रांची़ : कोतवाली, महिला थाना और दीया सेवा संस्थान के प्रयास से अपर बाजार के एक व्यवसायी के घर काम कर रही नाबालिग बच्ची को मुक्त कराया गया़ ओड़िसा की यह बच्ची 10 साल पहले अपने घरवालों से बिछड़ गयी थी़
बच्ची माता-पिता से मिलकर भावुक हो गयी़ बच्ची को प्रेमाश्रय में रखा गया है़ गुरुवार को बच्ची को सीडब्ल्यूसी के समक्ष पेश किया जायेगा़ फिर बच्ची को उसके माता-पिता काे सौंपने का निर्णय लिया जायेगा़
क्या है मामला : दीया सेवा संस्थान की सचिव सीता स्वांसी ने बताया कि ओड़िसा निवासी छह और आठ साल की दो बच्चियां 2008 में घर के पास फूल तोड़ने निकली थीं. दोनों बच्चियां बहन है़ उसी समय दोनों का अपहरण हुआ था़ दोनों को मुंबई ले जाया गया़
वहां से फिर दोनों को रांची लाया गया. दोनों लड़कियों को अलग-अलग रखा गया. इसी क्रम में बड़ी बहन भाग कर रांची में रह रही चुटिया निवासी पूनम देवी के पास पहुंची और बताया कि वह अनाथ है. पूनम देवी ने अनाथ समझ कर बाद में उसे बहू बना लिया. फिर उसकी बहू अपने पति के साथ ओड़िसा अपने माता-पिता के पास पहुंची.
मां दूसरी बहन को नहीं देखकर रोने लगी़ उसने बताया कि वह जानती है कि उसकी छोटी बहन कहां है़ इसके बाद रांची लौटने पर पूनम देवी बहू को लेकर अपर बाजार स्थित व्यवसायी के घर पहुंची, जहां से दूसरी नाबालिग बच्ची को मुक्त कराया गया़