जमशेदपुर के गुरुद्वारा में शहीदी पर्व पर तलवारें चलीं,छह घायल

शहीदी पर्व पर 45 मिनट तक रणक्षेत्र बना रहा गुरुद्वारा परिसर, पहले छींटाकशी, फिर भिड़ गये दोनों गुट जमशेदपुर : टिनप्लेट गुरुद्वारा परिसर में शहीदी पर्व के दौरान रविवार को दो गुटों (सरदार गुरुचरण सिंह बिल्ला और मंजीत सिंह गुट) में तलवारबाजी हुई जिसमें दोनों ओर से तीन-तीन लोग घायल हुए. घायलों को एमजीएम अस्पताल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 2, 2014 5:51 AM

शहीदी पर्व पर 45 मिनट तक रणक्षेत्र बना रहा गुरुद्वारा परिसर, पहले छींटाकशी, फिर भिड़ गये दोनों गुट

जमशेदपुर : टिनप्लेट गुरुद्वारा परिसर में शहीदी पर्व के दौरान रविवार को दो गुटों (सरदार गुरुचरण सिंह बिल्ला और मंजीत सिंह गुट) में तलवारबाजी हुई जिसमें दोनों ओर से तीन-तीन लोग घायल हुए. घायलों को एमजीएम अस्पताल में भरती कराया गया है. घायलों में से एक गुरुचरण सिंह बिल्ले को गंभीर स्थिति में टीएमएच रेफर किया गया है. इस संबंध में दोनों पक्ष की ओर से अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. घटना के बाद से टिनप्लेट में पुलिस गश्त बढ़ा दी गयी है. समाचार लिखे जाने तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पायी थी.

ऐसे भिड़े दोनों गुट

शहीदी पर्व पर टिनप्लेट गुरुद्वारा के कार्यवाहक प्रधान सरदार गुरुचरण सिंह बिल्ला कीर्तन पाठ की समाप्ति के बाद वहां मौजूद सम्मानित लोगों को सरोपा बांट रहे थे. इसी दौरान दूसरे गुट के मंजीत सिंह, सुरजीत सिंह, तरसेम सिंह और अन्य वहां पहुंचे और यह कहते हुए विरोध करना शुरू कर दिया कि जब वह (गुरुचरण सिंह बिल्ला) प्रधान नहीं हैं तो यह काम गुरुद्वारा के ज्ञानी को करना चाहिए. उन लोगों ने आरोप लगाया कि बिल्ला द्वारा बांटे जा रहे सरोपे एक पक्ष के लोगों को ही दिये जा रहे हैं.

इसके अलावा इन लोगों ने चुनाव कराने जाने और वोटर लिस्ट में नाम जोड़े जाने की मांग को लेकर जोर-जोर से बोलना शुरू कर दिया. जब गुरुचरण सिंह बिल्ला और उनके समर्थकों ने इस बात का विरोध किया तो बात बिगड़ गयी. इस दौरान बिल्ला पर किये गये हमले में उनकी पगड़ी सिर से खुलकर श्री गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष गिरी. इसके बाद हंगामा मच गया. गुरु घर के अंदर श्री गुरु ग्रंथसाहिब के दशनार्थ बड़ी संख्या में मौजूद लोगों में भगदड़ मच गयी. परिसर में बैठे बुजुर्ग महिला-पुरुष गिर पड़े, बच्चों को गोद में लेकर कुछ महिलाएं भागने लगी. पुरुष वर्ग के लोगों ने दो अलग-अलग गुटों में बंटकर मोरचा संभाल लिया और हंगामा करने लगे.

बिल्ला ने गुरु महाराज के सामने इस तरह की घटना नहीं करने और बाहर निकलने के लिए सभी को ललकारा. लगभग आधा घंटा चले हंगामे के बाद वहां सिदगोड़ा और गोलमुरी थाना की पुलिस पहुंची, जिसने स्थिति को काबू में किया. पुलिस दोनों पक्षों के लोगों को लेकर सिदगोड़ा थाना पहुंची, जहां काफी देर तक हंगामा होता रहा.

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