विधानसभा चुनाव के लिए बिछने लगी गोटियां

रांची: झारखंड की राजनीतिक बिसात पर विस चुनाव के लिए गोटियां बिछने लगी हैं. राजनीतिक विस चुनाव का टेंशन राजनीतिक दलों के सूरमा और विधायकों को अभी से सताने लगा है. विधायक मैदान में कूद गये हैं. अपना-अपना गढ़ बचाने की चिंता है. भाजपा जहां लोस चुनाव के परिणाम से उत्साहित है, वहीं दूसरे दल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 13, 2014 8:18 AM

रांची: झारखंड की राजनीतिक बिसात पर विस चुनाव के लिए गोटियां बिछने लगी हैं. राजनीतिक विस चुनाव का टेंशन राजनीतिक दलों के सूरमा और विधायकों को अभी से सताने लगा है. विधायक मैदान में कूद गये हैं. अपना-अपना गढ़ बचाने की चिंता है.

भाजपा जहां लोस चुनाव के परिणाम से उत्साहित है, वहीं दूसरे दल समीकरण बनाने में लगे हैं. विधानसभा चुनाव से पूर्व कई विधायक इधर-उधर कर सकते हैं. अपना किला बचाने के लिए पाला बदलने की तैयारी भी है. राजनीतिक दल नफा-नुकसान का आकलन अभी से करने लगे हैं. सरकार में शामिल मंत्री भी अपने-अपने क्षेत्र में ज्यादा समय दे रहे हैं. अपने विस क्षेत्र में योजनाओं के शिलान्यास से लेकर काम कराने की बेचैनी बढ़ी है. इधर विपक्षी दलों ने आंदोलन के सहारे संगठन की धार तेज करने की मुहिम शुरू की है. भाजपा, झाविमो ने बिजली संकट को मुद्दा बना कर कार्यकर्ताओं को गोलबंद करने की कोशिश की है. राजनीतिक दल आंदोलन और कार्यक्रम के माध्यम से विधायकों को भी क्षेत्र में जुटने का निर्देश दिया है.

नया समीकरण: प्रदेश में गंठबंधन का नया समीकरण तैयार हो सकता है. नये गंठबंधन के कई कोण होंगे. कांग्रेस, झाविमो, आजसू जैसी पार्टियों को नये साथी की तलाश है. लोकसभा चुनाव में मात खाने के बाद पार्टियां नयी भूमिका तलाश रहीं हैं. चुनाव से पहले गोलबंद हो कर मुकाबला करने की भी रणनीति है. चर्चा है कि कांग्रेस-झाविमो नजदीक आ सकते हैं.

कई नये चेहरे भी लगायेंगे दावं
विधानसभा चुनाव में कई नये चेहरे भी दावं लगायेंगे. लोस चुनाव में कांग्रेस-भाजपा में कई लोगों ने टिकट के लिए लॉबिंग की थी. लेकिन सफलता नहीं मिली. ऐसे लोग विधानसभा चुनाव में दम लगा सकते हैं.

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