छोटे बालूघाटों के लिए भी पर्यावरण स्वीकृति जरूरी

रांची: राज्य के छोटे बालू घाटों को भी अब पर्यावरण स्वीकृति लेनी होगी. इसके बाद ही बालू का उठाव किया जा सकता है. इसके तहत पांच हेक्टेयर से कम क्षेत्रफल वाले बालू घाटों को भी पर्यावरण स्वीकृति लेकर ही बालू का उठाव करना होगा. छह जून को ग्रीन ट्रिब्यूनल ने यह आदेश जारी की. अब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 14, 2014 7:52 AM

रांची: राज्य के छोटे बालू घाटों को भी अब पर्यावरण स्वीकृति लेनी होगी. इसके बाद ही बालू का उठाव किया जा सकता है. इसके तहत पांच हेक्टेयर से कम क्षेत्रफल वाले बालू घाटों को भी पर्यावरण स्वीकृति लेकर ही बालू का उठाव करना होगा.

छह जून को ग्रीन ट्रिब्यूनल ने यह आदेश जारी की. अब खान विभाग द्वारा भी ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर सभी डीएमओ को आदेश जारी करने की तैयारी की जा रही है.

क्या है मामला
पूर्व में भी ग्रीन ट्रिब्यूनल ने यह आदेश जारी किया था कि बालू घाट, पत्थर खदान और क्रशर के लिए पर्यावरण स्वीकृति लेनी होगी. पर केंद्रीय वन वपर्यावरण मंत्रालय ने एक आदेश जारी कर राज्य सरकारों को निर्देश दिया था कि पांच हेक्टेयर से कम क्षेत्रफल वाले खदानों और बालू घाटों के लिए एनओसी लेने की जरूरत नहीं है. इसके बाद छोटे बालू घाटों को झारखंड में एनओसी से मुक्त कर दिया गया. अब दोबारा ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के बाद एक बार फिर बालू घाटों के लिए एनओसी लेना होगा. खान विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि डीएमओ को निर्देश दिया जायेगा कि बालू घाटों की पर्यावरण स्वीकृति को सुनिश्चित करें.

Next Article

Exit mobile version