल का 50 प्रतिशत कृषि कार्य में लगा है, जबकि राज्य की आय का 16 प्रतिशत ही कृषि क्षेत्र से आता है. रिपोर्ट में राज्य के वित्तीय स्थिति की चर्चा करते हुए कहा गया है कि पिछले तीन वर्षों के दौरान राज्य की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हुई है. राज्य का योजना व्यय 2013-14 से 2016-17 के बीच अपने उच्चतम स्तर पर पहुंचा है. राज्य के सकल घरेलू उत्पाद और योजना व्यय का अनुपात 2013-14 में 14.93 प्रतिशत था. यह 2016-17 में बढ़ कर 19.39 प्रतिशत हो गया.
बजट है ऐतिहासिक और जन कल्याणकारी : डॉ शाहिद
रांची. मुसलिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक सह राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ शाहिद अख्तर ने बजट को ऐतिहासिक व जन कल्याणकारी बताया है. उन्होंने कहा कि सरकार सबका साथ सबका विकास की धारणा पर विश्वास रखती है और यह बजट इसी का परिणाम है़
राज्य सरकार ने महिला सशक्तीकरण के साथ-साथ रोजगार व स्वरोजगार को बढ़ावा देने व नये अवसर पैदा करने का संकल्प लिया है, जो सराहनीय है़ सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में सबसे अधिक 16,873.74 करोड़ रुपये का उपबंध प्रस्तावित किया है, जो सरकार की दूरदर्शिता को दर्शाता है़ दहेज रहित विवाह को बढ़ावा देने के लिए सामूहिक विवाह कार्यक्रमों के आयोजकों को 1000 रुपये प्रति विवाह प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय एेतिहासिक है़
खाद्य सुरक्षा की दृष्टि से निराशाजनक बजट : भोजन का अधिकार अभियान
रांची. झारखंड में महिलाओं, बच्चों और वृद्धों की खाद्य व कुपोषण से सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह बजट निराशाजनक है़ झारखंड में लगातार भूख से मौत हो रही है और मरने वालों में बच्चे, वृद्ध व महिलाएं शामिल हैं, पर उनकी खाद्य पोषण सुरक्षा को लेकर बजट में कोई प्रावधान नहीं है़ भोजन का अधिकार अभियान के अशर्फी नंद प्रसाद व धीरज कुमार ने कहा है कि जन वितरण प्रणाली में दाल व तेल को शामिल करने का कोई प्रावधान नहीं किया गया़ आंगनबाड़ी की सेवाओं में बच्चों, धातृ व गर्भवती महिलाओं के लिए अंडा जैसे पोषक आहार शामिल नहीं किये गये़ लाखों मजदूर महिलाओं के मातृत्व हक पर भी बजट में कोई चर्चा नहीं है़ झारखंड में वृद्धों की सामाजिक सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत थी, क्योंकि भूख व ठंड से वृद्धों की मौत हुई है़ सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत वृद्धों को मिलने वाली राशि व पेंशन का दायरा बढ़ाना चाहिए था, पर सरकार ने इसका कोई प्रावधान नहीं किया़
व्यवसायियाें ने कहा
रोजगार, महिला सशक्तीकरण इस बजट में समाहित हैं
ग्रामीणों की उन्नति, रोजगार व स्वरोजगार के अधिक अवसर उत्पन्न करने, महिला सशक्तीकरण इस बजट में समाहित हैं. शिक्षा, स्वास्थ्य, गांव को सड़क से जोड़ने का लक्ष्य भी बजट में है.
रंजीत गाड़ोदिया, अध्यक्ष
झारखंड चेंबर
बजट में ग्रामीणों की आय बढ़ाने का प्रावधान किया गया
यह विकासशील बजट है. इसमें ग्रामीणों की आय बढ़ाने का प्रावधान किया गया है. रेशम को उद्योग का दर्जा देकर रेशम पार्क पीपीपी मॉडल पर बनाने की घोषणा हुई है. युवाओं और महिलाओं को प्रशिक्षित कर रोजगार मुहैया कराने का प्रयास बेहतर है.
दीनदयाल वर्णवाल, उपाध्यक्ष
यह बजट युवाओं और महिलाओं पर फोकस है, प्रशंसनीय कदम
बजट युवाओं और महिलाओं पर फोकस है. सभी जिलों में एक-एक मेगा स्किल सेंटर की स्थापना का प्रस्ताव है. धनबाद, देवघर, जमशेदपुर व रांची में इंटर स्टेट बस टर्मिनल तथा ट्रांसपोर्ट नगर का निर्माण किया जाना प्रशंसनीय है.
राहुल मारू, कोषाध्यक्ष
जमशेदपुर महिला कॉलेज को विवि बनाने की घोषणा अहम
कोल्हान क्षेत्र के लिए जमशेदपुर महिला कॉलेज को विश्वविद्यालय के रूप में उत्क्रमित करने का प्रयास बजट में सराहनीय है. इससे जिले की छात्राओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सहायता मिलेगी.
प्रभाकर सिंह, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष कोल्हान प्रमंडल
गरीबों की उन्नति के लिए बजट में काफी प्रावधान हैं
झारखंड सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट में कौशल विकास में जो राशि का प्रस्ताव है, उससे बेरोजगारी खत्म करने में सहायता मिलेगी. पर्यटन स्थलों का विकास अच्छा कदम है. गरीबों की उन्नति के लिए बजट में काफी प्रावधान हैं.
सुरेशचंद्र अग्रवाल, कार्यकारिणी सदस्य
व्यापारिक व औद्योगिक आयोग का गठन न होना, निराशाजनक
उम्मीद थी कि राज्य के व्यापार और उद्योग जगत की सुविधा के लिए प्रदेश में व्यापारिक व औद्योगिक आयोग का गठन होगा. बजट में इस पर ध्यान नहीं देना निराशाजनक है. इससे हर व्यापार और उद्योग जगत के लोगों को काफी लाभ होता.
विनय अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष
राज्य के विकास के लिए सराहनीय बजट है
राज्य के विकास के लिए सराहनीय बजट है. बजट के साथ-साथ सरकार से आग्रह होगा कि इन प्रस्तावों का इंप्लीमेंटेशन शीघ्र किया जाये. सरकार यदि इन प्रस्तावों पर शीघ्र अमल करे, तो कुछ ही दिनों में राज्य का कायाकल्प हो जायेगा.
रंजीत टिबड़ेवाल, पूर्व अध्यक्ष
राज्य में पर्यटन विकास को बजट में विशेष महत्व दिया गया
राज्य में पर्यटन विकास को बजट में विशेष महत्व दिया गया है. राज्य में हवाई सेवाओं के विस्तार पर भी योजनाएं प्रस्तावित हैं. महिलाओं को 50 लाख रुपये के विक्रय पत्र के निबंधन शुल्क से पूर्ण छूट दी गयी है. सरकार का यह अच्छा प्रयास है.
दिनेश प्रसाद साहू
ग्रामीण जनता की आय दोगुनी करने का लक्ष्य प्रशंसनीय
झारखंड की लगभग 76 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है. बजट में ग्रामीण जनता की आय दोगुनी करने का लक्ष्य प्रशंसनीय है. साथ ही 6,000 किलोमीटर नये सड़क निर्माण का लक्ष्य भी झारखंड के विकास के लिए अच्छा कदम है.
बिनोद नेमानी
स्किल डेवलपमेंट के ऊपर फोकस है बजट में
बजट में स्किल डेवलपमेंट के ऊपर फोकस किया गया है. इससे बेरोजगारों को आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा. मूल्यांकन नहीं होने से 80 से 90 प्रतिशत झारखंड से बाहर चले जाते हैं. बजट सराहनीय रहा.
दीपक कुमार मारू, उपाध्यक्ष, जेसिया
दहेजरहित विवाह को प्रोत्साहित करने का सराहनीय प्रयास
बजट में महिलाओं की आय बढ़ाने और दहेजरहित विवाह को प्रोत्साहित करने का सराहनीय प्रयास किया गया है. कौलेश्वरी, इटखोरी और रजरप्पा को वृहद गंतव्य के रूप में विकसित किया जाना स्वागतयोग्य प्रयास है.
सोनी मेहता, उपाध्यक्ष
राज्य में 100 छोटे कोल्ड रूम बनाने का प्रस्ताव सराहनीय
कृषकों द्वारा उत्पादित सब्जी, फल, फूल के बाजार तक जाने के पूर्व उनके भंडारण के लिए राज्य में कोल्ड स्टोरेज के अलावा 100 छोटे कोल्ड रूम बनाने का प्रस्ताव सराहनीय है. बजट में सोशल सेक्टर पर ध्यान दिया गया है.
कुणाल अजमानी, महासचिव
पीपीपी मोड पर सिल्क पार्क
की स्थापना सराहनीय
यूनिवर्सिटी में स्टार्टअप कोषांग तथा पीपीपी मोड पर सिल्क पार्क की स्थापना सराहनीय है. लघु कुटीर उद्योग हाट की स्थापना पहली अप्रैल से राज्य में नयी उद्योग नीति एवं सभी प्रमंडल में फार्मेसी संस्थान स्वागतयोग्य कदम है.
आनंद गोयल, कार्यकारिणी सदस्य
इंटर स्टेट बस टर्मिनल निर्माण करने का प्रस्ताव स्वागतयोग्य
धनबाद, देवघर, जमशेदपुर, रांची में इंटर स्टेट बस टर्मिनल के निर्माण करने का प्रस्ताव स्वागतयोग्य कदम है. इसका निर्माण तय समय-सीमा में हो. रांची, खरसावां में सिल्क पार्क की स्थापना स्वागतयोग्य कदम है.
किशोर मंत्री, कार्यकारिणी सदस्य
एक्सपर्ट कमेंट
झारखंड के बजट में कोई नयी व्यवस्था नहीं
झारखंड के बजट में कोई नयी व्यवस्था नहीं
डॉ आरआरपी सिंह
अर्थशास्त्री
बजट में एक लाख रोजगार देने की बात कही गयी है. यह किस प्रकार की नियुक्ति, नियमित या संविदा आधारित, स्पष्ट नहीं
झारखंड का बजट पेश तो हुआ, लेकिन इस बजट में कोई नयी व्यवस्था नहीं है. कुल मिलाकर कहा जाये, तो यह व्यवहारिक बजट नहीं है. सामान्य बजट है. पुराने स्कीम का बजट कहा जाये.
मुद्रास्फीति बढ़ी है, इसके आधार पर ही बजट तैयार किया गया है. सबसे बड़ी बात है कि बजट में स्कीम तो बताये गये, लेकिन इसका क्रियान्वयन कैसे होगा, यह स्पष्ट नहीं है. खर्च कहां करेंगे, यह भी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है. 142 प्रोजेक्ट में 121 प्रोजेक्ट पूरा बताया जा रहा है. ये 121 प्रोजेक्ट कौन हैं, यह स्पष्ट नहीं है. साथ ही इसकी जमीनी हकीकत देखने के बाद ही इसे सही माना जायेगा. बजट में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी गरीबी दूर करने की बात कही गयी है. लेकिन अब तक कितने लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठे हैं, इसका सही-सही सर्वेक्षण नहीं हो पाया है. एक बात ठीक है कि घाटे को कम करने की बात कही गयी है. जहां तक रोजगार की बात है, तो एक लाख रोजगार देने की बात कही गयी है. यह किस प्रकार की नियुक्ति है, नियमित या फिर संविदा आधारित. राज्य के कई विभागों में कई वर्षों से पद रिक्त हैं, इसे अब तक भरा नहीं जा सका है. ये सभी नियमित नियुक्ति होंगे. दूसरी अोर, नये रोजगार सृजन करने की बात करना हास्यास्पद है.
नये-नये कॉलेज व विवि खोलने की बात कह रहे हैं, जबकि वर्तमान में जो कॉलेज और विवि हैं, उनकी स्थिति अब भी दयनीय है. शिक्षा का स्तर कागजी स्तर पर ही सुधरा है. हकीकत कुछ अौर है. दुमका में एग्रीकल्चर कॉलेज खोलने का निर्णय लिया है, जबकि वर्तमान के एग्रीकल्चर कॉलेज की स्थिति नहीं सुधरी है. बेरोजगारों की फौज खड़ी हो रही है. अब चेकडैम बनाने पर विशेष जोर दिया गया है. जबकि सही मॉनटरिंग नहीं होने की वजह से डोभा की स्थिति किसी से नहीं छुपी है. सिर्फ राशि की बर्बादी हुई. सरकार स्कीम तो तैयार कर लेती है, लेकिन उसकी सही मॉनिटरिंग के लिए कोई सख्त कदम नहीं उठाया जाता है. फलस्वरूप स्कीम ध्वस्त हो जाती है.
बजट में गांवों पर किया गया फोकस
रघुवर सरकार का बजट संतुलित है. इस बार के बजट में विशेषकर गांव पर फोकस किया गया है. रोजगार के भी प्रावधान किये गये हैं. पत्रकारों को भी तोहफा दिया जाना अच्छी पहल है.
भानु प्रताप शाही, विधायक
सरकार की कथनी-करनी में समानता है
2018 -19 के बजट की 52 % राशि आदिवासी बहुल और पिछड़े जिलों पर खर्च होगी. यह रघुवर सरकार की पिछड़े इलाकों को विकसित करने की सोच दिखाता है. मुख्यमंत्री ने पिछले बजट में जो घोषणाएं की थी, उसमें से 121 घोषणाएं अमल में आ चुकी है और शेष 21 पर काम चल रहा है. यह सरकार की कथनी और करनी में समानता को दिखाता है.
प्रतुल शाहदेव, प्रवक्ता, भाजपा.
गरीब के लिए कल्याणकारी बजट
यह गरीब कल्याणकारी बजट है. अंत्योदय के उद्देश्य को पूरा करने में यह बजट प्रभावी भूमिका निभायेगा. बजट न्यू झारखंड के संकल्प को मजबूती प्रदान करेगा. बजट में ग्रामीण विकास, महिला सशक्तीकरण एवं युवाओं के रोजी-रोजगार पर ध्यान दिया गया है.
रवि नाथ किशोर, भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य

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