खूंटी गैंग रेप: पत्थलगड़ी समर्थक जॉन तिड़ू मास्टरमाइंड, पीएलएफआइ भी शामिल

रांची : खूंटी के अड़की में पांच युवतियों के साथ हुए गैंगरेप मामले में कोचांग मिशन स्कूल के फादर अल्फाेंस आइंद के अलावा पत्थलगड़ी समर्थक अजूब सांडी पूर्ति व आशीष लोंगो को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. अल्फोंस आइंद को पीड़िताओं को नहीं बचाने, पुलिस को घटना की सूचना नहीं देने व पीड़िताओं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 24, 2018 7:33 AM

रांची : खूंटी के अड़की में पांच युवतियों के साथ हुए गैंगरेप मामले में कोचांग मिशन स्कूल के फादर अल्फाेंस आइंद के अलावा पत्थलगड़ी समर्थक अजूब सांडी पूर्ति व आशीष लोंगो को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. अल्फोंस आइंद को पीड़िताओं को नहीं बचाने, पुलिस को घटना की सूचना नहीं देने व पीड़िताओं को आरोपियों के साथ जाने के लिए कहने को लेकर अड़की थाने में दर्ज मामले में जेल भेजा गया है, जबकि अजूब सांडी पूर्ति व आशीष लोंगो को खूंटी के महिला थाने में गैंग रेप को लेकर दर्ज मामले में जेल भेजा गया है.

अब भी पूरे वारदात का मास्टरमाइंड और पत्थलगड़ी अभियान में सक्रिय भूमिका निभानेवाला जॉन जोनास तिड़ू, जुनास मुंडू, पीएलएफआइ के एरिया कमांडर बाजी समद उर्फ टकला व उग्रवादी नोएल सांडी पूर्ति पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं. पुलिस पूर्व में ही उग्रवादी टकला की तस्वीर जारी कर चुकी है. टकला पर 50 हजार के इनाम की भी घाेषणा की गयी है. इस मामले में चौंकानेवाला तथ्य यह है कि पत्थलगड़ी समर्थकों के साथ प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीएलएफआइ के सदस्यों की संलिप्तता सामने आयी है. एडीजी अभियान आरके मल्लिक ने डीआइजी अमोल वीणुकांत होमकर के प्रेस वार्ता कर मीडिया को जानकारी दी. इस मौके पर खूंटी एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा भी मौजूद थे. इस बीच खबर है कि आरोपियों को सजा दिलाने के लिए पुलिस, केस का स्पीडी ट्रायल करायेगी. यह निर्णय केस की गंभीरता को देखते हुए शनिवार की शाम पुलिस अधिकारियों ने लिया है. पुलिस अधिकारियों के अनुसार मामले का ट्रायल फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने के लिए न्यायालय से अनुरोध किया जायेगा.

तिड़ू ने उग्रवादियों को स्कूल में बुलाया : एडीजी आरके मल्लिक ने कहा कि घटना के दिन सबसे पहले पत्थलगड़ी अभियान में सक्रिय भूमिका निभानेवाला जॉन जोनास तिड़ू कोचांग आरसी मिशन स्कूल पहुंचा था. वहां पहुंचने के बाद उसने नुक्कड़ नाटक मंडली के सदस्यों को देखा. फिर अपने सहयोगियों के साथ ही पीएलएफआइ उग्रवादियों को भी मौके पर बुला लिया. इसके बाद सभी स्कूल पहुंचे. वहां पर जॉन जोनास तिड़ू ने स्कूल के फादर अल्फोंस आइंद से बात की. उनसे कहा कि नुक्कड़ नाटक करनेवाले पुलिस के जासूस व पत्थलगड़ी के विरोधी हैं. इसलिए हम लोग इनको सबक सिखाएंगे. इसके बाद वहां मौजूद नुक्कड़ नाटक मंडली के साथ ही स्कूल की दो नन (सिस्टर) को भी वे ले जाने लगे. तब फादर ने उससे कहा कि इनमें दो नन हैं, इन्हें छोड़ दो.
वहीं नुक्कड़ मंडली में शामिल महिला व पुरुषों से कहा कि आप लोग इनके साथ चले जाएं. ये लोग आप लोगों को जल्द छोड़ देंगे. इसके बाद मंडली के सदस्यों ने फादर से बचाने की गुहार लगायी, लेकिन न तो उन्होंने बचाया और न हीं पुलिस को इसकी सूचना दी. इसके बाद मंडली की गाड़ी से ही पांच महिलाओं व चार पुरुषों को बैठा कर छोटाअली के पास स्थित जंगल में ले गये. वहां पर पुरुषों को वाहन में ही बंधक बना कर जुनास मुंडू, आशीष लोंगो व एक किशोर की निगरानी में रखा, जबकि पांचों महिलाओं के साथ पीएलएफआइ उग्रवादी नोएल सांडी पूर्ति, उग्रवादी बजी समद उर्फ टकला व अजूब सांडी पूर्ति ने दुष्कर्म किया. वीडियोग्राफी भी मोबाइल फोन से की. इसके बाद आरोपी पुरुष सदस्यों के पास पहुंचे. सभी को वाहन से उतार कर बुरी तरह पीटा. इसके बाद उनको कहा कि तुम लोग अपने-अपने हाथ में पेशाब करो. सभी से हाथ में पेशाब करवाने के बाद, वही पेशाब उनको जबरन पिलवाया. साथ ही चेतावनी दी कि बिना अनुमति के इस क्षेत्र में आये, तो अंजाम इससे भी बुरा होगा. मास्टरमाइंड जॉन जोनास तिड़ू मिशन स्कूल के पास से ही भाग गया.
अजूब सांडी पूर्ति व आशीष लोंगो ने कबूला गुनाह
जेल भेजे जाने से पहले पुलिस ने अजूब सांडी पूर्ति व आशीष लोंगो का दंडाधिकारियों के समक्ष बयान कराया. जिसमें इन लोगों ने अपना गुनाह कबूल करते हुए पूरी घटना की जानकारी दी. इससे पूर्व दोनों की पुलिस की ओर से पहचान परेड भी करायी गययी, जिन्हें पीड़िताओं द्वारा पहचान लिया गया. अजूब सांडी मूल रूप से खूंटी जिले से सटे बंदगांव थाना क्षेत्र के लड़ाउली गांव का रहनेवाला है, जबकि आशीष लोंगाे सोनुवा के गुरुमकेला गांव का रहने वाला है.
एक-एक लाख मुआवजा देने का निर्णय
कोचांग में पांच महिलाओं के साथ हुई गैंगरेप की घटना को विधिक सेवा प्राधिकार अध्यक्ष सह प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश अभय कुमार सिन्हा ने गंभीरता से लिया है. पीड़ितों को मुआवजा दिलाने के बाबत श्री सिन्हा की अध्यक्षता में विक्टिम कंपंसेसन स्कीम के तहत बैठक हुई. इसमें एक-एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया गया. साथ ही पांचों पीड़िताआें को डीसी से जल्द से जल्द आर्थिक सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया गया है. बैठक में डालसा के उपाध्यक्ष सह डीसी सूरज कुमार, सदस्य सह एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा, सचिव कंकण पट्टादार व अन्य शामिल हुए.

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