रांची/ नगड़ी : पिस्का रेलवे स्टेशन के समीप मारे गये भाजपा नेता पंकज लाल गुप्ता मामले में पुलिस को आरंभिक जांच में पता चला है कि झारखंड के दो बड़े गिरोह के बीच गैंगवार होनी थी. इसी वजह से एक गिरोह ने दूसरे गिरोह से जुड़े एक व्यक्ति की हत्या की सुपारी दी थी. लेकिन शूटरों ने गलतफहमी में पंकज लाल गुप्ता की हत्या कर दी.जानकारी के मुताबिक पुलिस ने गिरोह के सात बड़े अपराधियों को गिरफ्तार किया है,
जिनके पास से करीब 20 लाख नकद, एक एके-47 राइफल, करीब एक दर्जन पिस्टल और बड़ी संख्या में कारतूस बरामद किये गये हैं. इसके साथ ही अपराधियों ने हत्याकांड में शामिल शूटरों और उनके पते के बारे में पुलिस को जानकारी दी है, जिनकी तलाश में पुलिस की छापेमारी जारी है. हालांकि खबर लिखे जाने तक पुलिस ने किसी अपराधी के पकड़े जाने या हथियार बरामद होने की अाधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं की है.
11 मार्च काे हुई थी हत्या: उल्लेखनीय है कि लोहरदगा के शास्त्री चौक निवासी पंकज गुप्ता की हत्या अपराधियों ने 11 मार्च की सुबह नगड़ी थाना क्षेत्र के पिस्का स्टेशन के पास स्थित रामलाल होटल के बाहर गोली मारकर कर दी थी.
गलतफहमी के शिकार हुए
पुलिस सूत्रों की माने तो पुरानी रंजिश में भोला पांडेय और सुशील श्रीवास्तव गिरोह के बीच गैंगवार होनी थी. यही कारण है कि एक गिरोह ने दूसरे गिरोह के एक सदस्य की हत्या करने के लिए भारी मात्रा में हथियार की व्यवस्था की थी. इसके साथ ही गिरोह से जुड़े खलारी के एक व्यक्ति की हत्या की सुपारी शूटरों को दी थी. जिस समय दूसरे गिरोह से जुड़े व्यक्ति के पिस्का रेलवे स्टेशन के पास पहुंचने की बात थी, उसी समय भाजपा नेता पंकज लाल गुप्ता वहां खड़े थे. इसी दौरान किसी ने गलतफहमी में पंकज लाल की पहचान गिरोह से जुड़े व्यक्ति के रूप में कर दी, जिसके कारण शूटरों ने उनकी हत्या कर दी.