इंडसइंड बैंक अधिकारी ने सीएस के खिलाफ नहीं किया था ट्विट
विशेष शाखा ने सीएम के प्रधान सचिव को साैंपी जांच रिपोर्ट रांची : इंडसइंड बैंक के वरिष्ठ अधिकारी अद्वैत हेबर ने झारखंड की मुख्य सचिव राजबाला वर्मा के खिलाफ ट्विट नहीं किया था. विशेष शाखा की जांच में यह खुलासा हुआ है. जांच के दौरान हेबर ने अपने बयान में दावा किया है कि उन्होंने […]
विशेष शाखा ने सीएम के प्रधान सचिव को साैंपी जांच रिपोर्ट
रांची : इंडसइंड बैंक के वरिष्ठ अधिकारी अद्वैत हेबर ने झारखंड की मुख्य सचिव राजबाला वर्मा के खिलाफ ट्विट नहीं किया था. विशेष शाखा की जांच में यह खुलासा हुआ है. जांच के दौरान हेबर ने अपने बयान में दावा किया है कि उन्होंने जब ट्विट किया था, तो उन्हें यह भी पता नहीं था कि झारखंड में मुख्य सचिव के पद पर कोई महिला अधिकारी है. न ही ट्विट में किसी स्टेट का जिक्र किया गया था. विशेष शाखा के एडीजी अनुराग गुप्ता ने इस संबंध में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुनील वर्णवाल को रिपोर्ट सौंप दी है. इसकी पुष्टि वर्णवाल ने की है.
हेबर से पूछताछ करने के लिए विशेष शाखा की एक टीम ने मुंबई जाकर हेबर का बयान लिया था. मामले में बैंक के दूसरे अधिकारी राकेश कुमार और सुभाष कुमार से एजेंसी ने पक्ष लिया था. हेबर ने झारखंड सरकार को कोई बिजनेस प्रपोजल देने अथवा बैंक का कोई पैसा सरकार के पास फंसे होने की बात से भी इनकार किया है. जांच में इस बात की भी पुष्टि हुई है कि हेबर ने सीएस को ई-मेल भेज कर खेद जताया था. कहा था कि मेरे ट्विट में जो स्टेटमेंट है, वह पर्सनल है, जेनरल नहीं. मेरा उद्देश्य किसी को हानि पहुंचाना अथवा किसी की छवि धूमिल करना नहीं है. मैंने जो ट्विट किया है, उसे वापस लेता हूं. इसके बाद उन्होंने अपना ट्विट डिलिट कर दिया था.
हेबर ने कहा : मुझे पता भी नहीं था कि झारखंड में मुख्य सचिव पद पर कोई महिला है
2012 से ही बढ़ा हुआ है क्रेडिट डिपोजिट रेशियो
मामले में यह भी सवाल खड़ा किया गया था कि इंडसइंड बैंक का क्रेडिट डिपोजिट रेशियो अचानक बढ़कर 240 तक पहुंच गया है, जबकि दस्तावेजों की जांच में यह बात सामने आयी है कि 2012 से ही बैंक का क्रेडिट डिपोजिट रेशियो 200 से ज्यादा है.
एनएचआइ से करार के बाद पैसा ट्रांसफर
इस प्रकरण में यह सवाल भी खड़ा किया गया था कि इंडसइंड बैंक को फायदा पहुंचाने के लिए करोड़ों रुपये दूसरे बैंक से उसमें ट्रांसफर कराया गया. जबकि जांच में यह तथ्य सामने आये हैं कि मई 2017 में इंडसइंड बैंक और कोडक महिंद्रा के साथ एनएचआइ का करार हुआ था. इसके तहत एनएचआइ का जो भी पैसा बैंक ऑफ इंडिया और दूसरे बैंकों में था, उसे इंडसइंड बैंक में ट्रांसफर किया जाना था. मामले में एनएचआइ ने झारखंड सरकार को भी पत्र भेज कर निर्देश दिया था. इसी आधार पर बैंक ऑफ इंडिया से पैसे का ट्रांसफर इंडसइंड बैंक में किया गया था.
कब क्या हुआ था
इंडसइंड बैंक के अधिकारी अद्वैत हेबर ने 18 अगस्त 2017 को ट्विट किया था. कहा था कि सीएस ने अपने बेटे की कंपनी में निवेश के लिए कहा है, तभी वह हमारा पैसा रिलीज करेंगी. इस ट्वीट के बाद मंत्री सरयू राय ने 25 अगस्त 2017 को मुख्यमंत्री रघुवर दास को पत्र लिख कर मामले की जांच कराने का आग्रह किया था.
मंत्री का कहना था कि यह गंभीर मामला है, इसकी जांच होनी चाहिए़ 31 अगस्त 2017 को स्पेशल ब्रांच को मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव ने भी जांच सौंपा था. इसके बाद सरकार की ओर से स्पेशल ब्रांच को जांच का जिम्मा दिये जाने की बात कही गयी थी.