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खूंटी में पत्थलगड़ी समर्थकों के पीएलएफआइ के उग्रवादियों से संबंध की पहली बार हुई पुष्टि

पूर्व में पुलिस को मिलती थी सूचना, लेकिन नहीं हुई थी पुष्टि रांची : खूंटी के कोचांग में गैंग रेप मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पहली बार पत्थलगड़ी में शामिल नेता और इसके समर्थकों के संबंध पीएलएफआइ के उग्रवादियों से होने की पुष्टि हुई है. पुलिस की जांच में यह बात सामने आ […]

पूर्व में पुलिस को मिलती थी सूचना, लेकिन नहीं हुई थी पुष्टि

रांची : खूंटी के कोचांग में गैंग रेप मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पहली बार पत्थलगड़ी में शामिल नेता और इसके समर्थकों के संबंध पीएलएफआइ के उग्रवादियों से होने की पुष्टि हुई है. पुलिस की जांच में यह बात सामने आ चुकी है कि पत्थलगड़ी का प्रमुख चेहरा और नेता जॉन जोनास तिड़ू घटना से पहले जंगल में बैठे पीएलएफआइ के उग्रवादियों, अपराधी और पत्थलगड़ी समर्थकों के पास गया था. उसने उग्रवादियों को बताया कि नुक्कड़ नाटक करने वाले पुलिस और प्रशासन के जासूस और पत्थलगड़ी विरोधी हैं.
इसलिए तुम लोग इनका अपहरण कर सबक सिखाओ. पुलिस की जांच में आये तथ्यों के अनुसार जाेनास तिड़ू ने उग्रवादियों को बताया था कि नुक्कड़ नाटक के कलाकार आरसी मिशन स्कूल जाने वाले हैं. घटना में शामिल नोएल सांडी पूर्ति और बाजी समद उर्फ टकला पीएलएफआइ के उग्रवादी हैं. पुलिस अधिकारियों के अनुसार पूर्व में इस बात की सूचना पुलिस को मिलती थी कि पत्थलगड़ी के समर्थकों का पीएलएफआइ के उग्रवादियों से संबंध है, क्योंकि जिन इलाके में पत्थलगड़ी हो चुकी है. उनमें अधिकांश इलाके में पीएलएफआइ का प्रभाव है. और बिना उग्रवादियों के समर्थन के पत्थलगड़ी करना एक तरह से संभव भी नहीं होता. लेकिन पूर्व में कभी दोनों के बीच संबंध होने की पुष्टि नहीं हुई थी. उल्लेखनीय है कि खूंटी जिला के विभिन्न गांवाें में पत्थलगड़ी को लेकर खूंटी जिला के विभिन्न थानाें में केस दर्ज है. केस की समीक्षा स्थानीय पुलिस से लेकर पुलिस मुख्यालय के अधिकारी तक करते हैं.
मामले में पत्थलगड़ी से जुड़े मामले में सरकार से लेकर पुलिस अधिकारी तक कार्रवाई का निर्देश दे चुके हैं. पुलिस मुख्यालय से हाल के दिनों में पत्थलगड़ी में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए खूंटी एसपी को अतिरिक्त पुलिस बल भी उपलब्ध कराया गया था. लेकिन पुलिस ने कभी पत्थलगड़ी के नेताओं पर ठोस कार्रवाई नहीं की. गैंग रेप की घटना से यह यह सवाल भी उठने लगे कि अगर पुलिस ने पत्थलगड़ी में शामिल लोगों पर ठोस कार्रवाई की होती, तो शायद पांचों लड़कियों की इज्जत बच सकती थी.
घटना की जांच करने राष्ट्रीय व राज्य महिला आयोग की टीम पहुंची खूंटी
पीड़िताओं का दर्द सुन कांप गया कलेजा : आयोग
रांची/खूंटी : राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कल्याणी शरण ने कहा कि पांचों पीड़िताओं से मैंने बात की. सभी ने अमानवीय पीड़ा का जो दर्द बयां किया है, उससे कलेजा कांप गया. ऐसे हैवानों को फांसी की सजा भी कम है. ऐसी घटना की जितनी भर्त्सना की जाये, वह कम है. वे शनिवार को राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम के साथ मामले की जांच करने खूंटी पहुंची थी. अध्यक्ष ने कहा कि पापी पेट के लिए नुक्कड़ नाटक करने महिलाएं गयी थीं. इनमें विधवा, दो बच्चों की मां और अविवाहिताएं थीं. सभी का अपहरण कर उन्हें वाहन से ले जाया गया. वाहन में पांच महिलाओं के अलावा उनके तीन पुरुष सहयोगी व एक चालक था. वाहन को जंगल में ले जाने के बाद पुरुषों को वाहन में ही लॉक कर दिया गया. जबकि पांचों महिलाओं को आठ किमी दूर पैदल चलाकर पहाड़ पर घने जंगल में ले गये. वहां तीन लोगों ने वीभत्स तरीके से पांचों के साथ बार-बार रेप करते रहे. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आशा किरण संस्था के साथ मिल कर महिलाएं नुक्कड़ नाटक कर रही थीं, लेकिन संस्था की ओर से इसकी सूचना पुलिस या प्रशासन को नहीं दी गयी. अगर दी गयी होती, तो दोषी प्रशासन होता. पीड़िताअों की सहायता के लिए बतौर मुआवजा पांच लाख रुपये सरकार की ओर से दिये गये हैं.
उपकारा में रखा है पीड़िताओं को: आयोग की टीम खूंटी उपकारा में पीड़िताओं से मिलने गयी, लेकिन घटनास्थल नहीं गयी. राष्ट्रीय महिला आयोग की अवर सचिव प्रीति कुमार ने कहा कि सच्चाई जानने आयी हूं. उचित कार्रवाई होगी और उचित दंड भी मिलेगा. श्रीमती शरण ने पीड़िताओं को उपकारा में रखे जाने के सवाल पर कहा कि प्रशासन कहीं भी रखे यह उनकी जिम्मेदारी है़ पीड़िताओं से मिल कर आयी हूं. सभी सुरक्षित हैं.
आयोग अध्यक्ष ने कहा मेडिकल रिपोर्ट नहीं मिली
खूंटी : राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कल्याणी शरण ने शनिवार रात साढ़े आठ बजे कहा कि गैंग रेप की शिकार पीड़िताओं की मेडिकल रिपोर्ट नहीं आयी है. जबकि खूंटी डीसी सूरज कुमार ने कहा कि मेडिकल रिपोर्ट आ गयी है, लेकिन रिपोर्ट में क्या आया है इस पर उन्होंने कुछ नहीं बताया. इस बाबत पूछे जाने पर कहा कि अनुसंधान से जुड़ी बातें नहीं बता सकता.
कैसे हुई गैंग रेप की पुष्टि
गैंग रेप की पुष्टि कैसे हुई. इस सवाल पर डीसी ने कहा कि वह तो घटना के सामने आने पर ही हो गयी थी़ वीडियो और फोटो से दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी़. कोर्ट में 164 के तहत बयान दर्ज किया गया है़ उसमें भी इसकी पुष्टि हुई है. दूसरी तरफ, सिविल सर्जन डॉ विनोद उरांव ने कहा कि गैंग रेप पीड़िताओं की मेडिकल जांच के लिए बोर्ड गठित की गयी थी़ बोर्ड ने अपनी रिपाेर्ट सौंप दी है़ रिपाेर्ट में क्या आया, यह पूछे जाने पर कहा कि इसकी जानकारी नहीं है़ जानकारी बोर्ड को होगी. जबकि एसपी ने कहा कि रांची में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में पूरी जानकारी मीडिया को दे दी गयी है, जबकि यह बातें मीडिया को नहीं बतायी गयी.

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