झारखंड बजट 2018-19 : 100 कोल्ड स्‍टोरेज बनाने का है प्रस्ताव

घोषणा. किसानों व खेतिहर मजदूरों के लिए कई योजनाएं लेकर आयी सरकार कृषि विभाग डॉ एसके सिंह पूर्व डीन, रांची वेटनरी कॉलेज किसानों की मदद के िलए बीज ग्रामों में बनायी जायेगी प्रसंस्करण इकाई रांची : राज्य सरकार ने आनेवाले वित्तीय वर्ष में सब्जी, फल एवं फूल के बाजार तक पहुंचाने एवं उसके भंडारण के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 24, 2018 8:37 AM
घोषणा. किसानों व खेतिहर मजदूरों के लिए कई योजनाएं लेकर आयी सरकार
कृषि विभाग
डॉ एसके सिंह
पूर्व डीन, रांची वेटनरी कॉलेज
किसानों की मदद के िलए बीज ग्रामों
में बनायी जायेगी प्रसंस्करण इकाई
रांची : राज्य सरकार ने आनेवाले वित्तीय वर्ष में सब्जी, फल एवं फूल के बाजार तक पहुंचाने एवं उसके भंडारण के लिए कोल्ड रूम चेन की जरूरत बतायी है. इसके लिए राज्य में 100 छोटे कोल्ड रूम बनाये जाने का प्रस्ताव बजट में रखा गया है. सरकार ने तय किया है कि जहां फल और सब्जियों का उत्पादन पर्याप्त मात्रा में होता है, वहां फूड प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना की जायेगी. इससे कृषि उत्पादों का वैल्यू एडिशन हो सकेगा. किसानों को उपज का मूल्य मिल पायेगा.
राज्य सरकार ने वर्तमान में हजारों एकड़ पर बीज ग्राम तैयार किया है. यहां पर्याप्त मात्रा में बीजों का उत्पादन हो रहा है. इन स्थान पर बीज ग्राम स्थापना का प्रस्ताव है. यहां बीजों को प्रसंस्कृत कर प्रमाणीकरण की भी व्यवस्था होगी.
किसानों को बायोगैस प्लांट स्थापना के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा. इससे किसान को मुफ्त में ईंधन के साथ-साथ जैविक खाद का भी उत्पादन कर पायेंगे. किसानों के लिए राज्य सरकार इस बार अलग से फीडर लाइन की व्यवस्था करेगी. किसानों के लिए आवश्यकतानुसार सौर ऊर्जा की व्यवस्था भी की जायेगी. किसानों एवं खेतिहर मजदूरों के सामाजिक सुरक्षा पर सरकार ने पहली बार फोकस किया है. किसान और खेतिहर मजदूरों के असामयिक मृत्यु पर सरकार सहायता करेगी.
देवघर, रांची, सिमडेगा और निकटवर्ती क्षेत्रों में फूलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए नयी योजनाएं चलायी जायेंगी. सरकार ने घोषणा की है कि गोड्डा में कृषि महाविद्यालय की स्थापना संबंधी विधेयक सदन में शीघ्र पेश किया जायेगा. वित्तीय वर्ष 2018-19 में साहेबगंज में कृषि महाविद्यालय खोलने का प्रस्ताव है. झारखंड में लाह की खेती को बढ़ाने के साथ-साथ किसानों को इसका समुचित मूल्य दिलाने के लिए प्रोसेसिंग इकाई की स्थापना की योजना है. वित्तीय वर्ष 2018-19 में लाह परिसंस्करण इकाई की स्थापना की जायेगी. इससे उत्पादित सीड लाह एवं बटन लाह के देश और विदेशों में बिक्री की व्यवस्था की जायेगी.
राज्य सरकार की सिंचाई को बढ़ावा देने के लिए दो हजार सोलर पंप का लगाने की भी योजना है. सरकार ने कहा है कि मछली उत्पादन के क्षेत्र में झारखंड आत्मनिर्भर हो गया है. अब झारखंड की मछली दूसरे राज्यों में भी जाने लगी है. राज्य सरकार मेधा दूध को सशक्त बढ़ाने में लगी है. इसके लिए एनडीडीबी के साथ काम हो रहा है.
आने वाले वित्तीय वर्ष में देवघर, पलामू, साहेबगंज, गिरिडीह और जमशेदपुर में 50-50 हजार लीटर का डेयरी प्लांट शुरू कराया जायेगा. राज्य सरकार ने बजट में विधायकों के सहयोग से गिफ्ट मिल्क स्कीम शुरू करने की घोषणा की है. राज्य के अन्य जिलों में यह चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जायेगा. इसके तहत कुपोषण से पीड़ित बच्चों को प्रतिदिन मुफ्त में दूध उपलब्ध कराया जायेगा.
राज्य में वेटनरी विश्वविद्यालय खोलने की जरूरत है
राज्य में वेटनरी विश्वविद्यालय खोलने की जरूरत है. वेटनरी सालों भर रोजगार देने वाला साधन है. इसको प्राथमिकता में रखना चाहिए था. पशुपालन पर विशेष जोर नहीं देने से राज्य में चल रही स्कीमों को नुकसान होगा. राज्य में कई स्कीम पशुपालन का चल रहा है.
लेकिन, तकनीकी विशेषज्ञों की कमी के कारण स्कीम को नुकसान हो रहा है. इस पर ध्यान देने की जरूरत है. राज्य सरकार के कई विभाग पशुपालन को बढ़ावा देने के िलए काम कर रहे हैं, इसमें प्रबंधन विशेषज्ञ हैं. इनके साथ तकनीकी विशेषज्ञ भी जोड़ा जाना चाहिए.
कल्याण िवभाग
एससी-एसटी कल्याण का बजट दो फीसदी बढ़ा
रांची : राज्य सरकार ने झारखंड के अनुसूचित जाति व जनजाति के रणनीतिक विकास का पक्ष लिया है. इसलिए वित्तीय वर्ष 2018-19 में इनके विकास के लिए सदन में अनुसूचित जनजाति क्षेत्र तथा अनुसूचित जाति विकास बजट अलग से प्रस्तुत किये जाने की बात कही है.
चालू वित्तीय वर्ष में यह बजट 22,259 करोड़ (राज्य के कुल बजट का 51.5 फीसदी) रुपये था. वहीं अब इसे बढ़ा कर 24,410 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो राज्य के कुल बजट का 52.49 फीसदी है. इस तरह एससी व एसटी विकास का बजट करीब दो फीसदी बढ़ा है.
अल्पसंख्यक कल्याण के तहत नये बजट में अल्पसंख्यक बच्चों के लिए शिक्षा व हुनर का कार्यक्रम चलाने की बात कही गयी है. अपने बजटीय भाषण में मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की है कि यदि अनुसूचित जाति या जनजाति के डॉक्टर एससी या एसटी बहुल क्षेत्र में अस्पताल का निर्माण करते हैं, तो सरकार इन्हें बैंक के मध्यम से 50 लाख रुपये का ऋण उपलब्ध करायेगी. सरकार को उम्मीद है कि इससे इन इलाकों में स्वास्थ्य व्यवस्था सुनिश्चित की जा सकेगी. अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के स्कूलों में घंटी आधारित स्थानीय शिक्षक या सेवानिवृत्त शिक्षक की सेवा लेने की बात भी मुख्यमंत्री ने कही है.
एससी-एसटी इलाके के िलए बजट बढ़ाया जाना ठीक
एससी-एसटी इलाके में इनकी आबादी के लिए बजट बढ़ाया जाना ठीक है, पर एक गलती पहले से होती रही है. संबंधित इलाके में एससी-एसटी के अलावा अन्य लोग भी रहते हैं. इसलिए वहां एससी-एसटी के बजट के पैसे से ही सबका विकास किया जाता है. इससे एससी-एसटी का फंड बंट जाता है. सरकार को उन इलाके के लिए जनरल बजट से भी पैसे दे.
जल संसाधन
शिवानंद राय
सेवानिवृत्त अभियंता प्रमुख
लघु सिंचाई योजनाओं पर होगा सरकार का पूरा जोर
रांची : जल संसाधन विभाग के बजट में सिंचाई योजनाओं पर ध्यान दिया गया है. विशेष रूप से लघु सिंचाई पर. राज्य में 500 चेकडैम और 300 वियर योजना का निर्माण कराने की योजना है. वहीं 300 पुरानी मध्यम सिंचाई योजना, आहर व तालाब के पुनरुद्धार कराया जायेगा. 326 चेकडैम योजना का कार्य पूर्ण कराते हुए 20,363 हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई क्षमता सृजित किये जाने का प्रस्ताव है. पूर्ण मध्यम सिंचाई योजनाओं के आधुनिकीकरण पर भी ध्यान दिया गया है.
योजना की नहर लाइनिंग का कार्य होगा. सुदूर गांवों में रहने वाले अनुसूचित जनजाति व जाति का भी ख्याल रखा गया है. अनुसूचित जनजाति बहुल गांवों में आदिवासी विकास समिति के माध्यम से छोटे-छोटे चेकडैम, तालाब, जल संचयन संरचनाएं आदि योजनाओं का निर्माण कराया जायेगा. बजट में जल संसाधन प्रक्षेत्र के लिए 6,421.64 करोड़ रुपये का बजट उपबंध प्रस्तावित किया गया है.
यह चालू वर्ष की तुलना में 14.86 प्रतिशत की दर से 830.72 करोड़ रुपये अधिक है. इसमें अनुसूचित जातियों के लिए विशेष घटक योजना के तहत प्रबंध किया गया है. छोटानागपुर व संताल परगना सिंचाई परियोजना के तहत नई योजनाओं का निर्माण होगा. चालू लघु सिंचाई योजनाओं के निर्माण के साथ पुरानी लघु सिंचाई योजनाओं के संपोषण और पुर्नस्थापन कार्य के लिए भी इंतजाम किये गये हैं. बजट में सतही जल को मेंटेन करने के लिए वाटर बॉडीज का पुर्नस्थापन कार्य करने के लिए उपबंध किये गये हैं.
सरकार को विभाग की स्थिति सुधारनी होगी
बजट कुछ भी हो, उससे फर्क नहीं पड़ता है. सबसे पहले सरकार को विभाग की स्थिति सुधारनी होगी. जबतक स्थिति में सुधार नहीं होगा, काम में तेजी नहीं आयेगी. इससे समय पर काम पूरा नहीं हो सकेगा. अभी विभाग एक भी अधीक्षण अभियंता नहीं है. कार्यपालक और सहायक अभियंता से आधे ही कार्यरत हैं. विभाग का काम पूरी तरह से बैठ गया है. ऐसे में बजट का पूरा पैसा पानी में जायेगा. पैसे सेज्यादा जरूरत विभाग को ठीक करना है. बजट कम ही हो, पर पूरा खर्च कर उपलब्धियां हासिल कर सके, इस पर ध्यान होना चाहिए.
भूमि सुधार
भरत प्रसाद सिन्हा
भू-राजस्व विशेषज्ञ
टाना भगतों की भूमि लगान मुक्त की जायेगी
रांची : वित्तीय वर्ष 2018-19 में राजस्व एवं भूमि सुधार तथा निबंधन विभाग टाना भगतों की सुविधाअों पर खास ध्यान देने जा रहा है. इसके तहत उनका सर्वांगीण विकास कराया जायेगा. साथ ही उनके भूमि को भी लगान मुक्त किया जायेगा. वहीं, राज्य के सारे कब्रिस्तानों की घेराबंदी की जायेगी. साथ ही सरना व मसना की भी घेराबंदी करायी जायेगी. शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में पड़नेवाले मुक्तिधामों को भी अधिक सुविधायुक्त बनाया जायेगा.
विभाग ने नये वित्तीय वर्ष में भी महिलाअों को 50 लाख रुपये लागत तक की रजिस्ट्री पर निबंधन व मुद्रांक शुल्क पूर्ण रूप से छूट देने का फैसला लिया है. आर्थिक रूप से कमजोर व अल्प आय वर्ग के लिए बनाये गये किफायती आवास के निबंधन पर मात्र एक रुपया कर राशि मुद्रांक व निबंधन शुल्क के रूप में ली जायेगी. सरकार भूमिहीनों को गांव में खेती के लिए पांच एकड़ जमीन देगी. आवास बनाने के लिए 12.5 डिसमिल जमीन दी जायेगी.
शहीद सैनिकों, अर्द्ध सैनिक बलों व पुलिसकर्मियों के परिजनों को जीवन यापन के लिए गांव में पांच एकड़ जमीन दी जायेगी. देवघर हवाई अड्डे के लिए 653.75 एकड़ भूमि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को दी है. बिरसा मुंडा हवाई अड्डे के लिए भी 301 एकड़ भूमि का अधिग्रहण कर प्राधिकरण को दिया गया है. अब हजारीबाग, पलामू, दुमका में हवाई अड्डा रनवे के विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई की जा रही है.
बजट अच्छा, व्यवस्था पर ध्यान दे सरकार
बजट सराहनीय है. गरीबों के हित में अगर काम किया गया है, तो अच्छा है. जनता पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि विभाग ने इस बार कई अच्छे काम किये हैं. कब्रिस्तान से लेकर मसना आदि की चहारदीवारी का फैसला भी अच्छा है. वहीं गरीबों को जमीन देने का निर्णय भी सराहनीय है. पर विभाग को अॉनलाइन व्यवस्था पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है. इससे लोग काफी परेशान हैं. यहां तक सारी व्यवस्था चौपट हो गयी है. बजट में अॉनलाइन व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए भी काम करना चाहिए था.
गृह िवभाग
लक्ष्मण सिंह
सेवानिवृत्त आइजी
जमशेदपुर, धनबाद, देवघर समेत छह शहरों में सीसीटीवी प्रणाली लागू करने की योजना
शहीद सैनिकों, अर्द्ध सैनिक बलों और पुलिसकर्मियों के परिजनों को जीवनयापन के लिए गांव में पांच एकड़ जमीन दी जायेगी
इस याेजना का लाभ लगभग दो लाख परिवारों को मिलेगा
रांची : वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए गृह विभाग का बजट 210 करोड़ रुपये रखा गया है. अब तक पुलिस आधुनिकीकरण के तहत केंद्र प्रायोजित योजना के अंतर्गत स्पेशल इंफ्रास्ट्रक्चर स्कीम से झारखंड जगुआर का उन्नयन एवं सुदृढ़ीकरण किया गया है. इसके अलावा 77 पुलिस थानों का निर्माण और उग्रवाद पर लगाम लगाने के लिए विशेष आसूचना ब्यूरो का गठन किया गया है.
राज्य आपदा मोचन बल के गठन का भी निर्णय लिया गया है. वित्तीय वर्ष 2018-19 में छह शहरों धनबाद, बोकारो, रामगढ़, जमशेदपुर, देवघर और दुमका में सीसीटीवी प्रणाली लागू किये जाने की योजना है. शहीद सैनिकों, अर्द्ध सैनिक बलों और पुलिसकर्मियों के परिजनों को जीवनयापन के लिए गांव में पांच एकड़ जमीन दी जायेगी. इसका लाभ लगभग दो लाख परिवारों को मिलेगा.
घोषणा जिस पर हो रही कार्रवाई : जमशेदपुर और देवघर में सीसीटीवी लगाने के लिए परामर्शी के चयन की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है. राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल के पांच अतिरिक्त बटालियन बनाने की प्रक्रिया जारी है. इसके लिए पुलिस मुख्यालय से प्रस्ताव भी मांगा गया है.
वहीं जिला एवं राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार के प्रशासनिक इकाई के गठन और पद सृजन को लेकर झारखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण नियमावली 2017 के तहत कार्रवाई की जा रही है. धनबाद में झारखंड खनन आपदा प्रबंधन संस्थान के स्थापना से संबंधित प्रतिवेदन सुरक्षा निदेशालयों एवं विभिन्न कोल फील्ड लिमिटेड से मांगा गया है.
भ्रष्टाचार पर लगाम लगाया जा रहा : एंटी करप्श्न ब्यूरो की शाखा सभी प्रमंडलों में खोली गयी है. इससे भ्रष्टाचार में लिप्त सेवकों के खिलाफ कार्रवाई में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. 2014 में 31, 2015 में 54, 2016 में 84 और 2017 में 138 लोक सेवकों को रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
इन चीजों पर विशेष फोकस : आतंकियों पर नकेल कसने के लिए आतंकवाद निरोधक दस्ता बनाया गया है. इसके जवानों काे विशेष तौर पर प्रशिक्षित किया गया है. साहेबंगज के बरहड़वा में इसकी एक शाखा खोलने की प्रक्रिया शुरू की गयी है, ताकि बांग्लादेशी घुसपैठियों की कवायद पर रोक लगायी जा सके. वहीं, घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की महिलाओं को विशेष रिजर्व बटालियन और युवाओं को पुलिस भर्ती में सुविधा दी जा रही है. पूरे प्रदेश में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए 13 एक्शन प्लान बनाया गया है.
नक्सल प्रभावित गांवों के विकास के लिए 30 बिन्दुओं पर कार्ययोजना तैयार की गयी है. इसके तहत लोगों को प्रशिक्षण के साथ-साथ उन क्षेत्रों में स्वरोजगार उत्पन्न करने की दिशा में काम किया जा रहा है. युवाओं को बैंक से ऋण दिलाने में भी मदद की जा रही है. पुलिस पिकेट से सटे गांवों के विकास में भी सहयोग किया जा रहा है. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के युवकों को प्रशिक्षित कर सरकार उन्हें नौकरी करने योग्य बनायेगी.
यह बजट पुलिस महकमा के लिए बेहतर
यह बजट पुलिस महकमा के लिए बेहतर है. इससे पुलिस आधुनिकीकरण के क्षेत्र में अच्छा काम होगा. जवानों को आधुनिक हथियार मिलेंगे. उनके आवासन की सुविधा बढ़ेगी. वाहनाें की कमी दूर होगी. प्रशिक्षण का स्तर पहले से बेहतर होगा. पुलिसकर्मियों के स्वास्थ्य पर भी खर्च किये जायेंगे.
बोले युवा
इस बार के बजट में सरकार ने युवाओं का खास ख्याल रखा
रघुवर सरकार का बजट संतुलित है. इस बार के बजट में सरकार ने युवाओं का खास ख्याल रखा है. रोजगार के अवसर का भी प्रावधान किया गया है. झारखंड में स्किल विश्वविद्यालय खोले जाने पर सरकार ने गंभीरता दिखायी है. यह अच्छी बात है. युवा को प्रशिक्षण देने की बात भी कही गयी है. इससे युवाओं को रोजगार पाने में सहूलियत होगी.
आशीष, रांची
स्किल विवि खोला जाना होगा सरकार का एक अच्छा कदम
सरकार का बजट अच्छा है. इस बजट में स्किल डेवलपमेंट पर ज्यादा फोकस किया गया है. इसके साथ ही राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में पीजी की पढ़ाई शुरू करने का प्रावधान एक अच्छी पहल है. राज्य में स्किल विवि खोला जाना भी रघुवर सरकार का एक अच्छा कदम होगा. बजट में युवाओं को फोकस किया गया है. रोजगार देने की बातें कही गयी हैं.
कुंदन, रांची
युवाओं के रोजगार को बढ़ावा कैसे मिले, बजट में है ध्यान
इस बार के बजट में युवाओं के रोजगार को बढ़ावा कैसे मिले इस पर ध्यान दिया गया है. साथ ही महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा दिया गया है. इस बजट में मोरहाबादी मैदान के सौंदर्यीकरण पर भी जोर दिया गया है. वहीं, इस बजट में इको टूरिज्म सर्किट के विकास की भी पहल की गयी है. सरकार ने शहीदों के परिजनों की मदद के लिए कई कदम उठाये हैं.
तुषार वर्मा, रांची
बजट में महिला सशक्तिकरण पर भी जाेर दिया गया है
यह बजट संतुलित है. गांव स्तर से लेकर रोजगार मुहैया कराये जाने की प्राथमिकता पर जोर दिया गया है. राज्य में कौशल विवि की स्थापना का प्रस्ताव एक अच्छी पहल है. इस बार बजट में महिला सशक्तिकरण पर भी जाेर दिया गया है. 20 चिह्नित जिलों में महिला शक्ति केंद्रों की स्थापना किये जाने की घोषणा एक अच्छी पहल है.
राजेश अग्रवाल, रांची
बजट में युवाओं के हुनर को बढ़ावा देने का किया प्रावधान
बजट में युवाओं के स्किल डेवलपमेंट पर फोकस किया गया है. रघुवर सरकार ने बजट में युवाओं के हुनर को बढ़ावा देने का प्रावधान किया है. नये उद्योगों के माध्यम से 50 हजार प्रत्यक्ष रोजगार व 1.50 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित किये जाने का प्रावधान बजट में किया गया है. इससे राज्य से पलायन रुकेगा, युवाओं को यहीं रोजगार मिलेगा.
गौतम गुप्ता, रांची

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