झारखंड में मानव तस्करी और पलायन बड़ी समस्या

रांची: कैंपेन फॉर राइट टू एजुकेशन इन झारखंड और चाइल्ड रिलीफ एंड यू द्वारा झारखंड में बाल तस्करी की रोकथाम विषय पर राज्यस्तरीय परामर्श का आयोजन एसडीसी में किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित सीआइडी आइजी संपत मीणा ने कहा कि राज्य में महिलाओं और बच्चों का पलायन और ट्रैफिंकिंग बड़ी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 20, 2014 7:40 AM

रांची: कैंपेन फॉर राइट टू एजुकेशन इन झारखंड और चाइल्ड रिलीफ एंड यू द्वारा झारखंड में बाल तस्करी की रोकथाम विषय पर राज्यस्तरीय परामर्श का आयोजन एसडीसी में किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित सीआइडी आइजी संपत मीणा ने कहा कि राज्य में महिलाओं और बच्चों का पलायन और ट्रैफिंकिंग बड़ी समस्या है़.

इससे बचने के लिए जागरूकता जरूरी है़ रोजगार के लिए गांव से बाहर जाने वालों का निबंधन जरूर करायें. उन्हें लेकर जाने वाली एजेंसी और दलालों का पूरा पता, फोटो और फोन नंबर भी अवश्य रखें. इन मामलों में राज्य के सबसे संवेदनशील आठ जिलों में एंटी ट्रैफिकिंग यूनिट का गठन किया गया है़ गुम हुए बच्चों की सूचना 9471300008 और कंट्रोल रूम को फोन नंबर 100 पर सूचना दे सकते हैं. यूनिसेफ की प्रीति श्रीवास्तव ने कहा कि किसी काम के लिए बहला-फुसलाकर ले जाने, इसमें शोषण के शामिल रहने और बंधुवा मजदूरी कराने जैसे मामले मानव तस्करी से जुड़े हैं. इस तरह के मामलों में झारखंड और छत्तीसगढ़ आगे हैं.

झारखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्या डॉ सुनीता कात्यायन ने कहा कि झारखंड की गरीबी और लोगों के भोलेपन का फायदा दलाल उठाते हैं. परिवारों में नशापान की प्रवृत्ति इसे बढ़ावा देती है़ सेव द चिल्ड्रेन के महादेव हंसदा ने कहा कि गांवों में रोजगार के अवसर नहीं होने से इस तरह की घटनाएं होती हैं. जेरोम जेराल्ड कुजूर ने क्रेज के 14 सालों की यात्र की जानकारी दी़.

परामर्श में सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष शंभू कुमार यादव, सीडब्लूसी पाकुड़ के अध्यक्ष शंभुनाथ यादव, क्राई के अभिजीत मुखर्जी, वासवी कीड़ो, पीयूष सेनगुप्ता, कालेश्वर मंडल, इंद्रमणि साहू, बैधनाथ, अभय और अरुण आनंद ने भी संबोधित किया़ बाल सखा की ओर से नुक्कड़ नाटक और विभिन्न जिलों से प्राप्त केस स्टडी भी प्रस्तुत किये गय़े मंच का संचालन मनोरमा एक्का ने किया़.

Next Article

Exit mobile version