बड़ा फैसला. बीते वर्ष की तुलना में इस बार कम किया गया है विभाग का बजट
रांची : वित्तीय वर्ष 2018-19 में सरकार ने अंतर्राज्यीय महत्व वाली सड़कें बनाने पर विशेष जोर देने की योजना बनायी है. नये वित्तीय वर्ष में विभाग का बजट पुराने वित्तीय वर्ष की तुलना में कम किया गया है. पूर्व में विभाग का बजट 5000 करोड़ रुपये था, जिसे घटा कर 4000 करोड़ रुपये कर दिया गया है. इस तरह विभाग का बजट इस बार 1000 करोड़ रुपये कम कर दिया गया है.
सरकार नये वित्तीय वर्ष में औद्योगिक विकास और पर्यटन के महत्व वाली सड़कों पर खास ध्यान देगी. इन सड़कों को प्राथमिकता के आधार पर बनवाया जायेगा. इसका प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. यह देखा जायेगा कि कौन से सड़कों के निर्माण से उद्योग को बढ़ावा मिलेगा. वहीं, पर्यटन को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा देने के लिए सड़कों का जाल बिछाया जायेगा. यह योजना तैयार की जा रही है कि किसी भी व्यक्ति को टूरिज्म प्लेस तक पहुंचने में किसी तरह की दिक्कत न हो. वहां तक वाहनों की पहुंच हो, इसके लिए पक्की सड़कें बनायी जायेंगी. सरकार की योजना नक्सल प्रभावित इलाकों में भी सड़क निर्माण की है.
इसके लिए भी नये वित्तीय वर्ष में कई बड़ी योजनाएं ली जायेंगी. राज्य में अंतरजिला व जिलों के महत्वपूर्ण पथों पर भी फोकस करने का लक्ष्य रखा गया है. इंटर कनेक्टिंग सड़कें भी ज्यादा से ज्यादा बनायी जायेंगी. खास कर राज्य के महत्वपूर्ण शहरों में इंटरकनेक्टिंग सड़कें बनायी जायेगी. रांची, धनबाद, जमशेदपुर, हजारीबाग, बोकारो, देवघर व अन्य जगहों पर शहर के अंदर से ही कनेक्टिंग सड़कें बनवायी जायेगी.
सड़कों के चौड़ीकरण से होगा ट्रैफिक समस्या का निदान : नये वित्तीय वर्ष में विभाग ट्रैफिक पर भी खास ध्यान देने जा रहा है. ट्रैफिक समस्या से निबटने के लिए भी जरूरी सड़कें बनवायी जायेगी. साथ ही सड़क चौड़ीकरण पर भी काम किया जायेगा. विभाग ने नये वित्तीय वर्ष में करीब 1200 किमी सड़क बनाने व 30 बड़े पुलों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है.
ऐसे पुल बनाये जायेंगे, जिनके निर्माण से ज्यादा से ज्यादा आबादी को लाभ हो. साथ ही बेहतर कनेक्टिविटी लोगों को प्राप्त हो. राज्य की बड़ी-बड़ी नदियों के ऊपर पुलों का निर्माण कराया जायेगा. इसके तहत कोयल, दामोदर, स्वर्णरेखा, भैरवी, शंख आदि नदियों पर पुलों का निर्माण कराया जायेगा. यह देखा जा रहा है कि किन नदियों पर पुल बनाने से कनेक्टिविटी बेहतर होगा.
साथ ही दूरियां भी कम होगी.
पुल निर्माण के लिए संताल परगना पर विशेष ध्यान : पुल निर्माण के क्रम में संताल परगना पर भी विशेष ध्यान दिया जायेगा. विभाग ने ऐसी योजनाअों को चिह्नित किया है कि एक जगह से दूसरे जगह की दूरियां कम हो जाये. अंतराज्यीय सड़कों के निर्माण में बिहार, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा व छतीसगढ़ से कनेक्टिविटी पर खास ध्याान दिया जायेगा. विभाग नये वित्तीय वर्ष में पुरानी सड़कों पर भी खास ध्यान देगा. काफी पहले बनी सड़कों की दशा खराब हो गयी है, उन सड़कों को दुरुस्त करने की जरूरत है. बड़ी राशि पुरानी सड़कों के निर्माण पर भी खर्च होगी. ऐसे में पुरानी सड़कों को बनवायी जायेगी.
राज्य के लिए अंतर्राज्यीय सड़कें जरूरी, इन पर जोर देना अच्छी बात
बजट स्वागत योग्य है. बजट में पर्यटन को ध्यान में रखकर सड़कें बनवायी जा रही हैं, यह अच्छी बात है. अंतर्राज्यीय सड़क किसी भी राज्य के लिए महत्वपूर्ण होते हैं. ऐसे में किसी भी राज्य को इस पर खास ध्यान देना चाहिए. सरकार ने इस पर ध्यान दिया है, जो अच्छी बात है. बजट में कमी की गयी है, यह भी अच्छा है. बजट हिसाब से ही विभागों को मिलना चाहिए. उतना ही बजट हो, जितना की अच्छे से खर्च हो सके. सबसे बड़ी बात है कि विभाग में इंजीनियरों के पद दुरुस्त हों. विभाग सुदृढ़ हो.
पर्यटन विभाग
कौलेश्वरी में पीपीपी मोड पर लगेगा रोपवे
रांची : पर्यटन विभाग पतरातू को राज्य के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करेगा. इसके विकास के लिए कई योजनाएं तैयार की जा रही हैं. नये वित्तीय वर्ष में उसे अमली जामा पहनाया जायेगा. नये वित्तीय वर्ष में सरकार रोजगार से जोड़ कर पर्यटन का विकास करेगी. देवघर, बासुकीनाथ, इटखोरी, रजरप्पा, मसानजोर, चांडिल, दलमा, अंजन धाम, लुगुबुरु का विकास पर्यटनस्थल के रूप में किया जायेगा. वहीं, लुगुबुरु को राजकीय महोत्सव का दर्जा दिया जायेगा. सरायकेला जिले के छऊ महोत्सव को भी राजकीय महोत्सव का दर्जा दिया जायेगा.
प्रसाद योजना के तहत देवघर का विकास किया जाना है. इसकी भी कार्य योजना तैयार की जा रही है.
पर्यटन विभाग स्वदेश दर्शन योजना के तहत जमशेदपुर, रांची, नेतरहाट, बेतला इको टूरिज्म सर्किट का भी विकास किया जायेगा. यानी इन जगहों को प्रदूषण से दूर रख कर टूरिज्म के काम किये जायेंगे. यानी टूूरिज्म स्थल पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त होगा. चांडिल, गेतलसूद, नेतरहाट व बेतला का भी विकास किया जायेगा. इसके लिए भी कार्य योजना तैयार की गयी है.
यह क्षेत्र झारखंड के बेहतर पर्यटन स्थलों में से है. अब यहां का और विकास किया जायेगा, ताकि ज्यादा से ज्यादा पर्यटन यहां आ सकें. यहां पर्यटन के वृद्धि के लिए सारे काम किये जाने हैं. इसका प्रस्ताव तैयार किया गया है. कौलेश्वरी, इटखोरी व रजरप्पा का भी विकास किया जाना है. इन जगहों पर अभी भी बड़ी संख्या में लोग दर्शन लाभ व पूजा-पाठ के लिए जाते हैं. धार्मिक स्थलों के रूप में ये जगह विकसित हैं.
अब इन्हें और सुविधायुक्त बनाया जायेगा. कौलेश्वरी में पीपीपी मोड के आधार पर रोपवे लगाया जायेगा. यहां राजगीर के तर्ज पर ही रोपवे लगेगा. धार्मिक स्थल के साथ ही साथ इस क्षेत्र को पर्यटन के रूप में भी बढ़ावा दिये जाने की योजना तैयार की गयी है. मुख्यमंत्री वृद्धजन तीर्थ दर्शन योजना पहले की तरह जारी रखी गयी है. राज्य के पर्यटन स्थलों व पांच शहरों में लघु कुटरी उद्योग हाट की स्थापना की जायेगी. यहां लघु कुटीर उद्योग से निर्मित वस्तुअों की बिक्री की जायेगी. इससे राज्य के लघु कुटीर उद्योग से जुड़े लोगों का भी आर्थिक विकास होगा. साथ ही पर्यटन स्थल को भी बढ़ावा मिलेगा.
स्थानीय लोगों के रोजगार पर ध्यान देना भी जरूरी
राज्य के धार्मिक स्थलों के विकास की योजना सराहनीय है. धार्मिक स्थलों के साथ ही साथ पर्यटन स्थलों के विकास पर खास ध्यान देना है. पर बजट में पर्यटन उद्योग से जुड़े स्थानीय लोगों को भी अपेक्षाएं थीं. सरकार को स्थानीय लोगों व उनके रोजगार पर भी ध्यान देने की जरूरत है. अगर पर्यटन से लोगों को जोड़ा जाये, तो उन्हें उनके ही गांव-घर में रोजगार मिलेगा.
भवन िनर्माण
धीरज महतो, संयोजक, भवन निर्माण विभाग संवेदक संघ
पुरानी योजनाओं को पूरा करने पर ही जोर
रांची : भवन निर्माण विभाग ने आनेवाले वित्तीय वर्ष में पुरानी योजनाओं को ही पूरा करने पर जोर दिया है. अानेवाले वित्तीय वर्ष में सरकार ने कोई नयी बड़ी योजना नहीं ली है. सरकार ने कहा है कि पिछले तीन वर्षों में पांच नये विश्वविद्यालय खोले जा चुके हैं. वित्तीय वर्ष 2018-19 में विनोद बिहारी महतो विवि, रक्षा शक्ति विवि तथा नीलांबर-पीतांबर विवि के परिसर निर्माण के लिए कार्रवाई की जायेगी. जिन महाविद्यालयों में विज्ञान प्रयोगशाला नहीं है, उनमें विज्ञान प्रयोगशाला की स्थापना का प्रस्ताव है. बड़े जिला मुख्यालयों में लाइब्रेरी कम मोटिवेशन सेंटर स्थापना किये जाने का प्रस्ताव है. आदिवासी बहुल क्षेत्रों में ओल्ड एेज होम की स्थापना भी करने का प्रस्ताव है.
बजट भाषण में बताया गया कि सरकार द्वारा रांची में प्रेस क्लब बनाकर पत्रकारों को उपलब्ध कराया गया है.
धनबाद में भी प्रेस क्लब की स्वीकृति दी गई है. वित्तीय वर्ष 2018-19 में जमशेदपुर, चाईबासा, दुमका एवं देवघर में प्रेस भवन बनाये जायेंगे. भवन निर्माण विभाग ने एचइसी में लिये गये सचिवालय भवनों व अन्य भवनों पर व्यय के लिए तीन करोड़ का प्रावधान किया है. गैर आवासीय भवनों की मरम्मत पर करीब 30 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. कार्यालय और परिसदन भवन के निर्माण पर 85 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. सरकारी रिहायशी भवनों के निर्माण की योजना इस बार ली गयी है. आनेवाले वित्तीय वर्ष में साधारण पूल के सरकारी आवास का निर्माण भी कराया जायेगा. इसके लिए 151 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
संवेदकों की परेशानी पर नहीं दिया ध्यान
इस बजट में सरकार द्वारा केवल पुरानी स्कीमों को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है. नया कोई स्कीम नहीं लिया गया है. वहीं सरकार की ओर से संवेदकों की परेशानी दूर करने की कोई कोशिश नहीं हुई है.
इससे परेशानी ज्यादा हो रही है. काम नहीं हो रहा है. बजट बढ़ा देने से नहीं होता है. विभाग में काम का माहौल बनाने की दिशा में कोई पहल नहीं हो रही है. टैक्स व्यवस्था में परिवर्तन के बाद भवन निर्माण का काम करने वाले संवेदकों के सामने कई तरह की परेशानी है. बजट में इस परेशानी के दूर होने की उम्मीद थी, लेकिन निराशा ही हाथ लगी.
उच्च शिक्षा व कौशल िवकास विभाग
डॉ एए खान
पूर्व कुलपति, रांची विवि
राज्य में खुलेगा कौशल विकास विश्वविद्यालय
रांची : सरकार ने वित्तीय वर्ष 2018-19 के बजट में युवाओं के शिक्षा के साथ-साथ स्किल डेवलपमेंट पर विशेष ध्यान दिया है. इसके लिए राज्य में कौशल विकास विश्वविद्यालय खोला जायेगा. कौशल विकास मिशन के माध्यम से तीन लाख युवाआें को प्रशिक्षित कर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जाना है. राज्य में 50 हजार सरकारी नियुक्ति की जायेगी. सरकार ने नये उद्योग के माध्यम से 50 हजार प्रत्यक्ष राजेगार तथा 1.50 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित किया जायेगा.
विनोद बिहारी महतो विश्वविद्यालय, रक्षा शक्ति विवि तथा नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय के परिसर निर्माण का कार्य शुरू होगा. विश्वविद्यालय से दूरस्थ स्थित जिला में चरणबद्ध तरीके से पीजी की पढ़ाई शुरू की जायेगी. युवाओं को सक्षम बनाने के लिए सभी जिला में एक-एक मेगा स्किल सेंटर की स्थापना की जायेगी.
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं शोध को बढ़वा देने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय/महाविद्यालयों में तथा डॉ रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान में शोध निधि की स्थापना की जायेगी. जिन महाविद्यालयों में विज्ञान की प्रयोगशाला नहीं है, उनमें विज्ञान प्रयोगशाला की स्थापना की जायेगी. बड़े जिला मुख्यालय में लाइब्रेरी कम मोटिवेशन सेंटर खोला जायेगा. सरकार ने बजट में स्टार्टप को बढ़वा देना के लिए विश्वविद्यालय स्तर पर स्टार्टप कोषांग की स्थापना की जायेगी. इससे की इच्छुक विद्यार्थियों को रोजगार प्राप्त करने से तत्काल सहायता प्राप्त कर सके.
योग्य शिक्षकों की नियुक्ति भी जरूरी है
विश्वविद्यालय और कॉलेजों में आधारभूत संरचना तो बढ़ाया जा रहा है, लेकिन उसका लाभ विद्यार्थियों को तब तक नहीं मिलेगा, जब तक योग्य शिक्षक नहीं होंगे. राज्य के कॉलेजों में जिस अनुपात में विद्यार्थी की संख्या बढ़ी है, उस अनुपात में शिक्षकों का पद सृजित नहीं किया गया. नवांगीभूत कॉलेजों में सरकारीकरण से पहले जो पद थे, वही पद आज भी हैं. जबकि, छात्रों की संख्या काफी बढ़ गयी है. जो पद सृजित हैं, उसमें भी लगभग आधे रिक्त हैं. ऐसे में राशि का प्रावधान कर बजट में शिक्षकों के पद सृजन की व्यवस्था की जानी चाहिए थी. शिक्षक व अन्य स्टॉफ के होने पर ही विद्यार्थी को आधरभूत सरंचना का लाभ मिलेगा.
बोली महिलाएं
जो घोषणाएं की गयी हैं, उन्हें अमल में लाया जाना जरूरी
सरकार ने महिलाओं के लिए अच्छा बजट पेश किया है. सरकार द्वारा बजट में महिला सशक्तीकरण की घोषणा किया जाना सराहनीय है. हालांकि, देखना यह है कि इस पर अमल कितना होता है. इस वर्ष हम महिलाओं के लिए बजट में बहुत कुछ करने की योजना है. बस सरकार से उम्मीद है कि बजट में आज जो घोषणाएं हुई हैं, उन्हें पूरा किया जाये और हम महिलाओं के हित में काम हों.
स्रोतोस्वीनी कुंडू, गृहिणी
महिलाओं को मिलने वाली सुविधाएं और बेहतर हों
इस वर्ष बजट में महिलाओं के जीवन स्तर को सुधारने की बात कही गयी है. लेकिन, सरकार को यह भी देखना होगा कि इसके लिए महिलाओं को मिलने वाली सुविधाएं दुरुस्त हों. आज हमारे राज्य में महिलाएं वर्किंग हो रही हैं. वर्किंग महिलाओं को सुविधा के नाम पर क्या मिल रहा है, इस पर भी ध्यान देना होगा. महिला महाविद्यालयों के पास हॉस्टल खोले जायेंगे, जो सरकार की अच्छी पहल कही जायेगी.
पूनम अग्रवाल, समाजसेविका
सखी मंडलों के आय बढ़ाने के उपाय पर जोर देना अच्छी बात
सरकार के बजट में सखी मंडलों के आय को बढ़ाने के उपाय किये जायेंगे. यह अच्छा लगा, क्योंकि कहीं न कहीं गांव की महिलाओं की सुविधाएं अनदेखी हो जाती है. आज गांवों की स्थिति सुधारने में सखी मंडलों का बहुत बड़ा योगदान है. आज देश के गांव सखी मंडलों के योगदान के कारण विकास कर रहे हैं. महिला मंडलों की संख्या बढ़ेगी, तो गांव की महिलाएं भी रोजगार से जुड़ सकेंगी.
सुमन, सदस्य, मारवाड़ी युवा मंच, महिला समर्पण शाखा
जमेशदपुर वीमेंस कॉलेज को विवि का रूप देना सराहनीय
सरकार ने बजट में शिक्षा के लिए 11 हजार करोड़ से भी ज्यादा धन राशि का प्रावधान किया है़ एक शिक्षिका होने के नाते इस बजट का मैं सम्मान करती हूूं. वहीं, जमशेदपुर महिला कॉलेज को विश्वविद्यालय का रूप दिया जायेगा. इससे अपने राज्य के युवतियों को सहूलियत होगी. हमारे राज्य से उच्च स्तरीय शिक्षा के लिए बच्चों को बाहर जाना पड़ता है. उम्मीद है राज्य में अब शिक्षा के क्षेत्र में बड़े कदम उठाये जायेंगे.
निधि विश्वास, शिक्षिका
निबंधन में महिलाओं को विशेष छूट दिया जाना सराहनीय
महिला सशक्तीकरण की बात इस बजट की सबसे अहम है. हमारे राज्य में महिलाएं सशक्त हो रही हैं. बस सरकार को उनके लिए पहल करने की जरूरत है. महिलाओं को लोन दिया जायेगा. यह महिलाओं की आर्थिक सशक्तीकरण के लिए जरूरी है. सरकार के बजट की हम सराहना करते हैं. बस सरकार की घोषणाएं सकार हों. निबंधन पर महिलाओं को विशेष छूट सराहनीय है.
जोयता मुखर्जी, गृहिणी
नगर िवकास
40 हजार अावासों का होगा निर्माण, हर निकाय में बनेंगे दादा-दादी पार्क
सौरभ साहू, संयुक्त सचिव, इंडियन इंस्टीट्यूट अॉफ अॉर्किटेक्ट
रांची : राज्य सरकार ने इस बार शहरी विकास पर जोर दिया है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जहां हर बेघरों को घर देने पर जोर दिया है, वहीं शहरों के सौंदर्यीकरण और व्यवस्था पर भी जोर दिया है. इस बार खास बात यह है कि शहरी क्षेत्र स्थित श्मशान घाटों व कब्रिस्तानों को भी दुरुस्त करने की बात है. राज्य सरकार इस बार आवास पर फोकस कर रही है.
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अपने बजट भाषण में कहा कि प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के अंतर्गत 25 हजार आवासों का निर्माण का कार्य पूर्ण करा लिया गया है. इन सबका दो अक्तूबर 2017 गृह प्रवेश कराया गया है. जिसके लिए हरमू मैदान में एक वृहत स्तर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया है.
इस बार सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना के तीसरे घटक भागीदारी एवं किफायती आवास के अंतर्गत 40 हजार आवासों के निर्माण का कार्य आगामी वित्तीय वर्ष में पूरा किया जायेगा. सरकार ने किफायती आवास के साथ-साथ इसके निबंधन में भी भारी छूट देने की घोषणा की है. आर्थिक रूप से कमजोर एवं अल्प आय वर्ग के लिये निर्मित किफायती आवास के निबंधन पर मात्र एक रुपया कर राशि मुद्रांक एवं निबंधन शुल्क के रूप में ली जायेगी. अभी तक यह योजना केवल महिलाओं के नाम आवास लेने पर ही था. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने रांची के मोरहाबादी स्थिति दादा-दादी पार्क की तर्ज पर राज्य के सभी निकायों में एक दादा-दादी पार्क बनाने की घोषणा की है.
राज्य में इस समय 48 निकाय हैं, जहां दादा-दादी पार्क बनेंगे. रांची के मोरहाबादी मैदान को भी न्यूयाॅर्क के टाइम्स स्क्वायर की तर्ज पर विकसित करने की बात कही गयी है. इसकी पूरी साज-सज्जा करने की बात कही गयी है. विभाग द्वारा मोरहाबादी को एक विश्वस्तरीय मनोरंजक स्थल बनाने की योजना है. पहले चरण में काम भी आरंभ हो गया है.
आइएसबीटी का होगा निर्माण
सरकार ने इंटर स्टेट बस टर्मिनल (आइएसबीटी) के निर्माण की बात भी कही है. इस वित्तीय वर्ष में धनबाद, देवघर, जमशेदपुर एवं रांची में इंटर स्टेट बस टर्मिनल बनेंगे. सरकार ने इन चारों शहरों में ट्रांसपोर्ट नगर के निर्माण की घोषणा भी की है. रांची के पंडरा में ट्रांसपोर्ट नगर बनाने का प्रस्ताव है. वहीं, धनबाद, देवघर एवं जमशेदपुर में भी स्थल चयन की प्रक्रिया चल रही है.
वार्ड विकास केंद्र खोले जायेंगे
राज्य सरकार ने सभी शहरी क्षेत्र के निकायों में वार्ड विकास केंद्र खोलने का प्रस्ताव दिया है. इसमें प्रत्येक वार्ड में चार-चार वार्ड सदस्य होंगे. वार्ड सदस्यों के जिम्मे ही वार्ड की समस्या, टैक्स कलेक्शन जैसे काम होंगे. इसके लिए कई निकायों ने आवेदन लेने की प्रक्रिया भी आरंभ कर दी है.
सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2018-19 में बासुकीनाथ, धनबाद एवं रामगढ़ में अरबन हाट का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है. जहां हस्तशिल्प, हस्तकरघा के कलाकार अपने उत्पादों को बेच सकते हैं. रांची में कांके रोड में अरबन हाट का निर्माण हो रहा है.
घोषणाओं को जमीन पर उतरने की चुनौती
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी सरकार ने अच्छी घोषणाएं की हैं, लेकिन असल चुनौती इन घोषणाओं को जमीन पर उतारने की है. सरकार प्रत्येक योजनाओं के लिए डेडलाइन तय करे. हर हाल में डेडलाइन का पालन हो, तो बेहतर होगा. आधारभूत संरचना पर और फोकस करने की जरूरत है. किफायती आवास योजना है, लेकिन यह ध्यान रहे कि समय पर इनका निर्माण हो.