राजधानी सहित राज्य में क्राइम कंट्रोल के लिए योजना तैयार

अमन तिवारी, रांची : राजधानी सहित राज्य में क्राइम कंट्रोल के लिए गृह सचिव एसकेजी रहाटे ने योजना तैयार की है. योजना से संबंधित बिंदुओं पर कार्रवाई के लिए पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के एसपी को रिपोर्ट भेज दिया है. गृह सचिव ने संगठित गिरोह से जुड़े अपराधियों व जेल में बंद पेशेवर और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 25, 2018 1:32 AM
अमन तिवारी, रांची : राजधानी सहित राज्य में क्राइम कंट्रोल के लिए गृह सचिव एसकेजी रहाटे ने योजना तैयार की है. योजना से संबंधित बिंदुओं पर कार्रवाई के लिए पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के एसपी को रिपोर्ट भेज दिया है. गृह सचिव ने संगठित गिरोह से जुड़े अपराधियों व जेल में बंद पेशेवर और संपत्ति के लिए अपराध करनेवाले अपराधियों के सत्यापन पर विशेष जोर दिया है.
इसके अलावा क्राइम कंट्रोल को लेकर उन्होंने केस का अनुसंधान समय पर पूरा करने, वारंटियों को गिरफ्तार करने का भी टास्क पुलिस को सौंपा है. उन्होंने क्राइम कंट्रोल और केस के अनुसंधान के लिए डीएसपी रैंक से लेकर एसपी, डीआइजी और आइजी रैंक के अफसरों की भूमिका भी सुनिश्चित की है.
क्राइम कंट्रोल के लिए गृह सचिव की क्या हैं योजनाएं
जेल में बंद वैसे अपराधी जो लूट, डकैती और हत्या सहित अन्य घटनाओं को अंजाम देने के आरोप में बंद हैं, उनसे जेल में मिलनेवालों की पहचान और सत्यापन कराया जाये. ताकि उनके द्वारा भविष्य में बनायी जानेवाली योजना के बारे में जानकारी मिल सके.
अपराधियों के संभावित शरण स्थली जैसे रांची जिला के ओवरब्रिज के नीचे का इलाका, जगन्नाथपुर मंदिर के पास का इलाका, महिलौंग और आरा गेट का इलाका, कांके का चूड़ी टोला इलाका, तुपुदाना के बंद पड़े कारखाने, धुर्वा स्थित एचइसी के खाली पड़े क्वार्टर में अनाधिकृत रूप से रह रहे लोगों के खिलाफ घेराबंदी कर छापेमारी की जाये.
संगठित अपराध और संगठित गिरोह से जुड़े अपराधियों के बारे में सत्यापन कर रिकॉर्ड तैयार किया जाये. सरगना और सदस्यों के हाल का फोटो एनसीआरबी की वेबसाइट पर अपलोड किया जाये. साथ ही फरार अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए पुरस्कार की घोषणा की जाये. मामले में सीआइडी ने 80 से अधिक अपराधियों की सूची पुरस्कार घोषित करने के लिए तैयार की है. इसमें 20 से अधिक अपराधियों का सत्यापन भी किया जा चुका है.
अपराधिक घटनाओं से संबंधित केस से निबटाने की लिए भी गृह सचिव ने पुलिस अधिकारियों को टास्क दिया है. उन्होंने जहां छापेमारी अभियान चलाकर वारंटियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने को कहा है, वहीं संदिग्ध गतिविधि में शामिल लोग और आपराधिक चरित्र वाले व्यक्ति का सत्यापन कर उनके खिलाफ दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 109 और 116 के तहत विधि पूर्वक कार्रवाई करने को कहा है.
संबंधित रेंज के डीआइजी व आइजी को अापराधिक केस के अनुसंधान और क्राइम कंट्रोल के लिए नियमित अंतराल पर थाना प्रभारी, डीएसपी, एसपी के साथ बैठक की जिम्मेवारी सौंपी गयी है. पुलिस मुख्यालय द्वारा भी इसकी समीक्षा भी की जाये.
थाना निरीक्षण के दौरान के दौरान पुलिस अधिकारी थाना में अपराधियों के तैयार रिकॉर्ड पर विशेष ध्यान दें, ताकि समय पर आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की जा सके.
डीएसपी के कार्यों की भी समीक्षा एसपी, डीआइजी, आइजी और पुलिस मुख्यालय करे. डीएसपी नियमित तौर पर क्षेत्र का निरीक्षण करने के दौरान थाना का भी निरीक्षण करें, ताकि क्राइम कंट्रोल में डीएसपी का अधिक से अधिक योगदान लिया जा सके.

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