झारखंड बजट 2018-19 : अस्पताल खोलने पर मिलेगा लोन
अनुसूचित जनजाित के चििकत्सकों को झारखंड सरकार ने दी सौगात इस बार के बजट में ऊर्जा और पेयजल स्वच्छता विभाग पर विशेष ध्यान दिया गया है. दिवाली तक सभी घरों में बिजली पहुंचाने की बात कही गयी है. वहीं हर घर में पाइप से जलापूर्ति, सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के गांवों को अधिकाधिक सड़कों से जोड़ने […]
अनुसूचित जनजाित के चििकत्सकों को झारखंड सरकार ने दी सौगात
इस बार के बजट में ऊर्जा और पेयजल स्वच्छता विभाग पर विशेष ध्यान दिया गया है. दिवाली तक सभी घरों में बिजली पहुंचाने की बात कही गयी है. वहीं हर घर में पाइप से जलापूर्ति, सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के गांवों को अधिकाधिक सड़कों से जोड़ने की योजना बनायी गयी है. अनुसूचित जनजाित के डॉक्टरों को अस्पताल खोलने के लिए 50 लाख रुपये तक का लोन देने की योजना भी प्रारंभ की जायेगी.
रांची : वित्तीय वर्ष 2018-19 के बजट में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर करने की कोशिश की गयी है. हालांकि पिछले वर्ष स्वास्थ्य विभाग का बजट 2044.19 करोड़ का था. बाद में मेडिकल कॉलेज के निर्माण को लेकर बजट बढ़ाकर 3105.97 करोड़ कर दिया गया. इस नाते देखा जाये, तो इस बार स्वास्थ्य विभाग के बजट में कटौती की गयी है. हालांकि सरकार ने इस बार भी मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना पर फोकस किया है. मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत झारखंड के 68 लाख परिवारों में से 57 लाख गरीब परिवारों का प्रति परिवार दो लाख रुपये का बीमा होगा, जिसमें एक-दो नहीं, बल्कि 980 छोटी-बड़ी बीमारियां कवर होंगी.
सरकार इस महत्वाकांक्षी योजना का उदघाटन 15 नवंबर 2017 को कर चुकी है. सरकार द्वारा बजट भाषण में कहा कि 108 एंबुलेंस सेवा प्रारंभ कर दी गयी है, जो चौबीसों घंटे आपात परिस्थितियों के लिए 108 कॉल सेंटर से संचालित है. अभी यह चार जिलों में ही संचालित है. इस वर्ष सरकार की योजना है कि सभी 24 जिलों में 108 एंबुलेंस सेवा आरंभ हो जाये. इस सेवा के तहत 108 पर कॉल करने पर आधे घंटे में एंबुलेंस हाजिर हो जाती है. एंबुलेंस मरीज को नजदीक के सरकारी अस्पताल पहुंचाती है. यह सेवा पूरी तरह नि:शुल्क है.
मेडिकल कॉलेज का होगा विस्तार : राज्य में इस समय डॉक्टरों की भारी कमी है. झारखंड राज्य बनने के समय से 2015 तक राज्य में मात्र तीन चिकित्सा महाविद्यालय कार्यरत थे.
गत दो वर्षों में पलामू, हजारीबाग एवं दुमका में नये चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना की गयी है, जिसका निर्माण कार्य चल रहा है. इस वर्ष इन तीनों मेडिकल कॉलेज में एडमिशन भी आरंभ हो जायेगा. इसकी तैयारी भी हो चुकी है. इन तीनों चिकित्सा महाविद्यालयों के लिए 500 बेडवाले अस्पतालों का निर्माण भी होगा़ इन अस्पतालों के लिए कुल 1,475.02 करोड़ रुपये खर्च होंगे़ इसी आधार पर छात्रों का नामांकन भी होगा.
तीनों मेडिकल कॉलेज में 100-100 एमबीबीएस की सीट होगी. इसके अलावा सरकार ने बोकारो, चाईबासा में भी मेडिकल कॉलेज खोलने की बात कही है. राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि अनुसूचित जनजाति/जाति के डॉक्टर अगर जनजातीय क्षेत्र में अस्पताल का निर्माण करते हैं, तो उन्हें 50 लाख रुपये तक बैंक से ऋण उपलब्ध कराये जाने की योजना प्रारंभ की जायेगी. गांवों में अस्पताल सुविधा बढ़ाने की दृष्टि से यह योजना आरंभ की गयी है.
सरकार द्वारा देवघर में एम्स स्थापना की प्रक्रिया चल रही है. राज्य में नर्सिंग की कमी भी दूर करने की कोशिश की गयी है. इसके लिए लातेहार, लोहरदगा, देवघर, पाकुड़ व कोडरमा में एएनएम स्कूल खोले जा रहे हैं. सभी प्रमंडल मुख्यालय में फार्मेसी संस्थान खोलने की कार्रवाई चल रही है. सरकार गांवों तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिले, इसके लिए पांच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 25 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं 50 स्वास्थ्य उपकेंद्र को मॉडल केंद्र के रूप में विकसित करने की प्रक्रिया चल रही है.
पेयजल स्वच्छता
घर-घर में पाइप से होगी जलापूर्ति, मिलेगा शुद्ध जल
रांची : राज्य सरकार ने इस बार के बजट में घर-घर नल से जल आपूर्ति का संकल्प दोहराया है. गांव-गांव तक पाइप से जलापूर्ति योजना पर सरकार फोकस कर रही है. वहीं इस वित्तीय वर्ष में पूरे राज्य को खुले में शौच से मुक्त करने का लक्ष्य भी निर्धारित है, जो राज्य सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती भी है. सरकार ने वित्तीय वर्ष 2018–19 में पाइप जलापूर्ति योजना से ग्रामीण आबादी का 40 प्रतिशत आच्छादन करने का लक्ष्य निर्धारित किया है.
वर्तमान में यह 30 प्रतिशत से कुछ अधिक है. इस बार डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड (डीएमएफ) से भी खनन प्रभावित इलाकों में पाइप जलापूर्ति योजना ली जा रही है. इस कारण सरकार को उम्मीद है कि इस वित्तीय वर्ष में 40 प्रतिशत पाइप जलापूर्ति का कवरेज हो जायेगा. वहीं सरकार द्वारा इस बार आदिम जनजातियों पर भी फोकस किया गया है. सभी आदिम जनजाति टोलों में पाइप जलापूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी. यह घोषणा मुख्यमंत्री ने की है.
खुले में शौच से मुक्त होगा झारखंड : झारखंड का शहरी क्षेत्र खुले में शौच से मुक्त हो चुका है. अब ग्रामीण क्षेत्रों की बारी है. राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2018-19 में पूरे झारखंड को खुले में शौच से मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. बजट भाषण में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि वर्ष 2014 तक 22,636 विद्यालयों में शौचालय की व्यवस्था उपलब्ध थी, जिसे बढ़ाकर सभी 38,904 विद्यालयों में शौचालय की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है. इस वर्ष विद्यालयों में 50 हजार टॉयलेट बनाये जाने का लक्ष्य है.
वहीं 2014 तक 30,803 विद्यालयों में पेयजल की सुविधा उपलब्ध थी, जिसे बढ़ा कर 38,132 विद्यालयों में पेयजल की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है. विभाग की योजना है कि हर विद्यालय में हाथ धुलाई के लिए वाश बेसिन भी हो. इसके लिए प्रयास किये जा रहे हैं. राज्य सरकार ने फैसला किया है कि 2018-19 में फ्लोराइड व आर्सेनिक प्रभावित टोलों में शत-प्रतिशत शुद्ध पेयजल मुहैया कराया जायेगा. इसके लिए आर्सेनिक व फ्लोराइड हटाने के लिए मशीनें लगायी जायेंगी. पलामू में यह प्रयोग सफल रहा है. सरकार की प्राथमिकता है कि इस बार कहीं भी आर्सेनिक व फ्लोराइड युक्त जल की आपूर्ति न हो. वहीं अति पिछड़े जिलों में प्राथमिकता के आधार पर पेयजलापू्र्ति योजनाओं के क्रियान्वयन पर भी जोर दिया गया है.
परिवहन विभाग
रांची एयरपोर्ट को 301 एकड़ भूमि, होगा विस्तार
महावीर प्रसाद
सेवानिवृत्त परिवहन आयुक्त
रांची : झारखंड सरकार की ओर से वित्तीय वर्ष 2018-19 में परिवहन विभाग का बजट 147 करोड़ रुपये रखा गया है. कोडरमा-तिलैया के बीच 14 किलोमीटर और गोड्डा-हंसडीहा के बीच 32.46 किलोमीटर रेलवे लाइन के निर्माण पर रेल मंत्रालय ने स्वीकृति दे दी है. इस वित्तीय वर्ष मेंं दोनों ही स्थानों पर काम शुरू हो जायेगा. बिरसा मुंडा हवाई अड्डा के विस्तारीकरण के लिए 301 एकड़ भूमि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को स्थानांतरित कर दिया गया है. देवघर हवाई अड्डा के लिए भी 653.75 एकड़ भूमि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को स्थानांतरित किया गया है. कोडरमा-नवाडीह-कावर अंश पर रेल सेवा शुरू कर दी गयी है. शेष 23 किलोमीटर लाइन को भी इस वित्तीय वर्ष तैयार कर चालू करने का लक्ष्य रखा गया है.
घोषणा पर कार्रवाई : गोड्डा-पीरपैती रेल लाइन परियोजना की स्वीकृति दे दी गयी है. 17 फरवरी 2017 को राज्य सरकार और रेल मंत्रालय के बीच करार हो चुका है. इस योजना को समय पर पूरा करने के लिए विभागीय स्तर पर रेल मंत्रालय के साथ लगातार प्रगति की समीक्षा की जा रही है. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में बस सेवा को बढ़ावा देने की दिशा में भी कार्रवाई की जा रही है. छात्राओं को स्कूल और कॉलेज ले जाने के लिए भी बस सेवा शुरू करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है. यह कदम छात्राओं की सुरक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम होगा.
योजनाओं को धरातल पर उतारने की जरूरत
सरकार ने कई अच्छी योजनाओं की शुरुआत की है. सभी योजनाओं को धरातल पर सही ढंग से उतारने की आवश्यकता है. तभी सरकार की सोच और कार्य का लाभ लोगों को मिल सकेगा. कोडरमा-तिलैया के बीच 14 किलोमीटर और गोड्डा-हंसडीहा के बीच 32.46 किलोमीटर रेलवे लाइन के निर्माण पर रेल मंत्रालय की स्वीकृति का आनेवाले समय में यहां के लोगों को लाभ मिलेगा. छात्राओं को स्कूल और कॉलेज ले जाने के लिए बस सेवा शुरू करना भी सराहनीय कदम है. इस सेवा के शुरू हो जाने से छात्राओं को काफी सहूलियत होगी.
ग्रामीण कार्य
अशोक प्रसाद साह
सेवानिवृत्त अभियंता प्रमुख
गांवों से अधिकाधिक सड़कों को जोड़ने की योजना
रांची : प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत इस वित्तीय वर्ष करीब 6000 किमी सड़क बनाने का लक्ष्य रखा गया है. इस बार ज्यादा से ज्यादा बसावटों (गांव-बस्ती) को जोड़ा जायेगा.
यह लक्ष्य रखा गया है कि करीब 3400 बसावटों को जोड़ दिया जाये. विभाग ने 250 की आबादी वाले बसावटों को भी जोड़ने की योजना तैयार की है. केंद्र सरकार व राज्य सरकार के पैसे से इन सड़कों का निर्माण कराया जायेगा. पीएमजीएसवाइ से पुलों का भी निर्माण कराने की योजना है. जिन गांवों की कनेक्टिविटी ठीक नहीं है, वहां पुल बना कर बेहतर रास्ता बनाया जायेगा, ताकि गांवों में आवागमन हो सके. इस योजना से इस बार सुदूर गांवों में भी सड़क बनाने की योजना है.
वहीं राज्य संपोषित योजना से भी ज्यादा से ज्यादा गांवों को जोड़ा जायेगा. इस योजना से गांवों को संपर्क पथ देने के लिए करीब 2000 किमी ग्रामीण सड़क बनाने का लक्ष्य रखा गया है.
इसमें राज्य सरकार पूरी तरह अपना पैसा लगायेगी. मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना से करीब 125 पुल बनाये जायेंगे. ये पुल दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में भी बनाये जायेंगे. इन पुलों के बन जाने से राज्य के दूरवर्ती क्षेत्रों में आवागमन सुगम हो जायेगा. ऐसे गांव जो सुविधाअों से वंचित हैं, वहां आवागमन चालू हो जायेगा. ऐसे में लोगों का सामाजिक व आर्थिक विकास हो सकेगा और वे उन्नति के पथ पर अग्रसर हो सकेंगे.
दूरस्थ इलाकों को सड़क से जोड़ना सही कदम, इलाके का हो सकेगा विकास
दूरस्थ इलाकों को सड़क से जोड़ने का फैसला सही है. ज्यादा से ज्यादा बसावटों को जोड़ा जाये, तो इलाके का विकास होगा. अभी भी ग्रामीणों के लिए आने-जाने का रास्ता नहीं है. वे पगडंडियों से होकर आना-जाना करते हैं. बरसात के दिनों में लोगों का आवागमन पूरी तरह ठप हो जाता है. खास कर बीमार पड़ने पर लोग अस्पताल तक नहीं जा पाते हैं. इसलिए आवश्यक है गांवों की कनेक्टिविटी अच्छी हो.
बोले चिकित्सक
एसटी डॉक्टरों को लाेन मुहैया कराने की बात सराहनीय
अनुसूचित जनजाति के डॉक्टरों को अस्पताल खोलने में लोन मुहैया कराने की बात सराहनीय है, लेकिन ऋण की दर न्यूनतम होनी चाहिए. अस्पताल खोलने के लिए सब्सिडी मिलेगी, तो चिकित्सक इस दिशा में कदम बढ़ायेंगे. तब ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को सही मायने में लाभ मिलेगा. स्वास्थ्य बीमा योजना से सबका इलाज हो पायेगा.
डॉ निशित एक्का
गरीबों को मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ मिलेगा
मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना को शुरू करने से गरीब मरीजों को इसका लाभ मिलेगा. सरकारी अस्पताल के अलावा अावश्यकता पड़ने पर वह निजी अस्पताल में भी इलाज करा पायेंगे. ज्यादा बीमारी कवर होने से चिकित्सा का बोझ गरीब मरीजों पर नहीं पड़ेगा. इससे उन्हें बड़ी राहत मिलेगी. आम आदमी तक चििकत्सा सेवा का लाभ पहुंचेगा.
डॉ स्वाति शर्मा
झारखंड में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ने से ज्यादा संख्या में डॉक्टर निकलेंगे. इससे डॉक्टर अपने ही राज्य में योगदान दे पायेंगे. इससे डॉक्टरों की कमी दूर होगी. एंबुलेंस सेवा 108 सेवा शुरू होने से दूरदराज में रहनेवाले मरीजों को सही समय पर इलाज का लाभ मिलेगा. इलाज के अभाव में असमय मौत की संख्या में कमी आयेगी.
डॉ हर्ष कुमार
अनुसूचित क्षेत्रों में निजी अस्पतालों की कमी होगी दूर
बहरहाल अनुसूचित क्षेत्र में निजी अस्पतालों की कमी है. सरकार द्वारा अस्पताल खोलने में सहयोग करने की घोषणा से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में अस्पतालों की संख्या बढ़ेगी. सरकार के सहयोग से लोग सुदूर इलाके में भी अस्पताल खोलने के बारे में सोचेंगे. राजधानी में आकर लोगों को निजी अस्पताल में इलाज नहीं करना पड़ेगा. आर्थिक बोझ कम होगा.
डॉ श्याम चरण वास्की
एंबुलेंस व स्वास्थ्य सेवा शुरू करने से मरीजों को होगा लाभ
स्वास्थ्य विभाग का बजट सराहनीय है. एंबुलेंस सेवा व स्वास्थ्य सेवाओं को शुरू करने से मरीजों को इसका लाभ मिलेगा. मेडिकल कॉलेज की संख्या बढ़ने से नये डॉक्टरों की संख्या में बढ़ोतरी होगी. ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में डॉक्टर होंगे, तो मेडिकल कॉलेजों में लोड कम होगा. कुल मिलाकर स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए यह अच्छा कदम है.
डॉ मिन्नी रानी अखौरी